कछपुरा में महाकाली की प्रतिमा खंडित होने की वजह आई सामने… आयोजकों ने माना कि गलती हुई, अब बरेला में लगी आग

जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर में कछपुरा सेतु के नीचे की ओर विराजित कालीमाता का विग्रह समिति पदाधिकारियों व भक्तों ने नर्मदा के भटौली कुंड में विसर्जित किया। अज्ञापनतावश हुई अपनी त्रुटियों के लिए क्षमा करने और आशीर्वाद बनाए रखने की प्रार्थना में जुटे थे। बरेला में आग लग गई, जिससे अफरा तफरी मच गई। किसी तरह आग बुझाई, लेकिन सब जल गया।

सनातन धर्मावलंबियों की आस्था की प्रतीक पड़ाव वाली महाकाली की विसर्जन शोभायात्रा बुधवार को सायंकाल साढ़े सात बजे लटकारी का पड़ाव से प्रारंभ हुई। सर्वप्रथम कालीमाता को रथ पर आरुढ़ किया गया। इसके साथ ही पूजन-अर्चन किया गया।

समिति के पदाधिकारियों के नेत्रों से अश्रुधारा प्रवाहित हो रही थी। भक्त दर्शन के लिए आतुर थे। सभी को माता का आशीष व प्रसाद चाहिए था। विसर्जन शोभायात्रा ने गति पकड़ी और शनै: शनै: आगा चौक पहुंची। जहां से रानीताल तक की यात्रा में काफी समय लग गया।

रानीताल से यातायात थाना चौक और फिर तीन पत्ती पहुंचने पर अभूतपूर्व स्वागत हुआ। पुष्पों की वर्षा कर दी गई। शास्त्री पुल में जैसे ही रथ पहुंचा भक्तों की अपार भीड़ दर्शनार्थ उमड़ पड़ी। राहगीर थम गए। सबने आशीर्वाद लिया। प्रसाद ग्रहण किया।

आदि शंकराचार्य चौक फिर गोरखपुर होते हुए मातारानी का सवारी बंदरिया तिराहा पर पहुंची। बादशाह हलवाई मंदिर के समीप पहुंचने पर नर्मदा भक्तों ने मां की अगवानी की। समिति के पदाधिकाारियों के अनुसार विसर्जन गुरुवार को प्रात:काल होगा।

कछपुरा की महारानी मा काली की प्रतिमा खंडित हो गई थी

मंगलवार को इसका वीडियो इंटरनेट में प्रसारित हुआ तो हिंदू संगठन का गुस्सा फूट पड़ा। कई हिंदूवादी संगठन के प्रतिनिधि इस मामले में समिति के पदाधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की।

पुलिस ने सभी पक्षों को बैठाकर समझाया। जिसके बाद बुधवार को सामान्य तरीके से प्रतिमा का विसर्जन भटौली कुंड में करने का निर्णय हुआ।

यादव कालोनी के चौकी प्रभारी सतीश झारिया ने बताया कि प्रतिमा खंडित हुई थी यह तीन दिन पहले की घटना है। अब विजर्सन सामान्य रूप से किया जा रहा है। हिंदूवादी संगठन के कुछ नेता आए थे लेकिन बातचीत कर मामला शांत करवा लिया गया है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, माता के पास रखे गए बड़े-बड़े स्पीकर और डीजे की धमक के कारण मूर्ति पर दरार आई और बाद खंडित हो गई। जबलपुर के कछपुरा में हुई इस घटना के बाद हिंदू संगठन ने शहर में बजने वाले तेज डीजे पर पुलिस-प्रशासन से रोक लगाने की मांग की।

हिंदू संगठन के सदस्य विक्रांत सिंह का कहना है कि, कछपुरा की काली माता की मूर्ति खंडित होने की जानकारी मिली थी। जिसको लेकर मंगलवार की रात लोग यादव कालोनी पुलिस चौकी पहुंचे और आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।

आयोजकों ने माना कि गलती हुई है। आयोजकों ने माता रानी के पट बंद कर दिए थे, पर जवारे का पूजन निरंतर चलता रहा। इस संबंध में चौकी प्रभारी ने कहा कि भटौली कुंड में विजर्सन किया जा रहा है।

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