अपनत्व की भावना जगाने के लिए अपना विद्यालय अपना कोष बनाये जाएंगे- स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री परमार
अपनत्व की भावना जगाने के लिए अपना विद्यालय अपना कोष बनाये जाएंगे- स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री परमार
—शाजापुर–
विद्यालय में कम्प्यूटर लेब का शुभारंभ
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विद्यालयों से शिक्षा अर्जित कर विभिन्न सोपानों पर पहुंचे पूर्व विद्यार्थियों में अपनी शैक्षणिक संस्था के प्रति अपनत्व की भावना जगाने के लिए “अपना विद्यालय अपना कोष” बनाकर प्राप्त राशि से विद्यालयों का समुचित विकास किया जाएगा। इस अभियान की शुरूआत शुजालपुर के शारदा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 05 फरवरी 2022 बसंत पंचमी के दिन से की जाएगी। यह बात प्रदेश के स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री Inder Singh Parmar ने आज शुजालपुर में एकीकृत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 40 कम्प्यूटर की लेब के शुभारंभ के अवसर पर कही। इस अवसर पर कलेक्टर श्री दिनेश जैन, ओपन स्कूल संचालक श्री प्रभात राय तिवारी, हाथकरघा संयुक्त संचालक श्री सिकरवार, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अभिलाष चतुर्वेदी, श्री विजय सिंह बेस, श्री नरेन्द्र परमार, सहायक संचालक ईएफए श्री राजेश उपाध्याय, पूर्व अनुविभागीय अधिकारी श्री प्रकाश कस्बे तहसीलदार श्री राकेश खजुरिया सहित गणमान्य नागरिक एवं विद्यार्थी, शिक्षक एवं शिक्षिकाएं भी उपस्थित थी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यमंत्री श्री परमार ने कहा कि विद्यालय में प्रारंभ की गई कम्प्यूटर लेब का उपयोग कोई भी विद्यार्थी कर सकता है। साथ ही विद्यालय में उन्नत लायब्रेरी भी बनाई जाएगी, जिसका उपयोग भी कोई भी विद्यार्थी कर सकता है। उन्होंने कहा कि सीखने के लिए कोई बंधन नहीं है। संसाधनों की शेयरिंग इस तरह से होना चाहिए कि कोई भी विद्यार्थी इसका उपयोग कर सके। इस बात का समावेश नई शिक्षा नीति में किया गया है। आजादी के अमृत महोत्सव में हम ये जानेंगे कि हमें क्या पाना था और क्या पाया है। 1857 की क्रांति को अंग्रेजो ने गदर और विद्रोह नाम दिया था जबकि यह आजादी का आंदोलन था। अंग्रेजो ने हमारे देश के इतिहास को गलत तरीके से पेस किया है। हमारे देश में ज्ञान का भण्डार था। हमारे देश में नालंदा विश्व विद्यालय था जो कि विश्व प्रसिद्ध होकर यहां ज्ञान अर्जित करने देश-विदेश से लोग आते थे, इसको जला दिया गया। अंग्रेजो ने हमारे देश को लूटने-खसोटने का काम किया। अंग्रेजो ने अपनी शिक्षा नीति में हमारे देश के लोगो को अनपढ़, गवार बताया। हमारे देश में पूर्व में समाज आधारित शिक्षा व्यवस्था लागू थी। गांव-गांव में गुरूकुल होते थे। पर्दा प्रथा और छुआ छूत नहीं था। यहां की शिक्षा को अंग्रेजो ने नष्ट कर अपनी शिक्षा नीति थोप दी।
आजादी के 75 साल बाद हम शिक्षा के क्षेत्र में नई छलांग लगा रहे है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति कहा गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना की गई है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षको को प्रशिक्षण देकर उन्हें विद्यार्थियो के जीवन में बदलाव लाने, विद्यार्थियों में राष्ट्र के पूनर्निर्माण की भावना जाग्रत करने का कार्य करना होगा। शिक्षक केवल सरकारी शिक्षक न होकर व्यक्ति निर्माण के लिए संकल्पित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा बाजार नहीं है और न ही शिक्षक का काम केवल रोजगार पाना नही है बल्कि राष्ट्र निर्माता का कार्य है। शिक्षक सर्वश्रेष्ठ है उन्हें इस भावना से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 53 सीएमराईज स्कूल एवं 360 विद्यालय बनाए जा रहे है, इन विद्यालयों में विद्यार्थियों में स्किल (हुनर) डव्लपमेंट का काम होगा। नई शिक्षा नीति में मात्र भाषा में शिक्षा दी जाएगी। साथ ही कम्प्यूटर की शिक्षा केवल अंग्रेजी माध्यम में ही नहीं अन्य भाषाओं में भी हो सकेगी। हम विकसित और शक्तिशाली भारत देखना चाहते है। विद्यालय समाज का है, इससे पढ़कर जो भी व्यक्ति आगे बढ़ा है उसका दायित्व है कि वह अपनी संस्था के प्रति अपनत्व का भाव रखे। अपना विद्यालय अपना कोष में सामर्थ्य अनुसार आर्थिक सहयोग करें। उन्होंने कहा कि शुजालपुर में अपना विद्यालय अपना कोष में एक करोड़ रूपये इकठ्ठा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सभी व्यक्ति अपने जन्म स्थल प्रति भी लगाव रखे। जहां वे पैदा हुए है, उस गांव या क्षेत्र के विकास के लिए भी अपनत्व का भाव रखे। प्रधानमंत्री जी ने नये भारत के निर्माण में सारी कल्पनाए की है। भारत के गौरवशाली इतिहास पर हमें गर्व करना चाहिए।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री जैन, जिला शिक्षा अधिकारी श्री चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन श्री अनुभव श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।
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सीएसआर में मिले 15 कम्प्यूटर महाविद्यालय को भेंट
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स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री इंदर सिंह परमार की उपस्थिति में आज शुजालपुर के जवाहर लाल नेहरू स्मृति शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के लिए रिन्यू पावर गुड़गांव द्वारा सीएसआर के तहत 10 एवं रिद्धि-सिद्धी कन्स्ट्रक्शन इंदौर द्वारा 05 कम्प्यूटर महाविद्यालय को भेंट किए गए। इस अवसर पर कलेक्टर श्री दिनेश जैन, रिन्यू पावर के श्री जितेन्द्र राउटरे एवं श्री केशव कानूनगो, रिद्धि-सिद्धि संस्था के श्री गोविन्द पाटीदार, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजेश शर्मा, श्री विजय सिंह बैस, पूर्व अनुविभागीय अधिकारी श्री प्रकाश कस्बे सहित अन्य गणमान्य नागरिक, महाविद्यालय के स्टाफ और विद्यार्थी उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्यमंत्री श्री परमार ने महाविद्यालय के लिए कम्प्यूटर प्रदान करने पर संस्थाओं को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं के प्रति लोगों में अपनत्व की भावना पैदा करने के लिए काम किया जायेगा। इस मौके पर उन्होंने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के संबंध में बताते हुए कहा कि अंग्रेजों ने अशिक्षित, साप सपेरे वालों का देश बताकर गलत तथ्य बताए थे। जबकि ऐसे नहीं है। हमारे देश की वसुदेव कुटुम्बकम की परंपरा रही है और गौरवशाली इतिहास है। हमें अपने गौरवशाली इतिहास के प्रति गर्व का भाव रखना चाहिये। शिक्षा के क्षेत्र में दान का अपना महत्व है। पूर्व छात्र अपनी मुट्ठी खोलकर शैक्षणिक संस्थाओं के प्रति दान दें।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री दिनेश जैन ने संबोधित करते हुए कहा कि मंत्री जी की प्रेरणा से शिक्षा के क्षेत्र में जिले में अनेक विकास कार्य हुए हैं। जिले में सीएम राईज स्कूल बन रहे हैं। शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए सतत् कार्य जारी है। समाजसेवियों, उद्योगपतियों को प्रेरित कर उनसे संसाधन प्राप्त किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में रिन्यू पावर द्वारा 10 तथा रिद्धी-सिद्धी कन्सट्रक्शन द्वारा 5 कम्प्यूटर दिये गये हैं। दिये गये कम्प्यूटर के माध्यम से विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अर्जित कर सकेंगे। इस मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शर्मा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कम्प्यूटर प्रदान करने पर संस्थाओं के प्रति आभार व्यक्त किया। रिन्यू पावर के श्री राउटरे ने कहा कि उनकी कंपनी द्वारा प्रदेश में सीएसआर के तहत अनेक कार्य किये जा रहे हैं। इस अवसर पर रिन्यू पावर की ओर से राज्यमंत्री श्री परमार ने टोकनस्वरूप श्रीमती दुर्गाबाई एवं सोरमबाई को कम्बल भेंट किये। इस मौके पर उन्होंने फासिल फ्री एनर्जी की किताब राज्यमंत्री, कलेक्टर तथा प्राचार्य को भेंट की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बीके त्यागी ने किया तथा उपस्थित जनों के प्रति डॉ. जेके नायकर ने अभार व्यक्त किया।
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