16 दिनों से स्लीप मोड में विक्रम लैंडर और रोवर प्रज्ञान, अब कुछ घंटे थोड़ी टेंशन वाले

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रमा पर कुछ ही घंटे बाद सूर्योदय होने वाला है और सभी को चंद्रयान-3 के लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ के सक्रिय होने का इंतजार है।  पिछले 16 दिनों से यह स्लीप मोड में थे।  उन्होंने कहा कि जब ऐसा होगा तो यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा। अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ सिंह ने लोकसभा में ‘‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे राष्ट्र की अन्य उपलब्धियां” विषय पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘यह बात साझा करते हुए मुझे हर्ष है कि कुछ ही घंटे बाद ‘विक्रम’ और ‘प्रज्ञान’ अपनी नींद से जाग जाएंगे, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार है।” उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण से लेकर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की यात्रा में कुछ क्षण चिंता और आशंका वाले तथा संवेदनशील रहे।

दो सप्ताह से गहरी नींद में विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर 
वहीं, पूर्व चेयरमैन जी माधवन ने कहा, “विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर अब लगभग दो सप्ताह से गहरी नींद में हैं। यह लगभग फ्रीजर से किसी चीज को निकालकर उसकी जांच करने और फिर उसका उपयोग करने की कोशिश करने जैसा है। वहां का तापमान -150 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया होगा, उस तापमान में बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य तंत्र कैसे काम करेंगे, यह चिंता का विषय है।

अब आने वाले घंटे चिंता वाले
इसके साथ ही  डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी कहा कि अब आने वाले कुछ घंटे भी थोड़ी चिंता वाले हैं। सिंह ने कहा कि चांद पर 14 दिन की एक रात समाप्त होने वाली है और वहां भोर होने का समय है। उन्होंने कहा कि हमने वहां सोलर बैटरी की व्यवस्था की है, जो चंद्रमा पर सूर्योदय होते ही चार्ज होने लगेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम सबको चिंता है कि उन बैटरी से ‘वेक अप सर्किट’ सक्रिय होना चाहिए। हमें उस पल का बेसब्री से इंतजार है जब ‘विक्रम’ आंखें मलते-मलते उठ खड़ा होगा और प्रज्ञान भी उसके साथ उठ जाएगा। फिर वह अद्भुत बात होगी, जो दुनिया में अभी तक नहीं हुआ और भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पहला देश बन जाएगा।”

चंद्रयान-3 के सॉफ्ट लैंडिंग करने जैसे क्षण भी चिंता वाले रहे
गौरतलब है कि इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने दो सितंबर को कहा था कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी, इसलिए इन्हें ‘निष्क्रिय’ किया जाएगा। चंद्रमा की एक रात पृथ्वी की 14 रात्रि के बराबर होती है। डॉ. सिंह ने कहा कि इससे पहले चंद्रयान-3 के धरती की कक्षा से निकलकर सुगमता से चंद्रमा की कक्षा में जाने, चंद्रयान-3 के सॉफ्ट लैंडिंग करने जैसे क्षण भी चिंता वाले रहे।

मालवा अभीतक की ताजा खबर सीधे पाने के लिए : 
ताज़ा ख़बर पाने के लिए एंड्राइड एप्लीकेशन इनस्टॉल करें :

कोहरे में थम गई रफ्तार, नोएडा हाईवे पर टकराईं गाड़ियां, पलट गई कार… महाराष्ट्र में तीन की मौत     |     मरघट की राख नहीं… फिर कैसे तैयार होता है नागा साधुओं के शरीर पर लगने वाला भस्म?     |     PM के दौरे से ट्रैफिक जाम, लोग क्यों परेशान हों…मोदी के मुंबई विजिट की टाइमिंग पर आदित्य ठाकरे ने उठाए सवाल     |     खूबसूरती में हर्षा रिछारिया को टक्कर देती है ये साध्वी, अमेरिका से आकर बसी है भारत में     |     रांची में दिनदहाड़े बीच सड़क गाड़ दी लाश, 50 आदिवासियों ने क्यों किया ऐसा?     |     मेंहदीपुर बालाजी के रामाकृष्ण आश्रम में मिलीं 4 लाशें, सब एक परिवार के… हत्या या आत्महत्या में उलझी पुलिस     |     समंदर के नए सिकंदर… PM मोदी ने देश को समर्पित किए तीन ‘महाबली योद्धा’, बढ़ेगी चीन-पाक की टेंशन     |     यूसीसी में लिव-इन रिलेशन में रहने वाले लोगों के लिए क्या होंगे नियम?     |     रांची में दिनदहाड़े बीच सड़क गाड़ दी लाश, 50 आदिवासियों ने क्यों किया ऐसा?     |     इंदिरा गांधी भवन, 9A, कोटला रोड… दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय का हुआ उद्घाटन, सोनिया-खरगे-राहुल रहे मौजूद     |