राज्य सरकार की 03 साल की प्रमुख उपलब्धियां – एक नजर में

भोपाल : बुधवार,

विकास यात्रा

विकास यात्रा बनींलोगों की जिंदगी बदलने का महायज्ञ ।

5 फरवरी 2023 को संत रविदास जयंती के अवसर से प्रारम्भ होकर 7 मार्च 2023 तक प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में निकाली गईं 230 विकास यात्राएं।

विकास यात्राओं में लहराई ‘विकास पताका’ और आकर्षण का केन्द्र बने ‘विकास रथ’।

कुल लोकार्पण- लगभग 3800 करोड़ रुपए (राशि)

कुल लोकार्पण- 40 हजार 700 से अधिक (कार्य)

कुल भूमि-पूजन- लगभग6541करोड़ रुपये (राशि)

कुल भूमि-पूजन- 30 हजार 700 से अधिक (कार्य)

कुल आवेदन- 9 लाख 92 हजार से अधिक प्राप्त, 8 लाख 70 हजार से अधिक स्वीकृत

शासकीय संस्थाओं का भ्रमण- 33,658

सामाजिक जागरूकता/ सांस्कृतिक कार्यक्रम- 26,935

कुल कवर्ड ग्राम- 52 हजार 245

कुल कवर्ड शहरी वार्ड- 7,675

प्रवासी भारतीय दिवस

17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के आयोजन का सौभाग्य मिला मध्यप्रदेश को।

3 दिन के लिए पूरी दुनिया का घर बना इंदौर।

70 से अधिक देशों से आए 3500 से अधिक डेलीगेट्स।

हमने दिल के और घरों के द्वार खोले प्रवासी भारतीयों के स्वागत में।

नमो ग्लोबल गार्डन में 66 से अधिक देशों के प्रवासियों ने रोपे पौधे।

फ्रेंड्स ऑफ एमपी के 200 से अधिक सदस्यों के साथ हुआ संवाद।

मध्यप्रदेश में निवेश के इच्छुक प्रवासी प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री जी ने की 16 वन-टू-वन मीटिंग्स।

उद्घाटन समारोह को माननीय प्रधानमंत्री जी और समापन समारोह को 3 राष्ट्रपति महोदय ने किया सुशोभित।

मध्यप्रदेश की ब्रांड इमेज पहुंची अब पूरी दुनिया तक।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट

प्रवासी भारतीय दिवस की निरंतरता में आयोजित हुई दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट।

‘फ्यूचर रेडी मध्यप्रदेश’ की थीम पर हुआ पूरा आयोजन।

84 देशों के डेलीगेट्स ने लिया भाग। 10 पार्टनर कंट्रीज थी हमारी।

447 इंटरनेशनल बिजनेस डेलीगेट्स, 401 इंटरनेशनल बायर-सेलर सहित 5 हजार से अधिक डेलीगेट्स हुए शामिल।

मध्यप्रदेश के एग्जीबिशन को देखा 7 हजार से अधिक डेलीगेट्स ने।

जी-20 के सभी देश शामिल हुए समिट में।

2600 से ज्यादा बी-टू-बी और 200 से ज्यादा बी-टू-जी मीटिंग हुई।

5 हजार से अधिक व्यापारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। अलग-अलग 20 क्षेत्रों के हुए सेक्टोरल सेशन्स।

रिकॉर्ड 15 लाख 42 हजार 514 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त। इनसे 29 लाख से अधिक रोजगार के अवसर होंगे सृजित।

जी-20 बैठकों का आयोजन

माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत को मिला है जी-20 समूह की अध्यक्षता का अवसर।

वसुधैव कुटुम्बकम ‘वन अर्थ-वन फैमिली-वन फ्यूचर’ है जी-20 की थीम।

मध्यप्रदेश में 13 जनवरी से लेकर 20 सितंबर 2023 के मध्य भोपाल, इंदौर और खजुराहो में आयोजित हो रहीं कुल 8 बैठकें।

देश-विदेश के डेलीगेट्स एवं विषय विशेषज्ञ कर रहे सुशासन, संस्कृति, कृषि, पर्यावरण जैसे विषयों पर गहन चिंतन-मंथन।

अब तक 3 बैठकों का हुआ सफल आयोजन ।

इन बैठकों के आयोजन से विश्वभर में हो रही प्रदेश की छवि उज्ज्वल।

खेलो इंडिया यूथ गेम्स – 2022

खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी ने मध्यप्रदेश के वातावरण को बनाया खेलमय ।

30 जनवरी से 11 फरवरी 2023 तक आयोजित हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स।

प्रदेश के 8 शहरों और दिल्ली को मिलाकर कुल 9 शहरों में हुआ 27 खेलों का आयोजन। देशभर के 6 हजार से अधिक खिलाड़ियों ने लिया भाग।

खेलो इंडिया गेम्स में 39 स्वर्ण पदक प्राप्त कर मध्यप्रदेश रहा तीसरे स्थान पर।

गेम्स में 40 प्रतिशत भागीदारी रही बेटियों की। अनेक पारंपरिक खेलों को भी मिला मंच।

खेलो इंडिया गेम्स के थीम सॉन्ग ‘हिन्दुस्तान का दिल धड़का दो’ ने बनाई सबके दिलों में जगह।

खिलाड़ियों ने दिखाया जोश, जिद और जुनून। टूटे अनेक रिकॉर्ड।

मध्यप्रदेश सरकार खेलों के लोकव्यापीकरण और खेल संस्कृति के विकास में नहीं छोड़ेगी कोई कसर।

सरकारी पदों पर रिकॉर्ड भर्तियां- सरकार का विशेष अभियान

1 साल में 1 लाख 26 हजार से अधिक सरकारी पदों पर भर्ती का लक्ष्य।

लगभग 99 हजार पदों पर भर्ती की कार्रवाई प्रारम्भ।

पटवारी के 7 हजार, शिक्षक के 15 हजार 700, उपयंत्री के 2600, पैरा मेडिकल स्टाफ के 6500, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन के 2200, सहायक ग्रेड स्टेनो के 2700 और पुलिस कॉन्स्टेबल के 7500 पदों पर भर्ती की जा चुकी है।

इतने बड़े पैमाने पर एकसाथ सरकारी भर्ती मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार।

बैकलॉग के पद भी इसी अभियान में भरने का लक्ष्य।

सरकारी भर्तियों में मिला ट्रांसजेंडर्स को पुरुष और महिलाओं के साथ बराबरी का हक।

मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान

हितग्राहीमूलक योजनाओं में 100 प्रतिशत सेचुरेशन लाना हमारा लक्ष्य।

माननीय प्रधानमंत्री जी के जन्मदिवस 17 सितंबर से 31 अक्टूबर 2022 तक चलाया गया मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान।

38 हितग्राही मूलक योजनाओं में हर पात्र किंतु वंचित हितग्राहियों को लाभ देने का लक्ष्य।

कुल 28 हजार 600 से अधिक शिविरों का ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड स्तर पर आयोजन।

लगभग 83 लाखसे अधिक नए हितग्राही जुड़े, जिन्हें हितलाभ वितरण का कार्य जारी।

जनभागीदारी – मध्यप्रदेश बना मॉडल राज्य

उर्जा संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रारंभ हुआ ऊर्जा साक्षरता अभियान ।जुड़े 12 लाख से अधिक नागरिक।

ग्राम गौरव दिवस/ नगर गौरव दिवस का आयोजन।

पर्यावरण संरक्षण के लिए अंकुर कार्यक्रम।

आंगनवाड़ियों के कायाकल्प के लिए एडॉप्ट एन आंगनवाड़ी अभियान। 37 करोड़ रु से अधिक की राशि और सामग्री एकत्र

क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप द्वारा कोरोना प्रबंधन।

02 अक्तूबर 2022 से शुरू हुआ प्रदेशव्यापीनशामुक्ति अभियान।

योग से निरोग कार्यक्रम

बेटी बचाओ, नशामुक्त समाज बनाओ, ऊर्जा बचाओ, पानी बचाओ, पेड़ लगाओ, स्वच्छता लाओ के कार्यों में जनता की सक्रीय भागीदारी

पेड़ लगाना अब जन-आंदोलन बन गया है।5 जून 2021 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रारम्भ हुआ अंकुरअभियान। अब तक 16 लाख से अधिक नागरिकों ने 38 लाख 65 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया है। इसके अलावा समय-समय पर आयोजित विशेष वृक्षारोपण अभियान में भी 30 लाख से अधिक पौधे रोपे गए हैं।

मुख्यमंत्री जी ने लिया प्रतिदिन पेड़ लगाने का पवित्र संकल्प । 19 फरवरी 2021 से 18 मार्च 2023 तक रोपे 2200 से अधिक पौधे।

प्रतिष्ठित सामाजिक एवं आध्यात्मिक संगठनों की क्षमताओं का उपयोग कर जन-कल्याण में भागीदारी- गौअभयारण्य, मध्यान्ह भोजन , वृक्षारोपण , आंगनवाडी सुदृढीकरण , मानव कल्याण के प्रकल्प इनके माध्यम से प्रारंभ ।

देश में हम बनेनंबर वन

देश के कुल गेहूं निर्यात में 46% की भागीदारी के साथ मध्यप्रदेश बना देश का नंबर वन राज्य। रिकॉर्ड 21 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं का निर्यात।

वर्ष 2020-21 में गेहूं उपार्जन में हम रहे देश में नंबर वन।

एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में 4 हजार करोड़ से अधिक के प्रकरण स्वीकृत कर मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर।

पीएम स्वनिधि योजना के प्रथम चरण के क्रियान्वयन में प्रदेश का प्रथम स्थान ।

आयुष्मान कार्ड संख्या के आधार पर मध्यप्रदेश का देश में है पहला स्थान ।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़कों की गुणवत्ता में देश में प्रथम ।

नये संस्थान

राज्य सांख्यकी आयोग (मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है, जहां ऐसा आयोग गठित हुआहै )

मध्यप्रदेश योग आयोग का गठन

मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन

मध्यप्रदेश सामान्य वर्ग कल्याण आयोग का पुनर्गठन

मध्यप्रदेश विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड का गठन

मध्यप्रदेशरजक कल्याण बोर्ड का गठन

मध्यप्रदेशराज्‍य औषधीय पादप बोर्ड का गठन ।

मध्यप्रदेश प्रवासी श्रमिक कल्याणआयोग का गठन ।

खनिज अभियांत्रिकी संस्थान , सिंगरौली की स्थापना ।

नयी नीतियां / नयी योजनायें

युवा नीति – 2023

स्टार्ट अप नीति 2022

विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति – 2022

राज्य की पोषण नीति एवं पोषण रणनीति

एथेनॉल एवं बॉयोफ्यूल नीति

मध्‍यप्रदेश फिल्‍म पर्यटन नीति – 2020

मुख्यमंत्री बालिका ई- स्कूटी योजना ( कक्षा 12 में मेरिट में आने वाली सरकारी स्कूल की मेधावी बेटियों के लिए )

एक लाख युवाओं को नि:शुल्क टेक्निकल प्रशिक्षण देने के लिए नयीमुख्यमंत्री कौशल अप्रेंटिसशिप योजना।

परंपरागत फसलों के स्थान पर लाभकारी फसलोंके उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए फसल विविधीकरण योजना लागू।

नरवई जलाने की प्रथा को हतोत्साहित करने के लिए‘फसल अवशेष प्रबंधन योजना’ लागू। नरवई से भूसा तैयार करने की मशीन के लिए किसानों को मिल रहा अनुदान।

प्राथमिक प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने के लिए एक विशेष प्रोत्साहन योजना लागू। इसके अंतर्गत मशीन क्रय पर अनुदान देते हुए ग्रामीण युवाओं को कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए दी जा रही सहायता।

प्रदाय केन्द्र से उचित मूल्य की दुकानों तक राशन सामग्री के परिवहन का कार्य करने का अवसर प्रदेश के युवाओं को देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना लागू।

20 जनजातीय बाहुल्य जिलों मेंमुख्‍यमंत्री राशन आपके ग्राम योजना का क्रियान्‍वयन प्रारंभ।

औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती के लिए देवारण्‍य योजना लागू।

सिकलसेल एनिमीयाबीमारी से बचाव के लिए जनजातीय बाहुल्य वाले 89 विकासखण्डों में हीमोग्‍लोबिनोपैथी मिशन लागू।

पिछड़ा वर्ग के युवक-युवतियों को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने की नयीयोजना प्रारम्भ।

लाडलियों को कॉलेज की पढाई में सहयोग हेतु बनी मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना । दो किश्तों में 25 हजार रु की प्रतिपूर्ति ।

ऐसी आबकारी नीति बनाई गयी है, जो शराब पीने को हतोत्साहित करती है। नई नीति में अहाते हुए प्रतिबंधित। शैक्षणिक संस्थान के 100 मीटर तक नहीं खुलेंगी शराब दुकानें। प्रदेश में शराब की कोई नई दुकान नहीं खोली जाएगी। धार्मिक स्थलों के आस-पास से शराब की दुकानें हटाई जाएंगी। पहली बार शराब पीकर वाहन चलाते हुए पकड़े जाने पर 6 माह के लिए ड्राइविंग लाइसेंस कैंसल कर दिया जाएगा, दूसरी बार पकड़े जाने पर 2 वर्ष के लिए और तीसरी बार पकड़े जाने पर आजीवन वाहन चलाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

श्रम कानूनों में क्रन्तिकारी सुधार – श्रमिकों के स्वास्थ्य और उनके हितों को ध्यान में रखकर लागू किये गए ये सुधार।

कमजोर वर्गों के लिए स्व- रोजगार योजनायें – प्रदेश के इतिहास में पहली बार

टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना।

भगवान बिरसा मुंडा स्व-रोजगार योजना।

संत रविदास स्व-रोजगार योजना।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना।

मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति- जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना।

सावित्री बाई फुले स्व-सहायता समूह योजना।

पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लिए उद्यम योजना

पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लिए स्व-रोजगार योजना।

मुख्यमंत्री विमुक्त, घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू स्व-रोजगार योजना।

माफिया, गुंडे, बदमाशों और आतंक पर शिकंजा

सरकार ने डकैत समस्या को जड़ से मिटाया और सभी बड़े लिस्टेड गैंग का खात्मा कर दिया।

पिछले 32 सालों में पहली बार एक ही वर्ष (2022) में 1 करोड़ 14 लाख रुपए के इनामी 6 नक्सली मार गिराए गए।

भू-माफिया, चिटफंड माफिया, शराब माफिया, रेत माफिया, राशन माफिया, मिलावट माफिया आदि सभी प्रकार के माफिया और दबंगों को कुचलने की कार्रवाई।

माताओं, बहनों, बेटियों की तरफ जिसने भी आंख उठाकर देखी, उनके घरों पर बुलडोजर चलाए गए।

करीब 23 हजार एकड़ भूमि भू-माफियाओं से मुक्त कराई गई। इस भूमि की वैल्यू लगभग 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक है।

पत्थरबाजी से सरकारी संपत्ति को नुकसान की वसूली के लिए बनाया कानून।

जोर-जबरदस्ती, बहला-फुलसलाकर विवाह और धर्म परिवर्तन रोकने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू।

अर्थव्यवस्था

भारत के सकल घरेलू उत्पाद में मध्यप्रदेश का योगदान 3.6% से बढ़कर 4.8% हुआ।

वर्ष 2021 – 22 में प्रचलित दरों पर प्रदेश की विकास दर देश में सबसे अधिक 19. 74% रही।

विगत 02 वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक का पूंजीगत व्यय।

अधोसंरचना विकास( बिजली, सड़क, पानी)

हमारी सकलऊर्जा क्षमता बढ़कर हुई 28 हजार मेगावॉट से भी अधिक।

रीवा में प्रारंभ हुआ 750 मेगावॉट का एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट।

ओंकारेश्‍वर में बन रहा विश्‍व का सबसे बड़ा 600 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्‍लांट। प्रथम चरण कीकार्यवाही प्रारंभ ।

विगत 2 वित्तीय वर्षों में लगभग 12 हजार करोड़ रुपए का व्यय कर 8 हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़कों का निर्माण, उन्नयन एवं नवीनीकरण तथा 69 पुलों का निर्माण किया गया है।

प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग अंतर्गत 27 हजार करोड़ रुपए से अधिक के सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। विगत 3 वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना अंतर्गत 17 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक के मार्गों की स्वीकृति प्रदान की गई है।

भारत की पहली एक्वाडक्ट टनल तथा भारत की सबसे चौड़ी और मध्यप्रदेश की सबसे लंबी टनल ‘रीवा-सीधी 6 लेन टनल’जनता को की गई समर्पित।

299 किलोमीटर लंबाई के अटल प्रगति पथ, 900 किलोमीटर लंबाई के नर्मदा प्रगति पथ और676 किलोमीटर लंबाई का विंध्य एक्सप्रेस-वे केनिर्माण के लिए कार्यवाही प्रारंभ ।

प्रदेश के 14 लोकेशन्स पर बनेंगे रोप-वे।उज्जैन रेलव स्टेशन से लेकर श्री महाकाल महालोक तक रोप-वे निर्माण हेतु 209 करोड़ रुपए की परियोजना भारत सरकार से स्वीकृत।

भोपाल और इंदौर के बीच बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और मेगा निवेश क्षेत्र। कुल 25 हजार एकड़ से अधिक की भूमि चिन्हित। इससे 6 लाख नवीन रोजगार का सृजन संभावित।

पिछले 3 साल में 6 लाख हेक्टेयर से अधिक की नई सिंचाई क्षमता विकसित। कुल सिंचाई क्षमता 45 लाख हेक्टेयर तक पहुंची ।

जल जीवन मिशन में अब तक 58 हजार 800 करोड़ रुपए की लागत की नल-जल योजनाएं स्वीकृत। लगभग 57 लाख (48%)ग्रामीण परिवारों के घरों में नल से जल पहुँचाया जा चुका है। 7 हजार से अधिक ग्राम हुए शत-प्रतिशत कवर।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित लक्ष्य 3 हजार 900 से कहीं अधिक 5 हजार 372 अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया है। इनमें से 450 करोड़ रुपए की लागत के 2 हजार 648 अमृत सरोवर निर्मित हो चुके हैं, जिसके फलस्वरूप 3 करोड़ घनमीटर की जल भराव क्षमता विकसित हो गई है।

भारत सरकार से रुपए 44 हजार 600 करोड़ से अधिक लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना को मिली स्वीकृति।

किसान कल्याण

पिछले 3 साल में 2 लाख 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि के हितलाभ किसानों के खाते में अंतरित किए हैं।

पिछले 2 साल में 32 हजार करोड़ रुपए से अधिक के कृषि ऋण दिए शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के 4 हजार रुपए मिलाकर किसानों को 10 हजार रुपए सालाना की मदद।

सरकार ने 17 हजार करोड़ रुपए से अधिक का बीमा दावा भुगतान किया।

परंपरागत फसलों के स्थान पर लाभकारी फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए फसल विविधीकरण योजना लागू।

1 लाख 86 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती हेतु 60 हजार से अधिक किसानों ने कराया पंजीयन। किसानों को देसी गाय के लालन-पालन के लिए सरकार देरही 900 रुपए प्रतिमाह का अनुदान।

जनहानि, पशुहानिपर राहत की दरें लगातार बढ़ाई गईं। 2003 में जनहानि पर आरबीसी में सहायता मिलती थी केवल 50 हजार रूपए, इसे बढ़ाकर 4 लाख रूपए किया। पशुहानि पर मिलते थे केवल 625 रूपए, इसे बढ़ाकर 16 से 30 हजार रूपए किया।

गरीब कल्याण

मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना तथा मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना के माध्यम से एक नई सामाजिक क्रांति प्रारम्भ। भू-खंड विहीन परिवारों को अब तक 40 हजार से अधिक पट्टे वितरित।

प्रधानमंत्री आवास योजना से साकार हो रहा अपने घर का सपना। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र मिलाकर 55 लाख से अधिक स्वीकृत आवासों के विरुद्ध लगभग 41 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण।

पीएम स्वनिधि योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के माध्यम से 10 लाख से अधिक छोटे व्यवसायियों को दिलाया गया ब्याज मुक्त ऋण।

संबल योजना के अंतर्गत लगभग 4 लाख हितग्राहियों को वितरित किए गए हैं 3 हजार 700 करोड़ रुपए से अधिक के हितलाभ। संबल-2 में जुड़े 13 लाख से अधिक पात्र हितग्राही।

स्वामित्व योजना के अंतर्गत अब तक 9 लाख 37 हजार से अधिक भू-अधिकार पत्र वितरित।

मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में अब तक लगभग 8 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने की तीर्थ-यात्रा। हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा भी होगी प्रारंभ । दिव्यांगों के लिए भी शुरू की जा रही है तीर्थ-दर्शन योजना।

प्रदेश के 3 करोड़ 54 लाख से अधिक हितग्राहियों के बने आयुष्मान कार्ड। 25 लाख से अधिक मरीजों का हुआ नि:शुल्क इलाज।

दीनदयाल रसोई केन्द्रों 56 से बढाकर किये 145 ।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना मेंलगभग 82 लाख महिलाओं को नि:शुल्क गैस कनेक्शन।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह, कल्याणी विवाह, नि:शक्तजन विवाह योजनाओं में 1300 करोड़ से अधिक के व्यय से 5 लाख 75 हजार से अधिक बेटियां लाभान्वित। प्रति कन्या देय सहायता राशि 51 हजार रुपए को बढ़ाकर 55 हजार रुपए किया गया है। अब विवाह सामग्री नहीं , बेटियों को चैक सेराशि देने का निर्णय ।

मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना एवं मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना के अंतर्गत दी जा रही 4 हजार 700 से अधिक बच्चों को सहायता।

मध्यप्रदेश के 413 नगरीय निकायों में पुरानी अवैध कॉलोनियों को नाम मात्र के शुल्क के साथ वैध एवं नियमित किए जाने की कार्यवाही प्रारम्भ।

भू-माफिया से मुक्त कराई गई जमीन पर गरीबों के लिए बन रही हैं सुराज कॉलोनियां।

बच्चों, महिलाओं, विकलांगजनों, निराश्रितों तथा वरिष्ठ नागरिकों आदि के कल्याण के लिए प्रतिष्ठित सामाजिक संस्थाओं का सहयोग प्राप्त किया जायेगा। राज्य सरकार राजी करेगी 1 हजार करोड़ के सोशल इम्पेक्ट बॉन्ड्स।

कमजोर वर्ग कल्याण

पेसा नियम-2022 – सामाजिक समरसता के साथ जनजातियों के सशक्‍तीकरण की एक नई सामाजिक क्रांति की शुरूआत। जल, जंगल, जमीन, महिला सशक्‍तीकरण, परंपराओं और संस्‍कृति का संरक्षण तथा श्रम जैसे विषयों पर मिले ग्राम सभाओं को अधिकार।

भगवान बिरसामुण्‍डा, शंकरशाह, रघुनाथशाह और टंट्या मामा जैसे जनजातीय जननायकों की प्रतिमाएं लगवाई और स्‍मारक बनवाए गए।

प्रदेश के 827 वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित किया जा रहा है। अब तक 450 से अधिक ग्रामों में कार्यवाही पूर्ण।

वर्ष 2007 में तेंदूपत्ता संग्रहण दर जहां रुपए 450/- प्रति मानक बोरा थी, वहीं वर्ष 2022 में रुपए 3000/- प्रति मानक बोरा तक बढ़ा दी गई है।

भोपाल स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर और पातालपानी रेलवे स्टेशन का नामकरण जननायक टंट्या भील स्टेशन किया गया।

बैगा, सहरिया, भारिया परिवारों के लिए आहार अनुदान योजना बनी वरदान- 285 करोड़ प्रतिवर्ष की सहायता मिल रही महिलाओं को।

आकांक्षा योजना के अंतर्गतदी जा रहीNEET, CLAT, JEE प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग। प्रतिवर्ष 800 से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित।

भगवान बिरसा मुण्डा एवं राजा हृदयशाह के नाम पर किया गया है मेडिकल कॉलेजों का नामकरण। इसी प्रकार राजा शंकर शाह के नाम पर किया गया छिंदवाडा विश्वविद्यालय ।

विगत 3 वर्षों में अनुसूचित जाति के 1 करोड़ 42 लाख से अधिक हितग्राहियों को 24 हजार 600 करोड़ रुपए से अधिक के हितलाभ वितरित।

पिछड़ा वर्ग आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय निर्वाचन कराने में सरकार सफल रही।

प्रतिवर्ष 31 अगस्त को मनाया जा रहा विमुक्त जाति दिवस।

वनाधिकार कानून के अंतर्गत 35 हजार से अधिक निरस्त दावे मान्य।

साहूकारी अधिनियम में क्रांतिकारी संशोधन। 15% से अधिक ब्याज नहीं ले सकते साहूकार।

सागर में 100 करोड़ रुपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य स्मारक बनाने का निर्णय ।

जनजातीय योजनाओं के प्रभावशाली क्रियान्वयन के लिए राजभवन में पहली बार स्थापित हुआ जनजातीय प्रकोष्ठ।

विमुक्त, घुमन्तु, अर्ध घुमन्तु समुदायों की संस्कृति, ज्ञान, कला और परंपराओं को संरक्षित रखने के उद्देश्य से इंदौर में एक विशिष्ट संग्रहालय बनाने का निर्णय ।

महिला सशक्तिकरण

44 लाख 50 हजार से अधिक हुआ लाडली लक्ष्मी परिवार

हर साल 2 मई को प्रदेश में मनाया जा रहा है लाड़ली लक्ष्‍मी उत्‍सव।

जिला स्‍तर से पंचायतें घोषित हो रहीं लाड़ली लक्ष्‍मी पंचायतें।

प्रदेश के हर जिले में लाड़ली लक्ष्‍मी पथ, लाड़ली लक्ष्‍मी वाटिका और लाड़ली लक्ष्‍मी पार्क।

कन्या पूजन से सरकारी कार्यक्रमों की शुरुआत।

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बन रहे आवास के दस्तावेज परिवार के महिला एवं पुरूष दोनों के नाम पर। चाबी भी संयुक्त रूप से दी जा रही है ।

जमीन या मकान की रजिस्ट्रीमहिला के नाम पर करने पर पंजीयन शुल्क 3% से घटाकर 1 % कियागया। महिलाओं के पक्ष में रजिस्ट्री में हुई 25 % की वृद्धि ।

महिला अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश में 950 महिला ऊर्जा डेस्क स्थापित। हर जिले में एक महिला थाने की स्थापना।

महिला स्व- सहायता समूह बने जन- आन्दोलन। 47 लाख से अधिक महिलाएं जुडी । 5 हजार करोड़ रु से अधिक का क्रेडिट लिंकेज दिया गया ।

समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी, यूनिफॉर्म निर्माण, जल कर वसूली, फ्लाई ऐश ईंट निर्माण, सेंट्रिंग, कोदो-कुटकी के बिस्किट निर्माण, बिजली बिल वसूली, मास्क-सैनिटाइजर निर्माण जैसे हर काम में संलग्न है समूह ।7 पोषण आहार संयंत्रों का सञ्चालन अब महिला समूहों के हाथ में । हर जिले में बने दीदी कैफे ।

महिला स्व-सहायता समूहों को 3 लाख रुपए तक के बैंक ऋण पर 2% का अतिरिक्त ब्याज अनुदान।

महिलाओं के लिए पृथक से इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाया जा रहा है। 100 करोड़ रु का नारी सम्मान कोष बनाया गया है ।

संविदाकर्मी महिलाओं को भी अब 180 दिन का प्रसूती अवकाश मिल रहा है।

शासकीय सेवाओं में पदस्थ बहनों को वर्ष भर में7 दिवसों का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश, जिसे वे अपनी आवश्यकता अनुरूप उपयोग कर सकेंगी।

वर्ष 2023-24 के बजट में महिला सशक्तिकरण के लिए रिकॉर्ड 1 लाख 2 हजार 976 करोड़ रुपए का प्रावधान।

चाइल्ड बजटिंग शुरू करने वाला मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य।

कुपोषण दूर करने के लिए मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। पिछले ढाई वर्ष में लगभग 6 लाख बच्चे पोषण के सामान्य स्तर पर आए।

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