नोएडा: एक्सप्रेस वे की री सरफेसिंग करती कंपनी के कर्मी (फाइल फोटो)नोएडा की लाइफ लाइन एक्सप्रेस वे की री-सरफेसिंग का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। प्राधिकरण ने सीएस इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी एक करोड़ रुपए का और जुर्माना लगाया। कंपनी पर अब तक तीन करोड़ 27 लाख रुपए का जुर्माना लग चुका है। साथ ही, प्राधिकरण ने एक्सप्रेस वे की मरम्मत का काम 30 नवंबर 2022 तक पूरा करने की अंतिम डेडलाइन तय की है। 62 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की जानी है।छह महीने में पूरा होना था री-सरफेसिंग का कामनोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे की मरम्मत का काम सीएस इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। कंपनी ने मरम्मत करने का काम जनवरी 2021 में शुरू किया था। यह काम दो जून 2021 तक पूरा होना था, लेकिन अभी तक यह अधूरा है। इस बीच नौ डेडलाइन निकल गई और जुलाई में 10वीं डेडलाइन 30 सितंबर तय की गई थी। इस डेडलाइन तक भी कंपनी काम पूरा नहीं कर सकी, इसलिए एक करोड़ रुपए का और जुर्माना लगाया गया है।ये चित्र नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे का है15 किमी की मरम्मत का काम बचाप्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे का नोएडा के हिस्से में करीब 20 किलोमीटर का एरिया आता है। ऐसे में आने-जाने के हिस्से को मिलाकर 40 किलोमीटर का एरिया है। मरम्मत को दोनों चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में 40 में से करीब 15 किलोमीटर हिस्से में मरम्मत का काम बचा है।10 लाख वाहन निकलते रोजानाये एक्सप्रेस वे आगरा और लखनऊ को जोड़ता है। दिल्ली नोएडा से रोजाना करीब 10 लाख से ज्यादा वाहन से निकलते है। इनको यहां जाम झेलना पड़ रहा है। अभी इस एक्सप्रेस वे की अधिकतम स्पीड 100 किमी प्रतिघंटा है। लेकिन सर्दी के मौसम में इसकी स्पीड लिमिट को घटाकर 80 किमी प्रतिघंटा कर दिया जाएगा।