दिव्यांगजनों की प्रतिभा सामने लाने के लिए सतत कार्यक्रमों का आयोजन होता रहे – कलेक्टर सुश्री बाफना
शाजापुर, 03 दिसम्बर 2024/ मानव जीवन में कुछ स्वस्थ्य एवं कुछ अस्वस्थ रूप से जन्म लेते हैं, जीवन ईश्वर का वरदान है। अस्वस्थ दिव्यांग बच्चों के प्रति समाज संवेदनशीलता रखे और उनके हुनर को प्रोत्साहित करें। यह बात क्षेत्रीय विधायक श्री अरूण भीमावद ने आज विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर नव ज्योति विशेष विद्यालय में संपन्न हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना, नगरपालिका उपाध्यक्ष श्री संतोष जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. विवेक दुबे, अनुविभागीय अधिकारी गुलाना एवं प्रभारी उपसंचालक सामाजिक न्याय श्री सत्येन्द्र प्रसाद सिंह, डीपीसी श्री राजेन्द्र शिप्रे, नव ज्योति विशेष विद्यालय के मैनेजर फादर तोपिल, बैंगलोर से आए बिशप फादर सेबेस्टियन, उज्जैन से आए बिशप फादर सेबेस्टियन, श्री उमेश टेलर, श्री शीतल भावसार, नगरपालिका पूर्व उपाध्यक्ष श्री मनोहर विश्वकर्मा, श्री पीरूलाल चौहान, बीआरसी श्री योगेश भावसार, श्री विजय पगारे, सिस्टर एंटेसी सहित शिक्षक-शिक्षिका, गणमान्य नागरिक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
विधायक श्री भीमावद ने संबोधित करते हुए कहा कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चों एवं उन्हें शिक्षित करने वाली संस्था के प्रति संवेदनशीलता रखें और संस्था के शिक्षकों का उत्साहवर्धन करें।
कलेक्टर सुश्री बाफना ने विश्व दिव्यांग दिवस पर आयोजित हुई खेल प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले बच्चों की प्रशंसा करते हुए शुभकामनाएं दी और कहा कि बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्यक्रम होते रहना चाहिये। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों में छिपी प्रतिभा को सामने लाने के लिए उन्हें प्रोत्साहन की आवश्यकता है।
इस अवसर पर प्रभारी उपसंचालक श्री सत्येन्द्र प्रसाद सिंह ने संबोधित करते हुए विभागीय योजनाओं की जानकारी देते हुए प्रगति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नव जीवन स्कूल सेवा के लिए जाना जाता है। समाज में दिव्यांगजनों की उतनी ही भागीदारी है, जितनी की आमजनों की। दिव्यांग कमजोर नहीं है उन्हें प्रोत्साहन की आवश्यकता है। नव ज्योति विद्यालय के मैनेजर फादर तोफिस ने संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चें समाज का हिस्सा हैं, वे अपने सामर्थ्य से बहुत कुछ कर सकते हैं।
इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई, जिसकी सभी ने तालियां बजाकर मुक्त कंठ से सराहना की। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले बच्चों को प्रमाण-पत्रों का वितरण भी किया गया।