‘सरकार ने सही फैसला किया, सम्मान वापस ग्रहण करेंगे’, कुश्ती संघ को निलंबित करने के बाद बोले बजंरग पूनिया
खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती संघ को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी। मंत्रालय ने साथ ही कहा कि नई संस्था ‘पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण’ में काम कर रही थी जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है। खेल मंत्रालय के इस फैसले का पहलवान बजरंग पूनिया ने स्वागत किया है।
सरकार ने बिल्कुल सही फैसला लिया
पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, ‘सरकार ने बिल्कुल सही फैसला लिया है। हमारे ऊपर कई इल्जाम लगाए गए, राजनीति की गई। जब हम पदक जीतते हैं तो देश के होते हैं। खिलाड़ी कभी भी जात-पात नहीं देखते। एक साथ एक थाली में खाते हैं। पूनिया ने कहा हमारी बहन-बेटियों के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं उसके खिलाफ संबंधित लोगों को हटाया जाना चाहिए।
हम सम्मान वापस ग्रहण करेंगे
बजरंग ने कहा, ”सैनिकों और खिलाड़ियों से ज्यादा कोई भी मेहनत नहीं करता। हमें देशद्रोही कहा गया लेकिन हम ऐसे नहीं हैं। हम अपने तिरंगे के लिए खून पसीना बहाते हैं। हमें जीतने पर पुरस्कार मिलता है। हम उसे वापस ले सकते हैं। हम सम्मान वापस ग्रहण करेंगे। साक्षी के संन्यास से लौटने पर मैं कुछ नहीं कह सकता।” बजरंग पूनिया ने कहा कि संघ खिलाड़ियों की मदद के लिए बनाई जाती है, उन्हें परेशान करने के लिए नहीं। हम निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं। हमने सरकार के लोगों से भी सहायता मांगी। महिला सांसदों को भी खत लिखा था, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। विपक्ष ने हमारा साथ दिया।
महासंघ अगले आदेश तक निलंबित
खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया। महासंघ अगले आदेश तक निलंबित रहेगा। डब्ल्यूएफआई कुश्ती के दैनिक कामकाम को नहीं देखेगा। उन्हें उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है।” विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के साथ बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया ने पूर्व अध्यक्ष के विश्वासपात्र संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को लौटा दिया था। इससे एक दिन पहले साक्षी ने भी कुश्ती को अलविदा कह दिया था।