औपचारिक शिक्षा का समावेश करते हुए नई शिक्षा निति बनायी जा रही है, जिसको शीघ्र क्रियान्वित करेंगे- स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री परमार
ग्राम जेठड़ा में गरीब कल्याण सप्ताह के अंतर्गत पोषण महोत्सव का आयोजन
शाजापुर, 17 सितम्बर 2020/ औपचारिक शिक्षा का समावेश करते हुए नई शिक्षा निति बनायी जा रही है। शिक्षा निति में स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग को भी शामिल किया गया है। यह बात प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री इंदरसिंह परमार ने गरीब कल्याण सप्ताह के अंतर्गत ग्राम जेठड़ा में संपन्न हुए पोषण महोत्सव समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर आंगनवाड़ी भवन का लोकार्पण किया गया। साथ ही पोषण वाटिका में पौधारोपण और नन्हें-मुन्ने बच्चों को सुगंधित दूध भी पिलाया। साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण वाटिका के लिए मूंगना (सूरजना) का पौधा एवं बीजों का किट प्रदान किया गया। वही लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत हितग्राहियों एवं छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण का प्रमाण-पत्र वितरित किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री दिनेश जैन, पुलिस अधीक्षक श्री पंकज श्रीवास्तव, जनपद पंचायत शुजालपुर पूर्व अध्यक्ष श्री किशोर सिंह पाटीदार, श्री दौलतसिंह मंडलोई, एसडीओपी श्री वीएस द्विवेदी, कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सुषमा भदौरिया, तहसीलदार श्री रमेश सिसोदिया, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास श्री सुभाष जैन, परियोजना अधिकारी पोलायकलां श्री दिनेश मिश्रा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए राज्य मंत्री श्री परमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जन्म दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के लोगों में आत्मविश्वास का भाव जगाया है। उन्होंने लोगों में हम भी विकास कर सकते हैं, जैसी उर्जा का संचार किया है। स्वच्छता अभियान को जन आंदोलन बनाया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्के मकान दिये। उज्जवला योजना से गैस कनेक्शन देकर माता एवं बहनों को सौगात दी। लॉकडाउन के दौरान जीवन तो सुरक्षित हुए किन्तु आर्थिक संकट भी आ गया। इस आर्थिक संकट में छोटे-छोटे व्यवसायी समस्या से ग्रस्त हो गए, जिन्हें स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत बिना ब्याज के 10 हजार रूपये का ऋण देकर संबल दिया गया।
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी में तीन वर्ष के बच्चे प्रवेश के साथ ही नयी शिक्षा निति के तहत औपचारिक शिक्षा से जुड़ जायेंगे। औपचारिक शिक्षा के लिए आंगनवाड़ी काय्रकर्ताओं को भी प्रशिक्षित किया जायेगा। कक्षा 6टी में प्रवेश के बाद बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ा जायेगा। बच्चों को अपनी रूचि के अनुसार एक विधा की व्यवसायिक शिक्षा चुनना होगा। इसके साथ ही सतत मूल्यांकन की व्यवस्था भी की जा रही है। विद्यार्थियों का समग्र मूल्यांकन किया जायेगा। केवल परीक्षा पास करना ही नहीं, ज्ञान अर्जित करना भी जरूरी है। विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दी जायेगी, जिसका उपयोग जीवन में हो। देश के लिए शहीद होकर बलिदान देने वाले हमारे आईकान बनेंगे। जिन लोगों ने देश के लिए त्याग और बलिदान दिया है उनका इतिहास नई शिक्षा निति में समाहित करेंगे। स्कूलों की शिक्षा व्यवस्थाओं में आमूलचल परिवर्तन होगा, जिसमें एक परिसर एक शाला तथा कक्षा 1 से 8 तक, कक्षा 1 से 10 तक तथा कक्षा 1 से 12वी तक अलग-अलग व्यवस्थाएं रहेगी। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा निति बनाने के लिए टॉस्क फोर्स बना दी गई है, जिसमें आदिम जाति कल्याण, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है। हमारे देश की शिक्षा निति अब कोई बाहरी व्यक्ति नहीं बनाएगा, शिक्षा निति हमारे देश के शिक्षाविद् बनायेंगे। शिक्षा निति सभी भाषाओं में रहेगी। उन्होंने कहा कि विदेशी भाषा के अध्ययन पर बंधन नहीं रहेगा। हमारी भाषा और हमारी बोली को विकसित करना प्राथमिकता में रहेगा। राज्यमंत्री श्री परमार ने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट को अवसर में बदलने के लिए सभी को आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया है।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री जैन ने संबोधित करते हुए कहा कि शासन की मंशानुरूप विभागों के समन्वय से निति तैयार की गई है। जिले में लाड़ली लक्ष्मी योजना की 39 हजार बच्चियों को लाभांवित किया गया है। इसी तरह प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 1725 माताओं को लाभांवित किया गया। जिले में वर्तमान में 13500 कुपोषित एवं 1777 अतिकम वजन के बच्चें हैं। आंगनवाड़ियों में बच्चों को उत्तम गुणवत्ता का आहार उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही बच्चों को अब सुगंधित दूध भी वितरित होगा। जिले में 21 आंगनवाड़ियों का आज मुख्यमंत्री जी द्वारा ऑनलाईन उद्घाटन किया गया। उन्होंने कहा कि बालिकाओं की शिक्षा के लिए समुदाय की सहभागिता की जरूरत है। 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं का विवाह नहीं करने का सभी लोग संकल्प लें, इससे बाल एवं मातृ मृत्यु दर में कमी आयेगी। इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती भदौरिया ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
पोषण प्रबंधन रणनीति का विमोचन
पोषण अभियान के अंतर्गत जिला स्तरीय पोषण प्रबंधन रणनीति तैयार की गई है, जिसका विमोचन आज राज्यमंत्री श्री इंदरसिंह परमार ने किया। पोषण प्रबंधन रणनीति में समेकित स्वास्थ्य एवं पोषण कार्य योजना में स्थानीय निकायों के प्रभुत्व में सोशल केपिटल की सक्रिय भागीदारी से न्यूट्रीशन गवर्नेन्स की स्थापना करना, शामिल किया गया है। इसी तरह जमीनी स्तर पर लोक स्वास्थ्य-पोषण ढांचा एवं सेवाओं का विस्तार, परिवार में महिलाओं के निर्णय में भागीदारी एवं निर्णय क्षमता को मजबूत करते हुए परिवार के पोषण स्तर में सुधार हेतु प्रयास करना, स्थानीय सहयोगी संस्था एवं समूहों का चिन्हांकन एवं सामुदायिक गतिशीलता में उपयोग, स्थानीय भाषा एवं बोली के उपयोग से न्यूट्रीशिनल कम्यूनिकेशन कार्ययोजना को मजबूत करना तथा सिस्टम थिंकिंग एप्रोच पर आधारित प्रक्रिया से विभिन्न निकायों एवं विभागों के मध्य अभिसरण सुनिश्चित करना शामिल किया गया है।
उपस्थित जनों को पोषण संकल्प दिलाया
राज्यमंत्री श्री इंदरसिंह परमार ने उपस्थित सभी जनों को अपने प्रदेश को सुपोषित प्रदेश के रूप में निर्माण करने के लिए राज्य पोषण प्रबंधन रणनीति के अनुसार अपने समुदाय में हर प्रकार के कुपोषण को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होने का संकल्प दिलाया। साथ ही उन्होंने सभी को संकल्पित किया कि हम समेकित स्वास्थ्य-पोषण रणनीति का प्रभावी क्रियान्वयन करेंगे। मन, वचन, कर्म से प्रयास करेंगे कि हमारा प्रदेश एनीमिया एवं कुपोषण मुक्त होकर विकास की ओर अग्रसर होकर सुपोषित प्रदेश बने।
लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों को प्रमाण-पत्रों का वितरण
ग्राम जेठड़ा में पोषण महोत्सव समारोह के दौरान राज्यमंत्री श्री परमार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत मंच से टोकन स्वरूप जानवी, नित्यांशी, भूमिका, कविता एवं सावरी की माताओं को एक लाख रूपये प्रदान करने का प्रमाण पत्र दिया गया। इसी तरह विद्यालयों में अध्ययनरत सृष्टि, देवकलां, कुमकुम, खुशी एवं रविना को छात्रवृत्ति वितरण का प्रमाण पत्र दिया गया।