शाजापुर। बुधवार को चोबदारवाड़ी स्थित खानका ए वारसी मैदान में मुस्लिम समाज ने सद्भावना सम्मेलन आयोजित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री एंव सांसद दिग्विजय सिंह ने उपस्थित लोगों से कहा कि वे धर्म के मार्ग पर सद्भावना और आपसी प्रेम-भाव से आगे बढ़ें। देश में भाईचारा ही हमारी पीढ़ी को तरक्की के रास्ते पर ले जा सकता है। आज बेरोजगार युवा भटक रहे हैं और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने में इनका इस्तमाल किया जा रहा है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मंहगाई के इस दौर में आपसी कटुता हर समुदाय को बहुत भारी पड़ रही है। रोज़गार देने के बजाय सरकार लोगों का ध्यान भटका कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने में लगी है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर एक दूसरे से नफरत न करें बल्कि सद्भावना का रास्ता अपनाएं। सभी धर्मो के ग्रन्थ भी हमें सद्भाना और एकता का ही संदेश देते हैं। सनातन धर्म कहता है धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो, विश्व का कल्याण हो और प्राणियों में सद्भावना हो। हमारे धर्म में प्राणियों में सद्भावना का उल्लेख बताता है कि प्राणी यानि ना जात, धर्म और ना बिरादरी सब प्रेम के अधिकारी हैं। उन्होंने आव्हान किया कि समाज में बेर पैदा करने वाले तत्वों से सावधान रहें और शाजापुर में इंसानियत के लिए मुस्लिम बच्चियों के प्राण बचाने आग में कूदकर अपना जीवन गंवाने वाले स्वर्गीय श्री चांदमल राम से प्रेरणा लें और उनके बलिदान को याद रखें।
सम्मेलन में भाईचारे का पैगाम देते हुए काज़ी एहसान उल्ला साहब ने कहा कि इंसानी रिश्तों में निष्पक्ष और ईमानदार होने के साथ सामाजिक ज़िम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। समाज का मतलब कोई एक वर्ग के लोग नही बल्कि सभी धर्म जाति और पंथ को मानने वालों से मिलकर समाज बनता है। हम सबको मिलकर इस समाज को ताकतवर बनाने के लिए सद्भाव के साथ रहना है और आने वाली भावी पीढ़ी के लिए सांप्रदायिक एकता का अनुपम उदाहरण विरासत में छोड़कर जाना है।
जिला जमियत उलेमा ए हिन्द के सदर आलिम हाजी अफ़ज़ल साहब ने कहा कि हमारे वतन ए अजीज़ हिंदुस्तान में एकता व भाईचारे की परम्परा सदियों पुरानी है। शांति अमन और भाईचारे का पैगाम देने आए पूर्व मुख्यमंत्री जनाब दिग्विजय सिंह साहब ने अपने 10 साल के कार्यकाल में मप्र को शांति का टापू बनाया था। बगैर भेदभाव उन लोगों पर कार्रवाई होती थी, जो समाज में झगड़ा पैदा कर अमन के माहौल में ज़हर घोलना चाहते थे। हमें उम्मीद नही छोड़ना है, सदियों से नफ़रत पर मोहब्बत की ही जीत हुई है।
इसके पूर्व काजी एहसान उल्ला, काज़ी रेहमत उल्ला, आलिम हाजी अफजल, अंजुमन कमेटी के सदर हाजी नईम कुरैशी, मिर्जा सलीम बेग, शेख सम्मू, जुनैद मंसूरी, पार्षद हाफ़िज़ शमी उल्ला, शकील वारसी, अकील वारसी, मिर्जा सोहराब बेग, हाजी इब्राहिम पठान, मूसा खांन, पार्षद शेख सलमान, ज़ाकिर हुसैन, रईस पठान ने दिग्विजय सिंह का परम्परागत तरीके से सम्मान किया। मुस्लिम समाज द्वारा आयोजित सदभावना सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस महामंत्री रामवीर सिंह सिकरवार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष नरेश्वर प्रताप सिंह, आशुतोष शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष इरशाद खांन, जनपद अध्यक्ष शरद शिवहरे, राजकुमार कराड़ा, कमल चौधरी, नरेश कप्तान, महेंद्र सेंगर, राजेश पारछे ने भी समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए अपने विचार व्यक्त किये। स्वागत भाषण हाजी नईम कुरैशी ने दिया। आभार मिर्जा सलीम बेग ने माना और सम्मेलन का संचालन सीताराम सिंह पवैया ने किया।
इस मौक़े पर मुफ़्ती फ़ारूक साहब, हाफ़िज़ उमर साहब, हाफ़िज़ शौएब साहब, हाफ़िज़ शाहिद साहब, हाफ़िज़ अ. रहीम साहब, हाफ़िज़ इमरान लाला, हाफ़िज़ नावेद साहब, हाफ़िज़ वसीम साहब, हाफ़िज़ रईस साहब, गुड्डू भाई साहब मस्जिद पीपलपत्ता, ज़िला पंचायत सदस्य लोकेन्द्र सिंह अरोलिया, कांग्रेस नेता नरेश कप्तान, कमल चौधरी, पूर्व मंडी अध्यक्ष रामसिंह सोंती, दीपक निगम, एजाज़ बबलू कुरैशी, नपा नेता प्रतिपक्ष अजीज़ मंसूरी, पूर्व नपा उपाध्यक्ष ग़फ्फार मंसूरी, रज़ाक भाई किराना, डॉ. इलियास मक्सी, हाजी ग़फ्फार फौजी, आफ़ताब मगरिया, ठेकेदार ज़फ़र कुरैशी, हाजी इक़बाल, आला पटेल, हाजी अकबर, अकरम खां, अजगर अली, सफ़दर अली, पप्पू सदर, पार्षद समी उल्ला काज़ी, पार्षद लाली पटेल, पार्षद सत्या वात्रे, धर्मेन्द्र प्रजापति, अमर सिंह बकानी, आईटी सेल अध्यक्ष देवकरण गुर्जर, कैलाश माटोलिया, मांगीलाल नायक, यूनुस भुट्टो, हाजी इक़बाल मंसूरी, अल्ताफ़ पटेल, अयाज़ उद्दीन पप्पू कुरैशी, राजा कुरैशी, सल्लू कुरैशी, जुग्गु कुरैशी, मुबारिक शाह, फोटोग्राफर गोलू खांन सहित बड़ी तादाद में सभी समाज के लोग उपस्थित थे।