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➡️ राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना की अध्यक्षता में आज कलेक्टर सभाकक्ष में राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण के लिए कार्यशाला संपन्न हुई। कलेक्टर ने तम्बाकू के दुष्प्रभावों से विद्यार्थियों एवं आमजन को अवगत कराने के लिए शिविर लगाने तथा जनप्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों को भी तम्बाकू नियंत्रण में सहयोग प्रदान करने के लिए प्रेरित करें। विद्यालयों के आसपास तम्बाकू के उत्पाद बेचने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करें। सार्वजनिक स्थल पर धुम्रपान करने वालों पर जुर्माना लगाएं।
कार्यशाला में परियोजना समन्वयक, मध्य प्रदेश वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन श्री आनन्द ने तंबाकू नियंत्रण कानून (COTPA-2003) की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत में 13 से 14 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण होती है। वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (2016-17) के अनुसार मध्य प्रदेश में 34 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू सेवन करते हैं, और वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (GYTS-2019) के अनुसार मध्य प्रदेश में 13-15 वर्ष के 3-9 प्रतिशत विद्यार्थी किसी न किसी रूप में तंबाकू सेवन करते हैं। तंबाकू समस्या को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार द्वारा तंबाकू नियंत्रण कानून सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) अधिनियम 2003 (कोटपा – 2003) बनाया गया है। इस कानून की धारा-6 के अनुसार नाबालिगों को/द्वारा तंबाकू उत्पाद की बिक्री दंडनीय अपराध है। शैक्षिक संस्थानों की 100 गज दूरी में किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पाद की बिक्री प्रतिबंधित है।
इसी के साथ उन्होंने यह भी बताया की तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान-भारत सरकार की तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान गाईडलाइन्स, राज्य सरकार के आदेश एवं भारतीय तम्बाकू नियंत्रण कानून (COTPA-2003) की विभिन्न धाराओं के अनुसार जिले के समस्त शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाया जाए। इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट प्रतिषेध अधिनियम, 2019 के अनुसार ई – सिगरेट पूर्णतः प्रतिबंधित है। प्रतिषेध कानून 2019 की धारा 4 के अनुसार ई – सिगरेट का उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, विज्ञापन पर प्रतिषेध है। जिले में यदि कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्षतः या परोक्ष रूप से इसमें लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ उचित दंडात्मक कार्यवाही की जा सकती राज्य सरकार ने हुक्का बार प्रतिबंधित किया है। यदि कोई हुक्का बार संचालित करते हुए पाया जाता है तो दंडात्मक कार्यवाही के रूप में आर्थिक हर्जाना एवं कारावास का प्रावधान है। “तम्बाकू मुक्त गाँव” भारत सरकार की (Standard Operating Procedure) 2024 के अनुसार जिले में तम्बाकू मुक्त गाँव बनाने की जानकारी सांझा की गयी।
बैठक में सीएमएचओ डॉ. अजय सालविया, सिविल सर्जन डॉ. एमके जोशी, डीएमओ डॉ. ललित शर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रीमती दीपा टटवाड़े, अधीक्षण यंत्री विद्युत वितरण श्री एसएन वर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
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