मध्य प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य के बाघों को देश के अन्य हिस्सों में स्थानांतरित करने का फैसला किया है। इस निर्णय के तहत छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा को कुल 15 बाघ दिए जाएंगे। इस फैसले से देश में बाघों की संख्या बढ़ाने और उनके संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। राज्य में अब 785 बाघ हैं, जो किसी भी अन्य राज्य से सबसे अधिक है। इस बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने फैसला किया है कि इन बाघों को अन्य राज्यों में स्थानांतरित करके बाघों के संरक्षण के प्रयासों को मजबूत किया जाए।
कौन से राज्य को कितने बाघ मिलेंगे?
छत्तीसगढ़ को 8 बाघ दिए जाएंगे, जिनमें से 6 बाघिन और 2 बाघ होंगे, राजस्थान को 4 बाघिनें दी जाएंगी और ओडिशा को 3 बाघ दिए जाएंगे, जिनमें से 1 बाघ और 2 बाघिनें होंगी।
कहां से लाए जाएंगे ये बाघ?
इन बाघों को मध्य प्रदेश के बांधवगढ़, पेंच और कान्हा टाइगर रिजर्व से लाया जाएगा। इन रिजर्व में बाघों की संख्या काफी अधिक है और यहां से कुछ बाघों को अन्य राज्यों में स्थानांतरित किया जा सकता है।
कैसे होगी बाघों की शिफ्टिंग?
बाघों को स्थानांतरित करने की पूरी प्रक्रिया एक अधिकृत पशु चिकित्सक की देखरेख में की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस प्रक्रिया के दौरान बाघों को कोई नुकसान न पहुंचे। बाघों को स्थानांतरित करने की लागत संबंधित राज्य ही वहन करेंगे।
क्यों लिया गया ये फैसला?
यह फैसला बाघों के संरक्षण को बढ़ावा देगा साथ ही इससे देश में बाघों की आबादी बढ़ाने में मदद मिलेगी और उन राज्यों में जहां बाघों की संख्या कम है, वहां बाघों का पुनर्वास किया जा सकेगा। इस फैसले से राज्यों के बीच सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा। बता दें मध्य प्रदेश सरकार बाघों के संरक्षण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार ने हाल ही में रातापानी वन को राज्य का आठवां बाघ अभयारण्य बनाया है। राज्य में अब 9 बाघ अभयारण्य हैं।
अन्य राज्य भी ले रहे हैं बाघ
मध्य प्रदेश सरकार ने इससे पहले गुजरात को भी दो बाघ दिए थे। बदले में मध्य प्रदेश को गुजरात से दो शेर मिले थे। इसी तरह, मध्य प्रदेश असम को बाघ देने की तैयारी में है और बदले में असम से जंगली भैंसे लेगा।