मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक 46 साल की महिला को रोजगार सहायक और पंचायत सचिव ने सरकारी दस्तावेज में मरा हुआ घोषित कर दिया. ये मामला शहडोल जिले के बुढार जनपद पंचायत के एक गांव का है. महिला अब लाभर्थी नहीं रही. उसे लाडली बहना योजना का पैसा नहीं मिल रहा है. महिला परेशान है और खुद को जीवित साबित करने से लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है.
महिला का नाम उमा खुशवाहा है. ये महिला ग्राम पंचायत खामीडोल की है. दरअसल, बीते साल अक्टूबर में महिला के पति की मृत्यु हो गई थी. इसके बाद महिला को ग्राम रोजगार सहायक शिवराम सिंह कंवर ने परिवार समग्र आईडी पर मृत घोषित कर दिया. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, महिला ने कहा कि मेरे पति की मृत्यु के बाद लाडली बहना योजना का पैसा मेरे लिए बहुत मददगार साबित हुआ. मैंने अपने पति के अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार रुपये का कर्ज लिया था, लेकिन पिछले साल नंवबर से अचानक मुझे लाडली बहना योजना का पैसा मिलना बंद हो गया.
महिला को नहीं मिल रहा लाडली बहना योजना का पैसा
महिला ने कहा कि इसके बाद मैंने गांव के रोजगार सहायक से संपर्क किया. उन्होंने कहा कि वो जांच करेंगे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जनवरी में मैंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की फिर, कुछ अधिकारियों ने मुझे बताया कि मुझे समग्र आईडी में मृत घोषित कर दिया गया है. तब से मैंने कई शिकायतें की हैं. अब मुझे कहा गया है कि रिकॉर्ड ठीक कर दिए गया है, लेकिन अभी भी मुझे विधवा पेंशन या लाडली बहना योजना का पैसा नहीं मिला है.
रोजगार सहायक की है गलती
वहीं इस पूरे मामले में ग्राम रोजगार सहायक शिवराम सिंह कंवर कहना है कि जो कुछ भी हुआ वो अनजाने में हुआ, लेकिन अब इसे ठीक कर दिया गया है. महिला के पति की मृत्यु के बाद उनकी आईडी की बजाय महिला की आईडी सिस्टम में फीड हो गई थी. वहीं पंचायत सचिव श्याम सुंदर का कहना है कि ये गलती रोजगार सहायक की है.
पंचायत सचिव ने कहा कि हमारे संज्ञान में मामला आते ही सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. हम यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उसे एनएसएसएस के तहत 20,000 रुपये की सहायता मिले. वहीं लाडली बहना योजना का पैसा महिला को कब मिलेगा, इसे लेकर उन्होंने बताया कि अभी पोर्टल बंद है. पोर्टल खुलने पर ही इसे ठीक किया जा सकता है.