अयोध्या: अयोध्या की 14 कोस की परिक्रमा के बाद श्रद्धालुओं ने खुले आसमान के नीचे ही राम की पैड़ी पर चादर तान दीlअयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा पूरी करने के बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं ने खुले आसमान के नीचे जमीन पर रात गुजारीl अयोध्या में हजार से ज्यादा धर्मशाला और कार्तिक मेले में प्रशासन की ओर से बनाए गए विश्राम स्थल के बावजूद राम की पैड़ी पर अनेक स्थानों पर यह नजारा दिखाई पड़ाlराम की पैड़ी के बुर्ज की फर्श पर भी भक्तों ने रात गुजारीकार्तिक परिक्रमा एवं पूर्णिमा मेले के लिए अयोध्या के 20 स्थानों पर श्रद्धालुओं के विश्राम और चिकित्सा के साथ पेयजल की व्यवस्था की गई हैlउनके भोजन के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर परिक्रमा मार्ग सहित अनेक मंदिरों में निशुल्क भोजन की व्यवस्था हैl इसके बाद बावजूद ऐसी तस्वीर हैरान करने वाली रहींlराम की पैड़ी पर गोरेराम मंदिर के सामने जमीन पर सो रहे थे भक्त20 है विश्राम स्थलडीएम नीतिश कुमार के अनुसार हनुमान गुफा, मौनी बाबा, हलकारा का पुरवा, तिवारी का पुरवा, बैतरनी, कुढ़ा केशवपुर, दर्शन नगर, सूर्यकंड, आचारी का सगरा, फतेहपुर, मिर्जापुर, भीखापुर, जनौरा, नाका हनुमानगढ़ी, हनुमानगढ़ी सहादतगंज, जमथरा, निर्मली कुंड, अफीमकोठी, चक्रतीर्थ तथा ब्रह्मकुण्ड गुरूद्वारा पर विश्राम स्थल बनाए गए हैं।अहिल्याबाई घाट के बाद बरगद के पेड़ के नीचे जमीन पर सोते मिले श्रद्धालुखुले में सोते मिले अधिकांश भक्त ग्रामीण परिवेश के थेlइन्होंने मंदिरों और धर्मशालाओं की बजाय राम की पैड़ी को ही अपने लिए उपयुक्त पायाl यहां से इन्हें सरयू तट और नागेश्वरनाथ मंदिर तो नजदीक था ही भगवान की कृपा का एहसास भी होता रहाlउनके लिए भले भी यह सुख का विषय हो पर मेले की व्यवस्था के नाम पर करोड़ों खर्च करने वाले जिम्मेदारों ने उन्हें उठाकर सरकारी व्यवस्था का तक पहुंचाने की जिम्मेदारी नहीं उठाईlराम की पैड़ी के आसपास रहने वाले लोगों के अनुसार उन्हें यह नजारा हर साल दिखाई देता हैlजब अयोध्या बदल रही है तो यहां आने वाले गरीब लोगों को भी इसका एहसास होना चाहिएl