सभी दूध डेयरियों में दूध की गुणवत्ता (फेट) चेक करने की मशीनें लगाना अनिवार्य- फेट मशीन नहीं लगाने पर होगी कार्रवाई।
मिलावटखोरों के विरूद्ध चल रहे अभियान को गति देकर और अधिक प्रभावी बनाया जायेगा।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक संपन्न।
आमजन को सुरक्षित खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु जिला प्रशासन कटिबद्ध है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए सख्त हिदायत दी है कि मानव जीवन के लिये असुरक्षित तथा अमानक खाद्य पदार्थों का निर्माण और विक्रय करने वालों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जायेगा। उनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही करते हुए आपराधिक प्रकरण भी कायम किये जाएंगे। मिलावटखोरों के विरूद्ध संचालित अभियान को गति देकर और अधिक प्रभावी बनाया जायेगा। इंदौर में दुग्ध विक्रय करने वाली सभी डेयरियों में दूध की गुणवत्ता (फेट) चेक करने की मशीनें लगाना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में अधिकांश डेयरियों में फेट मशीने लग चुकी है। जिन डेयरियों में फेट मशीन नहीं पाई जायेगी उनके विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में आज यहां खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत गठित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक संपन्न हुयी। बैठक में अपर कलेक्टर श्री गौरव बेनल, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री मनीष स्वामी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी और समिति सदस्य मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने इंदौर जिले में मिलावटखोरों के विरूद्ध चल रहे अभियान की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि इस अभियान को गति देकर और अधिक प्रभावी बनाया जाये। अभियान समग्र रूप से हो, इसके लिये कैलेण्डर बनाकर सेम्पल लेने की कार्यवाही की जाये। हर तरह के खाद्य पदार्थों की जाँच हो। सभी तरह के खाद्य पदार्थ जाँच के दायरे में लिये जाएं। असुरक्षित तथा अमानक खाद्य पदार्थ बनाने वालों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाये। बताया गया कि जिले में एक जनवरी 2024 से लेकर गत दिसम्बर माह तक 127 प्रकरण दायर किये गये। इस अवधि में 188 प्रकरणों में निर्णय हुआ। सभी में दोषसिद्धी पाई गई। एक करोड़ 74 लाख 90 हजार रूपये का अर्थदण्ड लगाकर 94 लाख 83 हजार का अर्थदण्ड वसूल किया गया। इस अवधि में 2 करोड़ 34 लाख 66 हजार रूपये का राजस्व लायसेंस और पंजीयन से प्राप्त हुआ। जिले में उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिये भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। जिला ईट राईट चैलेंज प्रतियोगिता में भी शामिल हो रहा है। बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने ईट राईट चैलेंज प्रतियोगिता के तहत इंदौर जिले में उत्कृष्ट कार्य करने वाली शासकीय और अशासकीय संस्थाओं को प्रमाण पत्र वितरित किये। यह प्रमाण-पत्र डीपीएस स्कूल, ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर, होटल शेरेटन ग्रांड पैलेस, लाइफ कैयर हॉस्पिटल, अंकुर रिहेब सेंटर तथा भूमिका स्व-सहायता समूह परदेशीपुरा को दिया गया। बताया गया कि इंदौर जिला ईट राईट चैलेंज प्रतियोगिता में शामिल हुआ है। उम्मीद है कि इंदौर जिले को देश में पहला स्थान मिलेगा।
मिलावट संबंधी जानकारी एकत्रित करने के लिये व्हाट्सएप हेल्पलाईन नम्बर जारी किया गया है। कोई भी व्यक्ति मिलावट संबंधी जानकारी खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को दे सकते हैं। नगर निगम के एप-311 तथा एक अन्य एप आहार में भी सूचनाएं एकत्रित करने की व्यवस्थाएं की गई है।
बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि दूध विक्रय करने वाले सभी डेयरियों में दूध की गुणवत्ता चेक करने के लिये मशीनें लगाना अनिवार्य रहेगा। बताया गया कि इस संबंध में कलेक्टर द्वारा गत फरवरी-2024 में दिये गये निर्देशों का प्रभावी रूप से पालन कराया जा रहा है। श्री स्वामी ने बताया कि अभी तक डेढ़ सौ से अधिक डेयरियों में फेट चेक करने की मशीने लग चुकी है। कुछ ही डेयरिया बची है, इनमें भी जल्द ही उक्त मशीने लगवाई जायेंगी। जो डेयरी मशीने नहीं लगायेंगे उनके विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
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