जो गम रूपी जहर पीकर समाज को खुशियां बांट दें वही महादेव है ।* *ग्राम बज्जाहेड़ा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा
जो गम रूपी जहर पीकर समाज को खुशियां बांट दें वही महादेव है । ग्राम बज्जाहेड़ा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस में उक्त वचन पंडित पवन कृष्ण जी शर्मा ने कहे, बावन भगवान और राजा बलि का प्रसंग सुनाते बताया कि राजा बलि ने अपना सर्वस्व दान कर दिया तो भगवान को भी यह दायित्व द्वारपाल बन कर निभाना पड़ा। परमात्मा भी एक मां की ही तरह हमारा भरण पोषण करता हैं, पंडित शर्मा जी ने त्याग की महिमा बताते हुए कहा कि जीवन में तर्पण से ज्यादा महत्व अर्पण का होता हैं। परमात्मा ने जो हमें दिया है उसमें से कुछ अंश समाज परिवार वह परमार्थ सेवा कार्य में लगाना अति आवश्यक है क्योंकि आपके चले जाने के बाद आपने अपने लिए क्या किया यह नहीं आपने समाज और राष्ट्र के लिए क्या किया यही चर्चा का विषय रहता है। आपके चले जाने के बाद दूसरों की आंखों में आए आंसू ही बताते हैं कि स्वर्ग गए या नर्क। वासुदेव बनकर एक टोकरी में कान्हा को लेकर पांडाल में आते ही बड़े ही हर्षोल्लास के साथ समस्त भक्तगण व मातृशक्ति झूमते हुए कृष्णजन्मोत्सव मनाया गया।*