लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत समय-सीमा में आवेदन-पत्रों का निराकरण नहीं करने पर कलेक्टर ने 10 नायब तहसीलदार एवं तहसीलदारों पर व एक मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर ढाई-ढाई सौ रुपये का जुर्माना किया
उज्जैन 24 जनवरी। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने मप्र लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2010 के तहत पदाभिहित विभिन्न कुल 10 नायब तहसीलदार, तहसीलदार व एक मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर 250-250 रुपये की शास्ति (जुर्माना) अधिरोपित कर दी है। उक्त पदाभिहित अधिकारियों द्वारा विभिन्न आवेदनों में समय-सीमा में निराकरण नहीं करने के कारण उक्त जुर्माने की कार्यवाही की गई है।
कलेक्टर ने नायब तहसीलदार एवं तहसीलदारों पर अविवादित नामांतरण के प्रकरण, वन्यप्राणियों से फसल हानि के प्रकरण, कानूनी बाध्यता के कारण आय प्रमाण-पत्र व जन्म-मृत्यु के पश्चात पंजीयन की अनुमति के मामलों में निराकरण में देरी के कारण जुर्माना किया है। जिन तहसीलदारों पर शास्ति अधिरोपित की गई है, उनमें नायब तहसीलदार श्री दिवाकर सुल्या, श्रीमती पुलकित जैन, श्री अनिल मौर्य, श्री गीतेंद्र चौरसिया, श्री जीवनलाल मोघी, तहसीलदार एवं अपर तहसीलदार सुश्री संतुष्टि पॉल, श्री देवदत्त शर्मा, श्री दिलीप कुमार वर्मा, श्री राधेश्याम पाटीदार, श्री विनोद शर्मा शामिल हैं। इसी तरह मुख्य नगर पालिका अधिकारी उन्हेल श्री संजय जैन द्वारा विवाह पंजीयन के प्रकरण का समय-सीमा में निराकरण नहीं करने पर 250 रुपये का जुर्माना लगाया है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने इस सम्बन्ध में आज समय-सीमा के पत्रों की समीक्षा बैठक में जिले के सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम 2010 के तहत जो भी अधिकारी पदाभिहित हैं, वे आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण करें, अन्यथा उनके विरूद्ध जुर्माने की कार्यवाही निरन्तर जारी रहेगी।
क्रमांक 0237 एचएस शर्मा/जोशी