भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि एक समय था जब गरीब परिवार बेटी का विवाह कर कर्ज में डूब जाते थे। बेटी के जन्म के साथ ही उसकी शादी की चिंता सताती थी। लेकिन, अब सरकार बेटियों का कन्यादान कर रही है। माता-पिता अब बेटियों के जन्म पर उदास नहीं होते बल्कि, बधाई गीत गाते हैं। निर्धन परिवार की बेटियों के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह/ निकाह योजना वरदान सिद्ध हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव केसला नर्मदापुरम में मुख्यमंत्री कन्या विवाह सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री निवास से कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। सामूहिक विवाह में 508 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। यहां एक कल्याणी और एक दिव्यांग बहन का भी विवाह सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने परिणय सूत्र में बंधे नव दम्पत्तियों को बधाई व शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति के 16 संस्कारों में से पाणिग्रहण अर्थात विवाह एक महत्वपूर्ण संस्कार है। सामूहिक विवाह में सम्मिलित प्रत्येक नव विवाहित जोड़े को मंगलआशीष के रूप में 49 हजार रुपए प्रदान किए जा रहे हैं। सामूहिक विवाह समाज में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बन रहे हैं। यह मित व्ययता और सामाजिक समरसता का संदेश भी देते हैं। भारतीय परम्परा में विवाह कोई समझौता या एग्रीमेंट नहीं, अपितु जन्म-जन्मांतर तक चलने वाला पवित्र बंधन है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में नारी सशक्तिकरण मिशन आरंभ किया गया है। लाड़ली बहना योजना और स्व-सहायता समूहों के माध्यम से बहनें आत्मनिर्भर हो रही हैं। केसला में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री डीडी उइके, सांसद दर्शन सिंह चौधरी, सांसद माया नरोलिया, विधायक प्रेमशंकर वर्मा, विजय पाल सिंह तथा अन्य जनप्रतिनिधि व पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।