पहलगाम आतंकी हमला: मान ली होती बहन की ये बात तो… आतंकियों की गोली से बच जाते आदिल, पर्टयक को बचाने में गंवाई जान
कश्मीर के पहलागम में हुए आंतकी हमले से पूरे देश में रोष है. इस कायराना आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई है. पहलागम में हुए आंतकी हमले में मरने वालों में 30 साल के एक कश्मीरी सैयद आदिल हुसैन शाह भी शामिल हैं. सैयद पर्यटकों को घोड़ों की सवारी कराते थे. बताया जा रहा है कि मंगलवार को जब आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया तो आदिल अपने साथ के पर्यटक को बचाने की खातिर आतंकियों से भीड़ गए.
उन्होंने पर्यटकों को कश्मीर का मेहमान कहते हुए आतंकियों से उन्हें नहीं मारने की बात कही. आदिल ने आतंकियों से उनके हथियार छिनने का भी प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुए और आतंकी ने उनको साीने में तीन गोलियां मार दी. आदिल के पिता सयैद हैदर शाह ने कहा कि आदिल घर में अकेला कमाता था.
आदिल का फोन आ रहा था बंद
पिता ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बारे में उनको दोपहर करीब 3 बजे पता लगा. उन्होंने आगे कहा कि इसके बाद उन्होंने बेटे को फोन किया, लेकिन फोन बंद आ रहा था. फिर बाद में करीब 4 बजकर 40 मिनट पर आदिल का फोन ऑन हुआ, लेकिन किसी से कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद सभी लोग पुलिस स्टेशन पहुंचे तो बताया गया कि बेटा आतंकी हमले में घायल हो गया. फिर बाद में उसकी मौत हो गई.
आदिल ने नहीं मानी अम्मा और बहन की ये बात
वहीं आदिल की बहन और अम्मा ने कहा कि उन्होंने उनसे से कहा था कि आज (मंगलवार) वो न जाएं. कुछ बुरा हो सकता है, लेकिन उन्होंने उनकी बात को अनसुना कर दिया. आदिल की मौत के बाद उसके परिवार वालों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. वहीं जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आदिल की बहादुरी और बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा.
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आवास पर सीसीएस की बैठक हुई. बैठक के बाद सरकार ने 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी. साथ ही अन्य कई पाबंदियां पाकिस्तान पर लगा दीं.