सावन के चौथे सोमवार के दिन इस समय करें रुद्राभिषेक, जानें सही नियम

अगर आप सावन के चौथे सोमवार के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने जा रहे हैं तो आप सबसे पहले रुद्राभिषेक के सही समय के बारे में सही से जानकारी कर लीजिए. ताकि आपको सावन के चौथे सोमवार के व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सके. इसके साथ ही सही विधि से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करते हैं तो भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से आपकी सभी कामनाएं पूरी होंगी और घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी. इसके अलावा जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलेगा.

पंचांग के अनुसार, सावन के चौथे सोमवार के दिन सप्तमी तिथि का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 7:55 तक रहेगा. साथ ही इस विशेष दिन पर स्वाति नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है, जो सुबह 8:23 तक रहेगा और इसके बाद विशाखा नक्षत्र शुरू हो जाएगा. सावन सोमवार व्रत के दिन शुक्ल योग और ब्रह्म योग का भी निर्माण हो रहा है. शुक्ल युग शाम 04:26 तक रहेगा और इसके बाद ब्रह्म योग शुरू हो जाएगा. इन योगों में रुद्राभिषेक करना बहुत उत्तम माना जा रहा है.

रुद्राभिषेक की सामग्री : रुद्राभिषेक के लिए फल, सफेद फूल, सिंदूर, चंदन का लेप, धूप-दीप, कपूर, अगरबत्ती,बेलपत्र, गंगाजल, कच्चा दूध,गुलाब जल, इत्र,घी, तेल, बाती समेत पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें.

ऐसे करें रुद्राभिषेक

  • भगवान शिव के रुद्राभिषेक के लिए सबसे पहले गणेशजी की विधि-विधान से पूजा करें.
  • इसके बाद रुद्राभिषेक करने का संकल्प लें. फिर पूजा आरंभ करें.
  • शिव-गौरी के साथ नौ ग्रहों का स्मरण करके रुद्राभिषेक का उद्देश्य बताएं.
  • रुद्राभिषेक की प्रक्रिया शुरू करें और उत्तर दिशा में शिवलिंग स्थापित करें.
  • रुद्राभिषेक के लिए पूर्व दिशा में बैठ जाएं और मिट्टी से शिवलिंग बनाकर उसपर जलाभिषेक करें.
  • शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं और फिर रुद्राभिषेक में इस्तेमाल होने वाली चीजे शिवजी को चढ़ाएं.
  • अंत में शिवजी को प्रसाद अर्पित करें. पूजा में इस्तेमाल किए गए जल और अन्य द्रव्यों को परिवार के सदस्यों पर छिड़कें.

रुद्राभिषेक के नियम

  • शिवलिंग का जो मंदिर नदी के तट या फिर पर्वत के किनारे स्थित हो, वहां स्थित शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना शुभ फलदायी माना गया है.
  • मंदिर के गर्भगृह में स्थिति शिवलिंग पर जलाभिषेक करना शुभ होता है.
  • जल से रुद्राभिषेक करने के लिए तांबे के लौटे का इस्तेमाल करें.
  • घर में स्थापित शिविंलग का भी रुद्राभिषेक कर सकते हैं. इसके अलावा शिव मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक करना बहुत ही उत्तम माना जाता है.

रुद्राभिषेक का महत्व

सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने और व्रत का पालन करने से लोगों के जीवन में सुख-समृद्धि, धन, ऐश्वर्य और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित सावन सोमवार व्रत का पालन करता है, उन पर महादेव की कृपा निरंतर बनी रहती है और जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है. शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि भगवान शिव की उपासना करने से व्यक्ति को रोग, दोष इत्यादि से भी छुटकारा मिल जाता है और सभी बाधाएं भी दूर रहती हैं.

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