ऊर्जा और ईंधन संकट से जूझ रहे अलग-अलग देशो को एक बार फिर से झटका लग सकता हैं। इस बात की पूरी आशंका हैं की आने वाले दिनों में पेट्रोलियम पदार्थो के दामों में भारी उछाल आ सकती हैं। मुख्य तौर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में यह इजाफा हो सकता हैं।
दरअसल यह बढ़ोत्तरी एक बार फिर से अंतर्राष्ट्रीय वजहों से होगी। तेल उत्पादक देश यानी ओपेक कंट्रीज ने बड़ा ऐलान कर दिया हैं। 23 ओपेक देशो ने फैसला किया हैं की वह अब हर दिन 19 करोड़ लीटर क्रूड आयल के उत्पादन में कमी लाएंगे। जाहिर हैं इससे मांग और आपूर्ति पर गहरा असर पड़ेगा और विकासशील देशो को पेट्रो उत्पादों के दामों में वृद्धि करनी पड़ेगी।
विशेषज्ञ मानते हैं की अगर ओपेक देशो ने अपने इस फैसले को अमल में लाया तो वैश्विक स्तर पर पेट्रोल डीजल किए कीमतों में यह वृद्धि 10 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं। ओपेक देशो के इस ऐलान ने एक बार फिर से कई देशो को चिंता में डाल दिया है। खासकर ऐसे देश जो या तो गंभीर आर्थिक, वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं या फिर जिन देशो में पेट्रोलियम की खपत बड़े पैमाने पर हैं। बता दे की भारत तेल खपत के मामले में शीर्ष देशो में शामिल हैं जबकि पड़ोसी पकिस्तान का खजान लगभग खाली हो चूका हैं और वह पेट्रोलियाँ प्रोडक्ट्स के कीमतों पर पहले से आग लगी हुई है।