दंतेवाड़ा: कुआकोंडा थाना क्षेत्र के पालनार अरनपुर रोड पर नक्सलियों ने बुधवार को बड़ी घटना को अंजाम दिया है। अरनपुर से दो किलोमीटर पीछे पेडक़ा के पास नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया है। लगभग 50 किलो आईईडी ब्लास्ट किया गया। वाहन में बैठे सभी 11 जवान शहीद हो गए।
विस्फोट इतना तगड़ा था कि गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। वाहन का अइंजन तकरीबन 500 मीटर दूर गिरा। जवानों के शव क्षत-विक्षत हो गए। जवानों के शवों के टुकड़ों को एकत्र कर लाया गया। घटना स्थल से चार एबुंलेंस से जवानों को जिला अस्पताल लाया गया। यहां उनके शवों को मोरच्युरी में शिफ्ट किया गया है। डॉक्टरों का तीन सदस्यी पैनल पोस्टमार्टम करेगा।
टीसीओसी में नक्सलियों ने की बड़ी घटना
पुलिस अधिकायिों की मानें तो नक्सली बैकफुट पर है। लंबे समय से नक्सलियों ने भी इस दौरान कोई बड़ी घटनाको अंजाम नही दिया। मालूम हो कि नक्सलियों का अभी टीसीओसी(टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कंपेन) चल रहा है। इसी अभियान के दौरान नक्सली अक्सर बड़ी वारदातों को अंजाम देते है। एक बार फिर नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम देकर बस्तर को दहला दिया है। जहां नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है, वहां से अरनपुर कैंप महज दो से तीन किलोमटर है।
वाहन में बैठना जवानों की बड़ी चूक
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत जवानों को सर्च ऑपरेशन पर भेजा गया था। जंगल से सर्च कर लौट रहे जावान जैसे ही अरनपुर पुहुंचे और निजि वाहन में बैठ गए। महज दो से तीन किमी ही चले होगे, पेडक़ा के पास घात लगाए माओवादियों ने विस्फोट कर वाहन को उड़ा दिया। जवानों का वाहन का इस्तेमाल करना ही चूक मानी जा रही है। जंगल में सर्चिंग अभियान के दौरान जवान अक्सर वाइक का उपयोग करते है या पैदल सर्च करते है।
दरभा डिवीजन ने एक बार फिर दहला दिया
माओवादियों की सबसे मजबूत माने जाने वाली दरभा डिवीजन ने एक बार फिर बस्तर को दहला दिया है। इस बार जो भी जवान शहीद हुए है वे सभी बस्तर अंचल के ही है। अहम बात ये है कि नक्सलियों की बटालियन नं 1 का हेड हिड़मा का ये इलाका है। माओवाद की उपराजधानी कहा जाने वाला अरनपुर-जगरगुंड़ा इलाके मे आधा दर्जन से अधिक कैंप स्थापित हो चुके है। इन कैंपों के बीच बड़ी वारदात काई सवालों को जन्म दे रही
एंटेलीजेंस एक बार फिर धराशाही
बस्तर में राष्ट्रीय और राज्य स्तर का सूचना तंत्र काम कर रहा है। माओवादियों के सूचना तंत्र के आगे एक बार फिर बौना साबित हुआ है। जिस सडक़ पर यह विस्फोट हुआ है, जवानों के साए में बनी है। इस सडक़ निर्माण के दौरान कई जवानों की शहादत हुई है और तमाम आईईडी भी बरामद हुए है। सडक़ पर तकरीबन 50 किलो वजनी बम का प्लांट कर देना भी कई सवाल खड़े कर रहा है। 50 किलो वजनी बम से तो माओवादियों ने कई बार बस्तर में एंटीलैंड माइन को उड़ा दिया है। सच तो ये है है पुलिस का खुफि या तंत्र बुरी तरह से फेल साबित हुआ है।
शहीद जवानों के नाम
प्रधान आरक्षक जोगा सोढ़ी, मुन्नाराम कड़ती, संतोष तामो, नव आरक्षक दुलगो मंडावी, लखमू मरकाम, जोगा कवासी हरिराम मंडावी, गोपनीय सैनिक राजूराम करटम, जयराम पोडिय़ाम, जगदीश कवासी और निजि वाहन चालक धनीराम यादव। दरभा डिवीजन की सूचना पर डीआरजी की टीम को भेजा गया था। सर्च ऑपरेशन कर लौट रहे थे अरनपुर के पेडक़ा के पास आईईडी ब्लास्ट हुआ। इस ब्लास्ट में 10 जवान शहीद हो गए और वाहन चालक भी शहीद हुआ है।