बिहार के भागलपुर में तैनात एक दरोगा को अपनी पत्नी के साथ रहने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है. अधिकारियों के सामने जब उनकी बात नहीं बनी तो वह हाई कोर्ट पहुंच गए. ऐसा इसलिए क्योंकि दरोगा साहब को पत्नी की सुरक्षा का डर सता रहा है. उनकी पत्नी जमुई जिले में सरकारी शिक्षिका हैं. वहां उन्हें अकेले रहने में परेशानी हो रही है, तो दरोगा साहब अपना तबादला जमुई जिले में करवाना चाहते हैं.
जिला नवगछिया के गोपालपुर थाना में तैनात अवर निरीक्षक रविंद्र कुमार सिंह ने जमुई स्थानांतरण के लिए अपना आवेदन नवगछिया पुलिस पदाधिकारी को दिया था. लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई. दरोगा रविंद्र मुंगेर जिला के जमालपुर थाना क्षेत्र के दौलतपुर के रहने वाले हैं. उनका घर जमुई जिले के मालेपुर में भी है. एसपी को ट्रांसफर के लिए आवेदन देने पर बात नहीं बनी तो वह अदालत पहुंच गए. पटना हाई कोर्ट में उन्होंने रिट दाखिल कर दिया.
जमुई में टीचर है पत्नी
पटना हाई कोर्ट में दिए गए रिट में उन्होंने उल्लेख किया है कि लंबे समय से उनकी पत्नी जमुई जिले के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बहिरा(बाराहाट) में सरकारी प्रखंड शिक्षिका के तौर पर तैनात है. जमुई नक्सल प्रभावित अति संवेदनशील क्षेत्र है, इस वजह से उनकी पत्नी को वहां अकेले रहने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वह सुरक्षा की दृष्टि से अपनी पत्नी के साथ रहना चाहता है. लेकिन उनके तबादले को अस्वीकृत लिखकर खारिज कर दिया गया.
हाई कोर्ट में दायर की रिट
हालांकि, पटना हाई कोर्ट में सुनवाई के बाद पीड़ित को पुनः स्थानांतरण के लिए आवेदन संबंधित अधिकारी को देने के लिए कहा गया. लेकिन आवेदन को दो वर्ष रखने के बाद अस्वीकृत कर दिया गया. इसके विरोध में एक बार फिर से इसी माह दरोगा रविंद्र सिंह ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल किया है. मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस संबंध में नवगछिया के एसपी पूरण झा ने बताया कि कोर्ट में मामला चल रहा है. कोर्ट के द्वारा जवाब मांगा जाएगा तो उसका जवाब दिया जाएगा.