प्रयागराज ही नहीं, अयोध्या-बनारस का भी ऐसा हाल… गंगा-सरयू में डुबकी लगाने उमड़ी भीड़

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के चलते प्रयागराज (Prayagraj Mauni Amavasya) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. लेकिन इसका असर सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं बल्कि कई अन्य तीर्थ स्थलों पर भी देखने को मिल रहा है. लोगों से अपील की जा रही है कि वो अभी इन तीर्थस्थलों पर न आएं. अयोध्या, काशी और कई अन्य जगहों पर श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिला. अयोध्या की सरयू नदी और बनारस (Ayodhya-Varanasi) के घाट पर भी लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे रहे हैं.

प्रयागराज से अयोध्या 168 किलोमीटर दूर अयोध्या है. इसलिए कई श्रद्धालु संगम में शाही स्नान के बाद राम नगरी अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. यहां सरयू नदी है. कुछ श्रद्धालु ऐसे हैं जो मौनी अमावस्या पर प्रयागराज तो नहीं जा पा रहे, लेकिन उसकी जगह यहां सरयू नदी में ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. सुबह 3 बजे से ही यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे.

ऐसा ही हाल कुछ काशी यानी बनारस का भी है. प्रयागराज से वाराणसी सिर्फ 136 किलोमीटर दूर है. दूर-दराज से महाकुंभ आए श्रद्धालु बनारस और अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. बनारस वासी और उसके आस-पास के लोग मौनी अमावस्या पर यहीं घाट (गंगा नदी) पर डुबकी लगाकर स्नान कर रहे हैं. मौनी अमावस्या की धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन कहा जाता है कि धरती पर पितरों का वास भी होता है. ऐसी स्थिति में पितरों के निमित्त दान पुण्य का भी विधान है. शायद यही वजह है कि मौनी अमावस्या के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा जैसे पवित्र नदी में पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाते हैं.

क्या कहा राम मंदिर ट्रस्ट ने

ऐसे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने आस-पड़ोस के श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वो 15 दिन बाद ही अयोध्या आएं. चंपत राय ने कहा- महाकुंभ और मौनी अमावस्या के चलते बहुत बड़ी संख्या में प्रयागराज से भक्तजन अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. ट्रेन एवं सड़क दोनों प्रकार से भक्तजन प्रयाग से अयोध्या आ रहे हैं. पिछले चार दिनों से अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.

15-20 दिन बाद आएं अयोध्या

उन्होंने आगे कहा- अयोध्या धाम की आबादी एवं आकार को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इतनी अधिक संख्या में भक्तों को एक दिन में रामलला के दर्शन कराना बहुत कठिन है और भक्तों को परेशानी का कारण बन रहा है. परिणाम स्वरूप किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए आवश्यक हो गया है कि भक्तों को अधिक पैदल चलाना पड़ रहा है. अतः निवेदन है कि पास पड़ोस के भक्तजन 15-20 दिन के पश्चात दर्शन करने अयोध्या पधारें. ताकि बहुत दूर से आने वाले भक्त आसानी से रामलला के दर्शन कर सकें. इससे सभी को सुविधा होगी. बसंत पंचमी के बाद फरवरी महीने में काफी राहत रहेगी. मौसम भी अच्छा हो जाएगा. मेरे इस निवेदन पर अवश्य विचार करें.

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