जयपुर: कॉन्फ्रेंस में प्राकृतिक गैस और तेल के बेहतर उत्पादन के नवीनतम शोधों पर चर्चा होगी।जयपुर के सीतापुरा स्थित जेजीसीसी में शुक्रवार को पांचवीं साउथ एशियन जियो साइंस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई। इस दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी समेत दुनियाभर के विशेषज्ञ मौजूद रहे। 3 दिन तक चलने वाली कांफ्रेंस के शुरुआती सत्र में मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में हुई उठापटक (मंदी) के बाद दुनियाभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 200% तक बढ़ोतरी हुई है। लेकिन भारत में ऐसा नहीं हुआ है। हमारे यहां सिर्फ 70% तक ही दाम बढ़े हैं। जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में ठहराव के बाद कम होने लगेंगे।पुरी ने बताया कि दुनियाभर में 2030 तक पेट्रोल और डीजल की मांग का 25% उत्पादन भारत में संभव हो सकेगा। फिलहाल हमारे यहां 50 लाख बैरल पेट्रोलियम की खपत हो रही है। जिसमें 3% की बढ़ोतरी हो रही है। जो वैश्विक औसत से 1% ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल-मिश्रण प्रतिशत 2013 में 0.67 प्रतिशत से बढ़कर मई 2022 में 10 प्रतिशत हो गया है।जो निर्धारित समय से 5 महीने पहले है। यह 2.7 मिलियन टन CO-2 उत्सर्जन को कम कर रहा है। जो पर्यावरण के लिए अच्छा है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार भारत आने वाले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा खपत में वृद्धि का एक चौथाई (25%) योगदान देगा। इसके साथ ही अगले कुछ वक्त में भारत की ऊर्जा मांग दोगुनी हो जाएगी। जबकि प्राकृतिक गैस की मांग 2050 तक पांच गुना बढ़ने की उम्मीद है।केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा कि अभी बहुत तेज गति से गैस पाइप लाइन घरों तक पहुंचाने के काम किया जा रहा है। जबकि यूपीए सरकार के वक्त केवल 14000 किलोमीटर की गैस पाइपलाइन थी। जिसे अब मोदी सरकार ने 22 हजार किलोमीटर कर दिया है। हमारा टारगेट इसे 33 हजार 500 करने का है। उन्होंने राजस्थान में गैस पाइपलाइन की धीमी गति पर कहा कि हो सकता है आपके यहां लोकल गवर्नमेंट इश्यू हो। लेकिन हमारे यहां बहुत तेजी से काम हो रहा है।कॉन्फ्रेंस में 200 से अधिक तकनीकी शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।मंत्री पुरी ने कहा कि पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल की मिलावट का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में इसके लिए कितने एथेनॉल की जरूरत पड़ेगी। इसे लेकर मंथन किया जा रहा है। फिलहाल अगर एथेनॉल की मिलावट शुरू कर दी जाती है। तो हमें लगभग 1000 करोड़ लीटर एथेनॉल की जरुरत पड़ेगी। जबकि मौजूदा समय में हम 450 करोड़ लीटर एथेनॉल बना रहे हैं। इसका प्रोडक्शन किस तरह बढ़ाया जाए इस पर लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल में एथेनॉल की मिलावट करके लगभग 40 हजार करोड़ रुपये की बचत की है। जल्द ही पेट्रोल में 20 फीसदी एथेनॉल मिलाकर बेचा जाएगा। इसके लिए अगले 2 से 3 महीने में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा।कॉन्फ्रेंस के पहले दिन, पंकज जैन, सचिव, एमओपीएनजी, एससीएल दास, डीजी-डीजीएच, एक्सॉनमोबिल के एमडी जस्टिन मर्फी, इक्विनोर के एमडी देसिकन सुंदरराजन, एमडी एल-टौखी, इन्वेस्ट इंडियाज, ऊर्जा मामलों के विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा सहित अन्य विशेषज्ञों ने अलग-अलग सत्रों में हिस्सा लिया। वहीं इस दौरान मंत्री पुरी ने जियोइंडिया 2022 की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। जहां कई भारतीय और वैश्विक पेट्रोलियम कम्पनियों द्वारा तेल और गैस की खोज और उत्पादन के लिए उपकरणों का प्रदर्शन किया गया है।