एक भी किसान फसल बीमा योजना से वंचित न रहे – राज्यमंत्री श्री इंदरसिंह परमार बीमा कम्पनियों के साथ समीक्षा कर दिये निर्देश

शाजापुर, 07 जनवरी 2021/ जिले का एक भी किसान फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित नहीं रहना चाहिये। बीमा योजना से वंचित रह गये किसानों की फसलों का आवश्यकतानुसार पुन: सर्वे कर उन्हें लाभान्वित करना सुनिश्चित करें। प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री इंदरसिंह परमार ने आज शाजापुर में फसल बीमा योजना से संबद्ध बीमा कम्पनी के अधिकारियों एवं बैंको के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उक्त निर्देश दिये। राज्यमंत्री श्री परमार ने कहा कि यदि पात्र किसान बीमा लाभ से वंचित रह जाते हैं, तो संबंधित बीमा कम्पनियों एवं प्रीमियम काटने वाले बैंको के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।

राज्यमंत्री श्री परमार ने खरीफ-2019 के बीमा क्लेम के संबंध में किसानों से प्राप्त हो रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जिन किसानों का प्रीमियम कटा है और वे पात्रता रखते हैं तो उन्हें बीमे का भुगतान करना होगा। राज्यमंत्री श्री परमार ने शिकायत लेकर यहां उपस्थित हुए किसानों से भी कहा कि बीमा जमीन के आधार पर प्राप्त होगा न कि बैंक खाते के आधार पर अत: यदि किसानों को उनकी जमीन के लिए बीमा किसी एक राष्ट्रीयकृत या सहकारी बैंक के माध्यम से बीमा राशि प्राप्त हो गई है तो वे शिकायत नहीं करें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसान-पुत्र मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते हुए किसी भी किसान के साथ अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। राज्यमंत्री श्री परमार ने बीमा कम्पनी के अधिकारियों एवं सहकारी बैंक के सीईओ को हिदायत दी कि किसानों को बीमे का वाजिब लाभ देने में नाकाम रहते हैं तो उनके विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। श्री परमार ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित के सीईओ की कार्यप्रणाली के प्रति नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर श्री जैन ने भी सहकारी बैंक के सीईओ की कार्यप्रणाली से नाराज होते हुए कहा कि बार-बार निर्देश देने के बावजूद भी सहकारी समितियों में बीमा से संबंधित जानकारी प्रदर्शित नहीं की गई है।

पशुधन बीमा योजना की समीक्षा

इस अवसर पर राज्यमंत्री श्री परमार ने पशुधन बीमा योजना के तहत बीमा राशि वितरण की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि वितरण में देरी नहीं होने दें, पशुपालकों को बीमित पशु का समय पर पूरा क्लेम दिलवाएं। राज्यमंत्री श्री परमार ने कहा कि पशुपालकों को उनके पशुओं के लिए बीमे की सुविधा प्रदान कर दुधारू, गैर दुधारू एवं अन्य पशुओं की मृत्यु से होने वाली प्रतिपूर्ति कर आर्थिक हानि से बचाना है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की गाईड लाइन के अनुसार जितनी राशि का बीमा हुआ है, उतना मिलना चाहिये। साथ ही बीमा वितरण में देर करने पर पशुपालक को ब्याज भी देना होगा। बीमा क्लेम का निराकरण कंपनी को 15 दिन में करना होगा। इस अवसर पर उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ. एके बरेठिया ने बताया कि रिस्क मैनेजमेंट (नवीन पशुधन बीमा) वर्ष 2020-21 के लिए एक हजार पशुओं का बीमा कराने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। अब तक 92 पशुओं का बीमा हो चुका है। योजना का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम द्वारा किया जायेगा। योजना के अंतर्गत सभी प्रकार के पशुओं आदि का बीमा होगा। योजना में एपीएल के हितग्राहियों को 25 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 25 प्रतिशत राज्यांश दिया जायेगा। शेष 50 प्रतिशत राशि हितग्राहियों को अंशदान के रूप में देना होगा। इसी तरह बीपीएल एवं अजा व अजजा के हितग्राहियों को 40 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 30 प्रतिशत राज्यांश कुल 70 प्रतिशत दिया जायेगा। शेष 30 प्रतिशत हितग्राहियों को देना होगा। प्रीमियम की दर एक वर्ष के लिए 2.92 प्रतिशत तथा 3 वर्ष के लिए 7.34 प्रतिशत है।

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