चंडीगढ़: पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) के VC पद पर डॉ. सतबीर सिंह गोसल ही सेवाएं देते रहेंगे। पंजाब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि डॉ. गोसल की नियुक्ति नियमानुसार बोर्ड द्वारा की गई है। इस मामले में पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित हस्तक्षेप नहीं कर सकते। जबकि गवर्नर द्वारा बिना किसी देरी डॉ. गोसल को हटाकर नए VC की नियुक्ति होने तक PAU के VC का प्रभार कृषि विभाग के प्रशासनिक सचिव को सौंपे जाने के निर्देश दिए गए हैं।पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी।पंजाब सरकार के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि गवर्नर बेवजह मामले को उलझा रहे हैं। जबकि डॉ. गोसल की नियुक्ति PAU हरियाणा और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम 1970 के तहत की गई है। उन्होंने कहा कि डॉ. सतबीर सिंह गोसल की नियुक्ति यूनिवर्सिटी बोर्ड द्वारा की गई है, जो कानूनन सही है।गवर्नर का पंजाब सरकार लिखा पत्रगवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने पंजाब सरकार को लिखे पत्र में कहा, यह मेरे संज्ञान में लाया गया है कि सरकार ने यूजीसी के मानदंडों और चांसलर की मंजूरी के बिना सतबीर सिंह गोसल को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना का VC नियुक्त किया है। पंजाब सरकार का यह कृत्य पूर्ण रूप से अवैध है। इसे किसी भी तर्क से स्वीकार नहीं किया जा सकता है। बिना किसी देरी के डॉ. गोसल को VC के पद से हटाया जाए। नए कुलपति की नियुक्ति तक PAU के कुलपति का प्रभार कृषि विभाग के प्रशासनिक सचिव को सौंपा जा सकता है।प्रेस कॉन्फ्रेंस में यूनिवर्सिटी के VC की नियुक्ति के संबंध में जानकारी देते गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित की फाइल फोटो।आपसे यह भी अनुरोध है कि आप संबंधित विभाग को, कुलाधिपति के परामर्श से नए कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए निर्देश दें। मुझे उम्मीद है कि आप इस मुद्दे की गंभीरता को समझेंगे और सही भावना से तुरंत सुधारात्मक उपाय करेंगे।बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के लिए नहीं भेजा पैनलबाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर (VC) का पद भी लंबे समय से खाली है। क्योंकि पंजाब सरकार द्वारा अब तक गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित को तीन नाम का पैनल नहीं भेजा है। इस कारण यूनिवर्सिटी के कई प्रशासनिक कार्य लंबित रहना स्वाभाविक है।बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसिस।इससे पहले पंजाब सरकार ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की नियुक्ति से संबंधित फाइल डॉक्टर गुरप्रीत सिंह वांडर के नाम की सिफारिश के साथ गवर्नर को भेजी थी। लेकिन गवर्नर ने पंजाब सरकार को फाइल लौटाते हुए 3 नाम का पैनल भेजने को कहा था। इससे 22 सितंबर से पंजाब CM भगवंत मान और गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित के बीच चल रही खींचतान ने अधिक जोर पकड़ लिया था।पूर्व VC डॉ. राजबहादुर ने दिया था इस्तीफासेहत मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने सरप्राइज चेकिंग पर पहुंचकर फरीद यूनवर्सिटी के पहले VC डॉ. राज बहादुर को गंदे गद्दे पर लिटाया था। इससे हताश डॉ. राज बहादुर ने इस्तीफा दिया था। इसके बाद से ही यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का पद खाली पड़ा है।सेशन रद्द करने से बढ़ी खींचतानपंजाब CM भगवंत मान ने 22 सितंबर को महज विश्वासमत साबित करने के लिए विधानसभा सेशन बुलाया था। लेकिन AAP के पूर्ण बहुमत के साथ 92 विधायक होने के बावजूद केवल विश्वासमत के लिए सेशन बुलाने को असंवैधानिक बताते हुए गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने सेशन की मंजूरी वापस ली थी। इसके बाद पंजाब CM और AAP के अन्य विधायकों ने गवर्नर पर भाजपा के इशारे पर काम करने के आरोप लगाकर विधानसभा से लेकर हाईकोर्ट तक पैदल रोष मार्च निकाला था।इसके बाद पंजाब CM भगवंत मान ने पराली, बिजली और पंजाब के अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए 27 सितंबर को दोबारा पंजाब विधानसभा का सेशन बुलाया और गवर्नर को बिना सूचित किए सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पास कराया था।
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