दुल्हन बनने से पहले महिला दरोगा ने खा लिया जहर, मरने से पहले सिपाही बॉयफ्रेंड को फोन करके कही ये बात…

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक महिला दरोगा ने अपने घर में जहर खाकर जान दे दी. वह पटना के श्रीकृष्णानगर की रहने वाली थी. ट्रेनिंग के बाद 21 जून को उसकी साइबर थाना में पोस्टिंग हुई थी. गुरुवार अल सुबह दरोगा ने अपनी मां को फोन किया. उनसे एक घंटे तक बात की. इसके बाद अपने बॉयफ्रेंड को फोन किया जो कि खुद भी एक कांस्टेबल है. दरोगा ने अपने बॉयफ्रेंड को फोन करके बताया कि उसने जहर खा लिया है.

बॉयफ्रेंड ने तुरंत महिला दरोगा के परिजनों को इसकी सूचना दी. इसके बाद मिठनपुरा पुलिस के साथ दीपिका के आवास पहुंच उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. इसके बाद उसके माता-पिता और भाई भी पहुंचे. लेकिन इलाज के दौरान महिला दरोगा की मौत हो गई. महिला दरोगा की खुदकुशी के बाद पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.

जानकारी के मुताबिक, साइबर थाना में तैनात 2020 बैच की प्रशिक्षु दारोगा दीपिका कुमारी (28) ने गुरुवार सुबह 7 बजे जहर खाकर सुसाइड कर लिया. उसने जहर खाने के बाद अपने बॉयफ्रेंड रोहित सिंह को कॉल किया. इसके बाद उसे अस्पताल पहुंचाया गया. लेकिन दीपिका ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. जहर खाने से एक घंटा पहले दीपिका ने मां संगीता देवी से मोबाइल पर बात की थी. मां ने बताया कि वह डिप्रेशन में लग रही थी.

सिटी एसपी ने कहा कि उन्होंने दीपिका के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है. शुरुआता जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है. लेकिन फिर भी उसके मोबाइल फोन को जांच के लिए भिजवा दिया गया है. पुलिस का कहना है कि मोबाइल से कई जानकारी मिल सकती है. क्या सच में यह सुसाइड है या कुछ और. इस बारे में पता लगाया जा रहा है.

ऑटो चलाते हैं, बहनें भी करती हैं नौकरी

दीपिका के पिता राजनंदन प्रसाद पटना में ऑटो चलाते हैं. बेटी के दरोगा बनने से वह काफी खुश थे. वो बेटी की शादी की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने बताया कि दीपिका चार बहन व एक भाई में तीसरे नंबर पर थी. दीपिका बड़ी बहन गृह विभाग दिल्ली में स्टेनो के पद पर कार्यरत है. छोटी बहन झारखंड मिलिट्री पुलिस में थी. उसने दो साल पहले रिजाइन कर दिया था. छोटा भाई सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा है. पिता ने बताया कि दीपिका कहती थी सचिवालय में नौकरी के बाद ही शादी करेगी.

दरोगा बनने से पहले थी कांस्टेबल

पिता ने बताया कि दीपिका दारोगा बनने से पहले सिपाही थी. वह मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा, रोसड़ा जेल और हाजीपुर जेल में सिपाही के रूप में ड्यूटी कर चुकी थी. शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में तैनात रोहित के साथ वह हाजीपुर जेल में भी ड्यूटी की थी. उस दौरान ही उनकी मित्रता हुई थी. रोहित का उनके घर आना-जाना भी था. इस मामले में पुलिस रोहित से भी पूछताछ कर रही है. मामले में जांच जारी है.

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