मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए समुचित उपाय करें- कलेक्टर श्री जैन,मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा

शाजापुर
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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए समुचित उपाय करें। उक्त निर्देश कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति श्री दिनेश जैन ने आज मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत सी.डी.आर एवं एम.डी.आर की समीक्षा के दौरान दिये। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजू निदारिया, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रकाश पण्डित, जिला चिकित्सालय सिविल सर्जन डॉ. बीएस मैना, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सुमित यादव, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ उमा परमार, एस.एन.सी.यू नोडल अधिकारी डॉ चेतन वर्मा, नोडल अधिकार एन.आर.सी डॉ उमेश गौतम, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री लालसिंह, जिला आर.बी.एस.के समन्वयक सुश्री हिमांशी काले भी उपस्थित थी।

समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने गर्भवती महिलाओं के शीघ्र पंजीयन एवं समुचित मात्रा में दवाईयों एवं उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। एमसीपी कार्ड को साफ साफ अक्षरो में भरने, शिशु एवं गर्भवती माताओं का ड्यू लिस्ट अनुसार टीकाकरण करने के निर्देश दिये। हाई रिस्क सम्भावित डिलेवरी की प्रतिदिन की सूची सूमन हेल्प डेस्क को भेजना सुनिश्चित करे ताकि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर मे कमी लाई जा सकें। गर्भवती महिलाओं की सुक्ष्म एएनसी जांच सही तरीके से गुणवत्ता पूर्वक करने के लिए कहा। इसी प्रकार टीकाकरण मे हितग्राहियों को एमसीपी कार्ड मे अंकित 04 संदेश के लाभ बताकर आगामी ड्यू डेट से अवगत करने के लिए भी कहा। कलेक्टर ने कहा कि किन-किन कारणों से शिशुओं की मृत्यु हो रही है, इसका डाटा इकट्ठा करें। जिले में जिले की एवं अन्य जिलों से प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं का डाटा अलग-अलग तैयार करें। प्रसव के लिए सर्जन की कमी होने पर निजी क्षेत्र के सर्जन की सेवाएं ली जा सकती है, इसके लिए एक रोस्टर बनाकर निजी क्षेत्र के चिकित्सकों को बुलाएं। मृत्यु दर कम करने के लिए एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दें। हाईरिस्क गर्भवती महिलाओं के लिए पहले से एएनएम को अलर्ट रहने के निर्देश दें। कलेक्टर ने कहा कि निजी क्षेत्रों के नर्सिंग होम या चिकित्सालयों में शिशु रोग विशेषज्ञ होना चाहिये। सीएमएचओ निजी चिकित्सालयों को शिशु रोग विशेषज्ञ रखने एवं स्वयं के एसएनसीयू डेवलप करने के लिए कहें।

एस.एन.सी.यू/एस.बी.एन.सी.यू, एन.आर.सी से डिस्चार्ज किये गये शिशुओ का फॉलोअप की सूची आर.बी.एस.के चिकित्सक दल से साझा करते हुये उनके द्वारा फॉलोअप जांच कराया जाना सुनिश्चित करें एवं प्रतिदिन किये गये फॉलोअप की रिपोर्ट भी भेजने के लिए कहें। संस्थागत प्रसव से डिस्चार्ज से शिशुओं की गृह भेंट जांच (एच.बी.एन.सी) आर.बी.एस.के चिकित्सक दल की देखरेख में कराने के निर्देश दिये।

कलेक्टर श्री जैन ने समस्त फालोअप का विकेन्द्रीकरण कर खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को आर.बी.एस.के दल के माध्यम से कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को बाल विकास परियोजना अधिकारियों के साथ आंगनवाड़ी केन्द्रों का भ्रमण कर शिशुओं का फालोअप तथा गर्भवती माताओं का परीक्षण करने के निर्देश दिये।

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