जिले के समस्त नगरीय एवं ग्रामीण सीमा क्षेत्रों में धारा 144 प्रभावशील

शाजापुर जिले के समस्त नगरीय एवं ग्रामीण सीमा क्षेत्रों में धारा 144 प्रभावशील
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कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री दिनेश जैन ने गृह विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार जिले के समस्त नगरीय एवं ग्रामीण सीमा क्षेत्रों में भारतीय दण्ड प्रक्रिया सहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है।

जारी आदेशानुसार जिले की नगरीय एवं ग्रामीण सीमा क्षेत्रों में आयोजित होने वाले सभी सामाजिक राजनैतिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक आयोजन, मेले, धार्मिक चल समारोह आदि जिनमें जनसमूह एकत्र होते है के आयोजन पर प्रतिबंध लगाया है। जिले में संचालित होने वाली समस्त कोचिंग संस्थान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम हॉल की क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तथा 15 अक्टूबर 2021 से 100 प्रतिशत की क्षमता पर कोचिंग संस्थान एवं प्रशिक्षण संस्थान संचालित किये जा सकेंगे। कोचिंग संस्थान के संचालक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजक को कोविड-19 प्रोटोकोल का पालन सुनिश्चित करना बंधनकारी होगा। समस्त धार्मिक-पूजा स्थल की क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक श्रद्धालु-अनुयायी उपस्थित रह सकेंगे। समस्त प्रकार की दुकाने, व्यावसायिक प्रतिष्ठान तथा निजी कार्यालय, शापिंग माल, जिम अपने नियत समय में खुल सकेंगे। सिनेमा घर, थिएटर कुल क्षमता के 50 प्रतिशत की सीमा तक संचालित किए जा सकेंगे। उपरोक्त हेतु कोविड-19 प्रोटोकोल का पालन करना सुनिश्चित करेंगे। समस्त वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग अपनी पूर्ण क्षमता पर कार्य सकेंगे तथा निर्माण गतिविधियां सतत् चल सकेंगी। वर्तमान में जिम एवं फिटनेस सेंटर्स, योगा केन्द्रों का संचालन 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ तथा 15 अक्टूबर 2021 से 100 प्रतिशत क्षमता के साथ कोविड प्रोटोकोल का पालन करते हुए संचालित किये जा सकेंगे। समस्त खेलकूद के स्टेडियम एवं स्वीमिंग पूल खुल सकेंगे तथा खेल आयोजनो में स्टेडियम- दर्शक दीर्घा मे क्षमता के 50 प्रतिशत तक दर्शक शामिल हो सकेंगे। समस्त रेस्टोरेंट एवं क्लब 100 प्रतिशत क्षमता से कोविड-19 प्रोटोकोल की शर्त का पालन करते हुए खुल सकेंगे। विवाह आयोजनों में दोनों पक्षों के मिलाकर अधिकतम 300 अतिथि-व्यक्ति शामिल हो सकेंगे। आयोजन में कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु समस्त प्रोटोकोल का पालन किया जाना आयोजको द्वारा सुनिश्चित कराया जायेगा। अधिकतम 200 व्यक्तियों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार की अनुमति दी जा सकेगी। रावण दहन के पूर्व परम्परागत श्रीराम के चल समारोह प्रतिकात्मक रूप से अनुमत्य होगा। रामलीला तथा रावण दहन के कार्यक्रम खुले मैदान में फेस मास्क तथा सोशल डिस्टेसिंग की शर्त पर आयोजन समिति द्वारा अनुविभागीय दंडाधिकारी की पूर्वानुमति प्राप्त कर आयोजित किये जा सकेंगे। रामलीला का आयोजन मैदान-हॉल की क्षमता की 50 प्रतिशत सीमा तक दर्शक शामिल हो सकेंगे, रावण दहन के वृहद आयोजन जिनका स्वरूप मेले समान होता है, कि अनुमति नहीं होगी। गरबा का आयोजन सोसायटियो-कॉलोनियो-मोहल्लो में मोहल्लावासियो-कालोनी वासियो की आयोजन समिति द्वारा आयोजन स्थल पर 50 प्रतिशित की क्षमता तक उपस्थिति में अनुविभागीय दंडाधिकारी को सूचित कर आयोजित किया जा सकेंगे। व्यावसायिक स्तर पर वृहद स्वरूप के गरबा आयोजन की अनुमति नहीं होगी। अर्न्तराज्जीय (Inter state) तथा राज्यांतरिक (Intra state) व्यक्तियो माल (goods) एवं सर्विसेज का आवागमन निर्बाध रहेगा। जिले की समस्त नगरीय क्षेत्रों में रात्रि 11:00 बजे से प्राप्त 06.00 बजे तक नाईट कर्फ्यु रहेगा। अनुमत्य आयोजनो, समारोहो में डी.जे., बैंडबाजे की सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अधीन रात्रि 10.00 बजे तक उपयोग की अनुमति होगी। लाउड स्पीकर बजाने के संबंध सर्वोच्य न्यायालय द्वारा जारी की गई गाईड लाईन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। जिले में नगरीय सीमा क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिमा एवं त्यौहारों के लिए पंडाल का आकार अधिकतम 30X45 फीट नियत किया जाता है। झांकी निर्माताओं को आवश्यक रूप सलाह दी गई है कि वे ऐसी झांकियों की स्थापना एवं प्रदर्शन नहीं करे, जिनमें संकुचित जगह ( Constricted space ) के कारण श्रदालुओं- दर्शकों की भीड़ की स्थिति बने तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन न हो सके। झाँकी स्थल पर श्रदालुओं- दर्शकों की भीड़ एकत्र नहीं हो तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन इनकी व्यवस्था आयोजको को सुनिश्चित करानी होगी। मूर्ति, ताजिये (चेहल्लुम) का विसर्जन संबंधित आयोजन समिति द्वारा किया जाएगा। विसर्जन स्थल पर जाने के लिए अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह की अनुमति होगी। इसके लिए आयोजको को पृथक से अपने क्षेत्र के अनुविभागीय दंडाधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा। नगरीय क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विसर्जन के लिए संबंधित क्षेत्र के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत एवं ग्रामीण क्षेत्रों में तहसीलदार अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक उपयुक्त स्थानों का चयन किया जाएगा। कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए धार्मिक-सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी। विजर्सन के लिए सामुहिक चल समरोह भी अनुमत्य नहीं होगा।

दंड प्रक्रिया संहित 1973 की धारा 144 (2) के तहत यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश 07 अक्टूबर 2021 से आग्रामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा।

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