जिले के पिकनिक स्‍थलों और दुर्घटना सम्‍भावित स्‍थानों पर जन सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम सुनिश्चित करें-कलेक्टर श्री जैन ने आपदा प्रबंधन एवं बाढ़ राहत संबंधी बैठक में दिए निर्देश

नीमच
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वर्षाकाल में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से उत्पन्न समस्याओं से निपटने और जन सुरक्षा के लिए किए जाने वाले उपायों के संबंध में कलेक्टर श्री दिनेश जैन की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में अतिवर्षा एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारी के संबंध में शासन से प्राप्त निर्देशों पर बिंदुवार विचार विमर्श कर, बाढ़ प्रभावित होने वाले ग्रामों ओर वहां की जाने व्‍यवस्‍थाओं की तैयारियो की समीक्षा की गई। बैठक में एस.पी.श्री अंकित जायसवाल, जिला पंचायत सीईओ श्री गुरूप्रसाद व एडीएम श्रीमती लक्ष्‍मी गामड़, अतिरिक्‍त पुलिस अधीकक्षक श्री नवलसिह सिसोदिया व सभी एसडीएम, एसडीओपी व जिला अधिकारी उपस्थित थे।
पुल,रपटों की स्थिति एवं मरम्मतः-बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले की पुरानी क्षतिग्रस्त पुलियाओं को चिन्हित कर, क्षतिग्रस्त पुलिया, रेलिंग की मरम्मत कराये। ऐसे पुल पुलिया जो बाढ़ एवं अतिवृष्टि में डूब जाते हैं, उन पर निगाह रखी जावे। सभी पुलो एवं रपटों पर रेलिंग पिलर आदि ठीक हालत में लगे हो, जहां आवश्यक हो मरम्मत भी कराये। पुल, रपटों पर चेतावनी बोर्ड भी लगाएं।
जलमग्न सड़कों पर से वाहन चालक अपनी जोखिम वाहन ले जाने का प्रयास करते हैं। पुलों पर बाढ़ का पानी बढ़ने पर यातायात को नियंत्रित एवं चिन्हित कर चेतावनी बोर्ड लगाया जाए तथा पुल, पुलिया पर बैरिकेट्स लगाए। अतिवृष्टि होने से पुल पुलिया के ऊपर पानी बहने की स्थिति होने पर लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी व होमगार्ड की ड्यूटी लगाएं। पुल पुलिया पर चिन्हित खतरे वाली स्थिति में कोई वाहन पार न हो। उल्‍लघंन करने पर दोषी वाहन चालकों के विरूद्ध कार्यवाही की जावे। मार्ग में यदि कोई वाहन क्षतिग्रस्त हो जाए, तो उसे निकालने हेतु जहां तक संभव हो क्रेन की तत्काल व्यवस्था की जाए।
बाढ़ प्रभावित गांवों में पेयजल व्यवस्थाः-कलेक्टर ने निर्देश दिए कि गांधी सागर बांध एवं अन्य संभावित डूब प्रभावित गांवों में बंद पड़े हैंडपंपों का निरीक्षण कर एक सप्ताह में अनिवार्य रुप से चालू कराये, और जिन क्षेत्रों में पेयजल स्त्रोत बाढ़ के पानी से घिर जाएं। ऐसे क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने हेतु वैकल्पिक स्त्रोंतों को चिन्हांकित कर लिया जावे। बाढ़ एवं वर्षा का पानी भर जाने से बीमारियों का प्रकोप होने की संभावना रहती है। ऐसे क्षेत्रों के कुओं आदि में ब्लीचिंग पाउडर क्लोरीन डलवाने की व्यवस्था की जावे। संपर्क विहीन ग्रामों की पंचायतों में आवश्‍यक, पर्याप्‍त खाद्य सामग्री प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जाना सुनिश्चित करें। वर्षाकाल में स्‍कूलों, छात्रावासों में स्वच्छ पेयजल उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
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