मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में 17 बीघा जमीन को लेकर परिवार के सदस्यों में जमकर खून खराबा हुआ. इसमें एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. यह घटना उस समय हुई, जब करीब 60 करोड़ की बेशकीमती जमीन के विवाद को लेकर यादव परिवार एवं नजदीकी रिश्तेदारों की मौजूदगी में पंचायती बैठक हुई थी. पंचायत के दौरान हुकुम सिंह यादव और रामू यादव के बीच में विवाद बढ़ गया. यह लोग आपस में भाई है, लेकिन परिवार की कुछ महिलाओं सहित रामू और दिनेश पर षडयंत्र पूर्वक हमला करने का आरोप हुकुम सिंह ने लगाया.
ग्वालियर के गिरवाई क्षेत्र में करीब 17 बीघा जमीन को 1979 में मजबूत सिंह यादव द्वारा खरीदा गया था, लेकिन मजबूत सिंह द्वारा जमीन को अपने बड़े बेटे के नाम करवा दिया गया था, क्योंकि छोटे बेटे नाबालिग थे. फरियादी हुकुम सिंह का आरोप है कि बड़े भाई और उसकी पत्नी सहित उनके बच्चों में जमीन को लेकर लालच आ गया. उन्होंने जमीन की षडयंत्र पूर्वक डिग्री करा ली.
पंचायत की बैठक में नहीं निकला हल
2017 से हुकुम सिंह और रामू यादव के बीच विवाद चल रहा था. इसे लेकर कुछ नजदीकी रिश्तेदारों की मौजूदगी में गिरवाई थाना क्षेत्र के गोकुलपुर गांव में पंचायत बैठी हुई थी. इसी दौरान रामू यादव, दिनेश यादव और उनके परिवार की महिलाओं कमला देवी एवं रजनी आदि ने पिस्टल बंदूक और अवैध हथियारों से लैस होकर हुकुम सिंह और उनके अन्य भाई भतीजों पर हमला बोल दिया.
घायलों को अस्पताल में कराया गया भर्ती
इसमें गोली लगने से पुरुषोत्तम यादव की मौत हो गई, जबकि शिवचरण, बालमुकुंद एवं धीरज घायल हो गए. दूसरे पक्ष के रामू यादव को भी पैर में गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हुकुम सिंह का आरोप है कि रामू ने खुद ही अपने पैर में गोली मारी है. घटना की जानकारी मिलते ही गिरवाई पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गई और पीड़ित लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया.
फरियादी हुकम सिंह के मुताबिक, आरोपियों के पास एक लाइसेंसी पिस्टल बंदूक और एक अवैध हथियार भी था, जिससे घात लगाकर हमला किया गया है. इस घटना में मुरैना से आया धीरज सिंह भी गंभीर रूप से घायल हुआ है. उसके सिर में गोली लगी है.