शाजापुर, 07 अप्रैल 2022/ किसानों द्वारा फसल काटने के बाद खेत को साफ करने की दृष्टि से खेतो में आग लगा दी जाती है, जिसे नरवाई जलाना कहते हैं। यह चलन कई बार लोक परिशांति भंग करने की स्थिति उत्पन्न करता है तथा मानव जीवन और स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है, साथ ही इससे आसपास की फसलों और मकानों को आग के कारण नुकसान पहुंचता है, उससे किसी आपदा की स्थिति की आशंका बनी रहती है। मिट्टी की उर्वरा शक्ति का ह्रास होकर खराब हो जाती है। नरवाई में आग लगाने के कारण आसपास के खेत जिनमें गेहूं, चना, मसूर आदि की खड़ी फसल तथा निकट के आबादी क्षेत्र में सम्पत्ति को नुकसान होने की घटनाएं पूर्व में भी हो चुकी है तथा वर्तमान में भी होने की संभावना है।
इन सभी तथ्यों को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री दिनेश जैन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30 उपधारा में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शाजापुर जिले की संपूर्ण सीमा क्षेत्र के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुए आदेश दिये हैं कि कोई भी व्यक्ति नरवाई नहीं जलाएगा अथवा खेत में आग नहीं लगाएगा। यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60: के तहत दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश आज से 31 मई 2022 तक के लिए प्रभावशील रहेगा।