स्मृति शेष-नही रहे हर किसी के बिगड़े संबंधों को जोड़ने का प्रयास करने वाले मक्सी के हाजी सुभान सेठ, बा-कलम पत्रकार शहजाद खान

शहज़ाद खान- आज मक्सी की सामाजिक धार्मिक राजनीतिक और व्यापारिक क्षेत्र में हमेशा सक्रिय शख्सियत सबको छोड़कर रमजान के मुबारक महीने में फानी दुनिया से रुखसत हो गई । मरहूम शख्सियत जो हमेशा अपने सद कार्यों के लिए याद कि जायेगी अब उनकी स्मृति ही शेष है

इस खबर में बात हो रही है मक्सी के सबसे सफल किराना व्यवसाई मक्सी में कांग्रेस की राजनीति के ध्रुव तारे रहे पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष और मक्सी लायंस क्लब के पूर्व अध्यक्ष एवं वर्षों से मक्सी के गडरोली के वार्ड क्रमांक 14 के पार्षद और मुस्लिम कमेटी गडरोली के सदर रहे मरहूम हाजी सुभान सेठ की। जिनका के आज 1 मई अल सुबह
बीमारी के चलते आज उनका इंतकाल हो गया । वे सबसे मिलकर हँसते हुए और अपनों को दुलार करके एव अपनी नमाजे जनजा का हदिया देकर रुख्सत हो गए।
उनके बारे बात की जाए तो वे हमेशा जिंदादिली के साथ हर किसी से मिलते थे। वे मक्सी में हिन्दू मुस्लिम एकता के सिपाही के रूप में जाने जाते थे

हर उम्र वालो अलग दोस्ती-

मक्सी में अगर उनकी मिलन सरिता की बात की जाए तो वह युवाओं के साथ युवा बच्चों के साथ मासूम और अपनी उम्र वालों के साथ अपनी उम्र की दोस्ती रखते हुए सभी के साथ ऐसा व्यवहार रखते थे कि सामने वाले को यह लगता था कि हाजी साहब हमसे बड़े नहीं बल्कि हमारे उम्र दोस्त हैं ।

हमेशा हर किसी के सम्बंद जोड़ने का प्रयास किया-
वे एक ऐसे व्यक्ति थे कि अगर उन्हें यह पता लग जाए कि संबंधित किसी व्यक्ति का रिश्ता रिश्तेदारी में बिगड़ रहा है दोस्ती में बिगड़ रहा है या परिवार में बिगड़ रहा है तो वह आगे रहकर उस रिश्ते को जोड़ने का तब तक प्रयास करते हैं जब तक दोनों पक्ष एक दूसरे के गले ना लग जाए।

भोपाल इस्तिमा के लिए याद आएंगे- मरहूम हाजी सुभान सेठ भोपाल में लगाने वाले वार्षिक इस्तिमा में अपने निजी वाहन ओर खर्चे से मक्सी व गडरोली के लोगो को लेकर जाते थे। उनके वर्षों से किये जा रहे इस कार्य को लोगो ने आज याद किया।

कांग्रेस के अजय योद्धा रहे- मरहूम हाजी सुभान सेठ कांग्रेस के वरिष्ठ ओर कट्टर नेताओ में से थे वे वार्ड 14 से 4 बार विजय पार्षद भी रहे हालांकि फिर आरक्षण से सीट बदल गई

दान और सहयोग में कभी नही रहे पीछे-
मरहूम हाजी सुभान सेठ कभी दान धर्म ओर सहयोग में पीछे नहीं रहे । हिंदू मुस्लिम एकता के कई कार्यों में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया । धार्मिक आयोजनों। लंगरों आदि में वे तुरंत सहयोग के लिए खड़े रहते थे। चाहे वह किसी भी क्षेत्र का मामला हो किसी भी धर्म का मामला हो ।
वे आर्थिक रूप से किराना सामान के रूप में मदद में पीछे नहीं हटे।

आज कोरोना के संक्रमण के बीच बीमारी के चलते उनका निधन हो गया 1मई सुबह 11:00 बजे मक्सी के कब्रिस्तान में उन्हें मिट्टी दी गई ।

सामाजिक धार्मिक राजनैतिक और व्यापारिक क्षेत्र में मरहूम हाजी साहब की अपनी अलग छाप थी पहचान थी।

वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार जिनमें पुत्र पत्रकार यासीन खान, डॉक्टर दिलशाद खान छोटे भाई हाजी कादर खान, भतीजे साबिर सेठ और जलील भाई को छोड़ गए।

मरहूम हाजी सुभान सेठ के निधन पर आज मक्सी के सामाजिक व्यवसायिक और वरिष्ठ जनों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके कार्यों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की

शाजापुर की दुनिया परिवार इस अवसर उनके लिए दुआए मगफिरत करता और अल्लाहताला से दुआ है कि उन्हें मुक्कदस रमजान माह की फजीलत से जन्नत में बेहतरीन मुकाम बख्शे

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