संतों की उपस्थिति में मना आचार्य शंकर प्रकटोत्सव, सीएम बोले- सनातन की ध्वजा लेकर भारत सीना तान खड़ा है
खंडवा: मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की धार्मिक तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में शुक्रवार को पांच दिवसीय “एकात्म पर्व” का समापन हुआ। इस पर्व के अंतिम दिवस को आचार्य शंकर के प्रकटोत्सव के रूप में एकात्म धाम में मनाया गया। इस दौरान यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ ही जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर अवधेशानंद जी महाराज शामिल रहे। यहां आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास और संस्कृति विभाग मप्र शासन के द्वारा आचार्य शंकर की गुरु एवं संन्यास भूमि पर इस पर्व का शुभारंभ महर्षि सांदीपनि वेद विद्यापीठ एवं आर्ट ऑफ लिविंग गुरुकुल के आचार्यों के द्वारा वैदिक अनुष्ठान से किया गया। इसके साथ ही पर्व के दौरान आचार्य शंकर के स्तोत्रों का गायन, वैदिक अनुष्ठान, शोभायात्रा, अद्वैत शारदा पुस्तकालय, अद्वैत लोक प्रदर्शनी और वेदांत-विज्ञान विषयक परिचर्चाओं के आयोजन भी हुए। वहीं इस आयोजन में अनेक संत-संन्यासियों की उपस्थिति भी रही। जिनमें इस्कॉन के गौरांग दास प्रभु, अखण्ड परम धाम के स्वामी परमानंद गिरि, स्वामी विदितात्मानंद सरस्वती, स्वामी मिथलेश नंदनी शरण, स्वामी प्रणव चैतन्य पुरी, और मां पूर्णप्रज्ञा सम्मिलित हुए।
500 शंकरदूतों का हुआ दीक्षा संस्कार
एकात्म पर्व के पांच दिवसीय इस आयोजन के अंतिम दिन शुक्रवार को आचार्य शंकर प्रकटोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर 500 शंकरदूतों का दीक्षा संस्कार अभय घाट पर संतों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। पर्व के समापन पर प्रातःकाल में विद्वानों का अलंकरण किया गया। वहीं शाम के समय शोभायात्रा भी निकाली जाएगी। जिसके बाद देर शाम नर्मदा घाट पर 10,000 दीपों का प्रज्ज्वलन और नर्मदा आरती का आयोजन किया जाएगा। बता दें कि ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास एवं संस्कृति विभाग, म.प्र. शासन द्वारा एकात्म धाम प्रकल्प के अंतर्गत 108 फीट ऊंची “एकात्मता की मूर्ति” का निर्माण किया जा चुका है। तथा अद्वैत लोक संग्रहालय एवं अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। पांच दिवसीय एकात्म पर्व के अंतर्गत “शंकर संगीत” प्रस्तुति श्रृंखला भी आयोजित की गई। जिसमें आचार्य शंकर के स्तोत्रों व अद्वैत वेदांत पर आधारित रचनाएं प्रस्तुत की गईं ।
सनातन की ध्वजा लेकर भारत सीना तान खड़ा है
वहीं तीर्थ नगरी पहुंचे सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने मीडिया से चर्चा में कहा कि, भगवान शंकराचार्य जी के नाम पर एकात्म धाम के स्थान पर परम पूज्य अवधेशानंद जी महाराज, परम पीठाधीश्वर जूना अखाड़ा और संत और अन्य लोगों के साथ आज सुबह से ही हमने बिल्कुल ही एक अलग प्रकार के आध्यात्मिक लेकिन भगवान शंकराचार्य जी के विविध पक्षों को लेकर विस्तार से यह आयोजन सम्पन्न हुआ है। हम सब जानते हैं कि एकात्म धाम हमारे उस अद्वैत वेदांत के सिद्धांत का एक तरह से प्रतिरूप है, जिस आधार पर हमारी अपनी सनातन संस्कृति की ध्वजा लेकर के, संसार के सामने भारत सीना तान के खड़ा है। हम इसके सारे प्रकल्पों को लेकर गंभीर हैं। एक-एक करके वह सारे संकल्प समाज के सामने आएंगे, और आध्यात्मिक चेतना से मानव जीवन में बदलाव लाएंगे। इसको लेकर के सरकार और हमारे प्रधानमंत्री के साथ सबका साथ सबका विकास सब का प्रयास के संकल्प पर हम आगे बढ़ेंगे।