रमेश की 29 बार, द्रौपदी बाई की 28 बार मौत… MP के 11 करोड़ वाले स्नेक स्कैम में खुलती जा रही परतें, जानें पूरी कहानी
मध्य प्रदेश में कभी चम्मच घोटाला, कभी डामर घोटाला, कभी नगर निगम कचरा घोटाला और अब ‘सर्पदंश घोटाले’ का मामला सिवनी की केवलारी तहसील से सामने आया है. इस घोटाले की कहानी जितनी अजीब है, उतनी ही भयावह भी है. क्योंकि इसमें न सिर्फ मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया. बल्कि जिंदा लोगों को भी मृत घोषित कर शासन की राशि का गबन किया गया. इस पूरे भ्रष्टाचार में 46 लोगों के साथ-साथ चार तहसीलदार और दो बाबू भी शामिल हैं.
जांच अधिकारी रोहित कोसल के मुताबिक इस घोटाले की शुरुआत साल 2019 में हुई और यह 2022 तक चलता रहा. जांच में सामने आया है कि मृत व्यक्तियों के नाम पर सर्पदंश से हुई मौतें दिखाकर मुआवजे और फसल क्षतिपूर्ति की सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया. कुल 11 करोड़ 26 लाख रुपये के इस घोटाले को इतनी चालाकी से अंजाम दिया गया कि किसी को भनक तक नहीं लगी. जांच रिपोर्ट के अनुसार, द्रोपदी बाई को 28 बार, रमेश नाम के व्यक्ति को 29 बार अलग-अलग दस्तावेजों में मृत बताया गया. हर बार एक ही वजह सांप का काटना. इसी तरह रामकुमार को भी 19 बार मृत घोषित कर 38 फर्जी रिकॉर्ड के जरिए लगभग 81 लाख रुपये का गबन किया गया.