प्रत्येक वर्ग के सर्वांगिण विकास के लिए केन्द्र की सरकार काम कर रही है- राज्यपाल डॉ. गेहलोत ,शाजापुर में जिला नि:शक्त पुनर्वास केन्द्र भवन का लोकार्पण
शाजापुर
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केन्द्र की सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हर वर्ग के सर्वांगिण विकास के लिए कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री की सोच है कि सभी वर्गों का आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक दृष्टि से विकास हो। यह बात कर्नाटक राज्य के महामहिम राज्यपाल Dr. Thawarchand Gehlot ने आज शाजापुर जिला मुख्यालय पर 2 करोड़ 92 लाख 29 हजार रूपये लागत से निर्मित जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र भवन के शुभारंभ अवसर पर कही। इस मौके पर प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री Inder Singh Parmar तथा क्षेत्रीय सांसद श्री Mahendra Singh Solanki भी मौजूद थे।
राज्यपाल डॉ. गेहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि हर वर्ग का सर्वांगिण विकास होना चाहिये। किसी वर्ग विशेष को नजरअंदाज कर किसी वर्ग विशेष को पीछे छोड़कर या किसी को बहुत आगे बढ़ाकर देश का समुचित एवं संतुलित विकास संभव नहीं है। इसलिये केन्द्र की सरकार ने किसी को भी पीछे नहीं रहने देने के लिए और देश के सर्वांगिण और समुचित विकास के लिए योजनाएं बनाई है। दिव्यांगों को दृष्टिगत रखते हुए उनके समुचित विकास और कल्याण के लिए भी योजनाएं बनाई गई है। विगत 7 वर्षों में दिव्यांगजनों के विकास एवं कल्याण के क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल हुई है। साथ ही दिव्यांगों के कल्याण के क्षेत्र में हमने आजादी के बाद पहली बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में 10 रिकार्ड बनाएं हैं। प्रधानमंत्री दिव्यांगों के कल्याण के लिए विशेष रूची रखते हैं। पहले दिव्यांगजनों को विकलांग कहा जाता था, जिसे प्रधानमंत्री ने बदलकर दिव्यांग नाम दिया है। पहले दिव्यांगता के लिए 7 प्रकार की श्रेणीयां थी। कोई भी दिव्यांग भारत सरकार की योजनाओं से लाभांवित होने से वंचित न रहे, इसके लिए अब 21 श्रेणीय बनाई गई है। इसी तरह दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण का प्रतिशत 3 से बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी दिव्यांगजनों के लिए 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत सीट आरक्षित की गई है। उन्होंने कहा कि जो बच्चें सुन एवं बोल नहीं सकते उनके उपचार के लिए 6 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। उपचार में कॉकलियर यंत्र लगाया जाता है और स्पीच थैरेपी दी जाती है, जिससे बच्चा सुनने और बोलने लगता है। इस प्रकार देश में लगभग साढ़े तीन हजार से अधिक बच्चों का उपचार किया गया है। दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता के अनुसार कृत्रिम अंग प्रदान करने की भी योजना है। इसी तरह पढ़ाई के लिए दृष्टिबाधित दिव्यांगों को भी ब्रेल लिपि एवं स्मार्टफोन देने की सुविधा दी गई है। किसी भी दिव्यांगजन को हताश होने की आवश्यकता नहीं है, वे सरकार की योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि दृष्टिबाधित दिव्यांग आईएएस एवं आईपीएस अधिकारी और अच्छे वकील भी बने हैं। उन्होंने बताया कि दिव्यांगों के साथ-साथ वृद्धजनों के लिए भी सामाजिक न्याय विभाग द्वारा योजनाएं बनाई गई हैं, जिसके तहत दिव्यांगजनों को दांतों की बत्तीसी, बैसाखी, व्हील चेयर, छड़ी, चश्मा आदि उपलब्ध कराया जाता है। यदि कोई दिव्यांग कृत्रिम अंग उपकरण चाहता है तो उसके घर आकर कंपनी नाप लेकर अंग बनाकर देगी। उज्जैन में कृत्रिम पैर एवं हाथ बनाने का काम शुरू हुआ है। इलेक्ट्रॉनिक हाथ भी दिव्यांगजनों को बनाकर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों ने टोक्यो में संपन्न हुए पैरा ओलंपिक में भारत के दिव्यांग ने कमाल दिखाया और 19 गोल्ड मेडल जीते हैं। जबकि सामान्य खिलाड़ियों द्वारा ओलंपिक में भारत के लिए 7 पदक जीते थे। भारत में दिव्यांगजनों के लिए बने कानूनों की प्रशंसा विदेशों में भी हो रही है। इसी तरह दिव्यांगजनों के साथ-साथ ट्रांसजेंडर के विकास के लिए भी सरकार काम कर रही है। ट्रांसजेंडर्स को पहचान पत्र दिया जा रहा है।
राज्यपाल डॉ. गेहलोत ने सभी दिव्यांगजों से कहा कि वे यूडीआईडी कार्ड अवश्य बनवाएं। यह कार्ड बहुउपयोगी है। जिले में यूडीआईडी कार्ड बनाने के कार्य की राज्यपाल ने प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि किसी भी दिव्यांगजन को यदि कोई समस्या है तो वह उनसे फोन से अथवा पत्र लिखकर समस्या भेज सकता है। उनकी समस्या का निराकरण क्षेत्रीय सांसद एवं मंत्री के माध्यम से कराया जायेगा।
इस मौके पर राज्यमंत्री श्री परमार ने संबोधित करते हुए कहा कि शाजापुर में बने जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र से जिले के दिव्यांगजनों को सुविधा मिलेगी और यह केन्द्र चेतना केन्द्र के रूप में विकसित होगा। प्रदेश एवं राज्य की सरकार लोगों के जीवन में कैसे बदलाव आए, इसके लिए सतत काम कर रही है। उन्होंने बताया कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार का काम तीव्र गति से चल रहा है। प्रदेश के 52 जिलों में “सीएम राईज स्कूल” निर्मित हो रहे हैं। शाजापुर जिले में भी 6 सीएम राईज स्कूल बनाए जा रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव किये जा रहे हैं, जिसके परिणाम डेढ़ से 2 वर्ष में दिखने लगेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार विद्यालयों में 240 घंटे का आर्टिफिशियल इंटिलिजेंस का कोर्स कराया जायेगा। साथ ही देश के अन्य राज्यों की भाषाओं का भी प्रदेश के स्कूलों में अध्ययन कराया जायेगा, इससे विद्यार्थी अन्य राज्यों की भाषाओं से परिचित होगा।
इस अवसर पर सांसद श्री सोलंकी ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल डॉ. गेहलोत जब केंद्र की सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री थे तब उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए अनेक विकास एवं कल्याण के लिए काम किये हैं। डॉ. गेहलोत का देवास एवं शाजापुर जिले की जनता से पुराना जुड़ाव है। विगत 22 वर्ष के संसदीय कार्यकाल में डॉ. गेहलोत ने क्षेत्र के विकास के लिए अनेक कार्य किये हैं। आज जिस भवन का लोकार्पण किया गया है, वह भी उन्हीं के द्वारा स्वीकृत किया गया था। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए बने इस भवन में कुछ कमी रहेगी तो वे इसकी प्रतिपूर्ति करेंगे। इस मौके पर कलेक्टर श्री दिनेश जैन ने स्वागत उद्बोधन देते हुए जिले में दिव्यांगजनों तथा वृद्धजनों के कल्याण के लिए किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण हितग्राहियों को घर पर ही कराया जा रहा है।
समारोह के समापन पर पूर्व विधायक श्री अरूण भीमावद ने उपस्थित जनों एवं अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन एवं मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। साथ ही कलेक्टर श्री दिनेश जैन एवं पुलिस अधीक्षक श्री पंकज श्रीवास्तव ने अतिथियों को स्मृति चिन्हं भी भेंट किये। कार्यक्रम का संचालन श्री आशीष नागर ने किया।
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2 करोड़ 92 लाख 29 हजार रूपये लागत के डीडीआरसी भवन का लोकार्पण
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कर्नाटक के राज्यपाल डॉ. थावरचंद गेहलोत ने शाजापुर जिला मुख्यालय पर 2 करोड़ 92 लाख 29 हजार रूपये लागत से निर्मित जिला नि:शक्त पुनर्वास केन्द्र (डीडीआरसी) भवन का फीता काटकर लोकार्पण किया। इसके बाद राज्यपाल डॉ. गेहलोत ने भवन का अवलोकन भी किया। इस भवन का क्षेत्रफल 1470 वर्ग मीटर है। इसमें 790 वर्गमीटर क्षेत्र में भूतल तथा 680 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का प्रथम तल तथा 45 वर्गमीटर में पोर्च बनाया गया है। भवन में भूतल पर प्रशासक कार्यालय, रिसेप्शन काउंटर, काउंसलिंग रूम, इंस्ट्रक्टर रूम, ऑफिसर कक्ष, स्टोर रूम, चेकअप रूम, साउंडप्रुफ कक्ष आदि बनाए गए हैं। प्रथम तल पर जाने के लिए दो रैम्प बनाएं गए हैं एवं लिफ्ट प्रस्तावित की गई है। प्रथम तल पर असेस्मेंट चेकअप रूम, आफिसर रूम आदि बनाए गए हैं। दोनों ओर तलों पर दिव्यांगों एवं महिलाओं और पुरूषों के लिए प्रसाधन सुविधा भी दी गई है। राज्यपाल डॉ. गेहलोत ने परिसर में फलदार आम के पौधे का भी रोपण किया।
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दिव्यांगजनों को हितलाभ वितरित
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कर्नाटक के राज्यपाल डॉ. थावरचंद गेहलोत ने समारोह के दौरान मानसिक दिव्यांग श्री एलकारसिंह, सुधीर, लोकेन्द्र, आशिष, खुशराम, ज्योति, शुभम, सुजित, भारती, आरती और मौनिका के लिए टीएमएल किट वितरित की। नेहा मालवीय, रामलखन, कनक, अलफिया, आलिया अंजुम, विनोद दुबे, मो. जकी अंसारी, प्रवीण शर्मा, कैलाशचन्द्र फुलेरिया एवं सुनील पाटीदार कुल 10 दिव्यांगजनों को व्हील चेयर भेंट की। इसी तरह श्रीमती बिंदु चौहान, जीवन, धापुबाई, कु. निकलेश एवं कु. मोहनी को यूडीआइडी कार्ड वितरित किए।
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मक्सी में गार्ड ऑफ ऑनर दिया
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कर्नाटक के राज्यपाल डॉ. थावरचंद गेहलोत के जिले में आगमन पर मक्सी में जिले की पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर कलेक्टर श्री दिनेश जैन, पुलिस अधीक्षक श्री पंकज श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
Social Justice and Disabled Welfare Department ,Madhya Pradesh
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