जालंधर: खेतों में जल रही परालीपंजाब में सुखद यह है कि पराली जलाने के मामलों में काफी गिरावट आई है। यह इसे इस तरह से भी समझ सकते हैं कि अब पंजाब में अधिकतर जगहों पर पराली जल चुकी है। कुछ क्षेत्र ही एेसे बचे हैं जहां पर छिटपुट पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन मंगलवार की रात प्रकाश पर्व पर दीपावली जैसा माहौल पंजाब में देखने को मिला।इससे पराली से कम और पटाखे चलाने के कारण हवा में प्रदूषण का स्तर पंजाब में कई जह 400 से ऊपर जा पहुंचा। हवा में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा लुधियाना, खन्ना, मोहाली में देखने को मिला। इन तीनों ही स्थानों पर आंकड़ा 400 के करीब दर्ज किया गया। जबकि मुख्यमंत्री भगवंत मान के जिले संगरूर समेत गुरुनगरी अमृतसर, जालंधर और पटियाला में हवा में प्रदूषण का स्चर 265 से लेकर 300 के बीच रिपोर्ट हुआ है।नवांशहर, होशियारपुर, कपूरथला, फतेहगढ़ साहिब, बरनाला, गुरदासपुर, मोगा, रोपड़, पठानकोट, बठिंडा, फिरोजपुर, मानसा, तरनतारन जिलों के इलाकों में हवा में प्रदूषण का स्तर 200 से 230 के बीच दर्ज हुआ रहा है। सबसे ज्यादा हैरान करने वाला आंकड़ा लोहा नगरी मंडी गोबिंदगढ़ से सामनेआया है। यहां पर हवा में प्रदूषण का स्तर अधिकतम 129 तक गया।पंजाब में 604 जगह जली पराली, फिरोजपुर में सबसे ज्यादा 165 जगहपंजाब में देर रात तक जो पंजाब प्रदूषण बोर्ड के रिमोट सेंसिंग सिस्टम पर खेतों में पराली जलाने के आंकड़े दर्ज हुए हैं उनके अनुसार पंजाब में 604 जगह पराली जली। सबसे ज्यादा 165 पराली जलाने के मामले फिरोजपुर जिला से रिपोर्ट हुए हैं। जबकि 164 जगह खेतों में पराली जलाने के मामलों को लेकर मोगा जिला दूसरे स्थान पर हैं। अभी तक राज्य में पराली जलाने का आंकड़ा 33090 पर पहुंच गया है। पंजाब में अब पराली जलाने के मामलों में एकदम से गिरावट आई है। यह गिरावट इसलिए नहीं आई है कि किसानों ने पराली जलानी बंद कर दी है बल्कि इसलिए आई है कि अब पंजाब में अधिकतर जगहों पर पराली खेतों में जल चुकी है और किसानों ने अब गेहूं की फसल बीजने की तैयारी कर ली है।
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