बेरछा। मध्य प्रदेश में शिक्षा मे गुणवत्ता को लेकर सतत नवाचार किये जा रहे हैं जिसमें बच्चों के स्कूली बस्ते बेग का वजन कम करना या बोझ मुक्त शिक्षा । इसी क्रम मे प्रदेश मे पहली बस्ता विहीन माध्यमिक शाला प्रारम्भ करने का शाजापुर जिले के मोहन बडोदिया विकासखंड के मा वि पलसावद मे शुभारम्भ डीपीसी राजेंद्र शिप्रे, डाइट प्रमुख डॉ बालेंदु श्रीवास्तव, बीआरसी गोकुल प्रसाद कुलमिया,मिशन अंकुर प्रभारी बालचंन्द्र कारपेंटर के आतिथ्य मे हुआ। इस अवसर पर सीएम राईस स्कूल मे चयनित शिक्षक मनीष देशमुख, महेश राठौर व सेवा निवृत्त शिक्षक ओंकार सिंह उमट का बिदाई समारोह आयोजित किया गया जिन्हे शाल श्रीफल से सम्मानित किया गया। इस दोरान एफ एल एन मिशन अंकुर व शून्य निवेश नवाचार आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें जिले से आये प्रशिक्षक, मास्टर ट्रेनर्स,सी ऐ सी, बी ऐ सी ने शिक्षा गुणवत्ता बड़ाने वाली योजनाओ की विस्तार से जानकारी पोलायखुर्द संकुल के संस्था प्रधानों व शिक्षकों को दी गई। कार्यक्रम का संचालन रमेश चंद्र मालवीय व आभार दिनेश राजपुत् ने माना।
प्रदेश की पहली बस्ता विहीन प्राथमिक व माध्यमिक शाला शाजापुर जिले मे – राज्य शिक्षा केंद्र के लिए बस्ता विहीन शाला नवाचार की पहली सार्थक पहल का श्रेय शाजापुर जिले को जाता है। पहली प्राथमिक शाला नन्दासुरा शिक्षक वैभव तिवारी के प्रयास से सार्थक सफल रहा है तो वहीं दूसरी माध्यमिक शाला पलसावद का शुभारम्भ हुआ।
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