उज्जैन में में हुआ बड़ा कांड, जेल कर्मियों के जीपीएफ खातों से ढाई साल में निकाल लिए 15 करोड़,कलेक्टर ने कराई FIR, जेल का बाबू फरार
भोपाल मालवा अभीतक,,
मप्र के उज्जैन से एक बड़ा मामला सामने आया है जिससे सनसनी फैल गई है। आपको बता दे भैरवगढ़ सेंट्रल जेल ( उज्जैन) के कर्मचारियों के जीपीएफ खातों से 15 करोड़ रुपए से ज्यादा निकालने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बीते करीब ढाई साल से धीरे-धीरे जेल कर्मियों के भविष्य निधि खाते से पैसे निकाले जाते रहे । इसके लिए जेल अधीक्षक के लॉगिन पासवर्ड का इस्तेमाल किया गया। इसका खुलासा होते ही कलेक्टर के निर्देश पर एफआईआर दर्ज करवा दी गई है । जेल ने भी विभागीय मुख्यालय जांच शुरू करवा दी है।
मामला इस प्रकार सामने आया कि उज्जैन कोषालय ने दो जेल प्रहरियों के भविष्य निधि खाते से 12 और 10 लाख रुपए के निकासी पर संदेह होने पर बैंक ऑफ इंडिया से डिटेल जानकारी ली। इसमें सामने आया कि जेल में एकाउंट का काम संभालने वाले बाबू रिपुदमन सिंह के निजी खाते में ट्रांजेक्शन हो रहा था। इसी तरह दो अन्य खाते भी थे। इस तरह तीनों खातों में
शुरूआती जांच में सामने आया है कि बीते ढाई साल से बिना जेल कर्मचारियों को भनक लगे, उनके जीपीएफ खाते से पैसा निकाला जाता रहा। इसमें कई खाते पूरी तरह खाली कर दिए गए, तो वहीं कई खातों में जितनी राशि जमा ही नही हुई थी, उससे भी ज्यादा राशि निकाल कर निजी खातों में ट्रांसफर कर दी गई। इस घोटाले में चौंकाने वाला तथ्य यह भी सामने आया है कि वित्त विभाग के कड़े निर्देश के बाद भी जेल अधीक्षक के लॉगिन और पासवर्ड एक बाबू तक कैसे पहुंच गए।
इस मामले में पुरपुरुषोत्तम, कलेक्टर, उज्जैन ने कहा कि
जेल अधीक्षक की भूमिका की जांच के लिए लिखा पत्र भैरवगढ़ जेल अधीक्षक उषा राजे की भूमिका की जांच के लिए डीजी जेल को पत्र लिखा है, क्योंकि बिना लॉगिन पासवर्ड के गड़बड़ी नहीं हो सकती। यह बीते ढाई साल से चल रहा था। इसके सामने आने पर एफआईआर करवाईगईहै। अभी तो इसमें पैसा जिसके खाते में गया है, उसको ही आरोपी बनाया है। जांच के बाद और भी आरोपी बढ़ेंगे।