प्रसूता को 18 घंटे भूख रखने के बाद डॉक्टर ने कह दिया अभी नहीं हो पाएगा सीजर,शाजापुर जिला अस्पताल में देर रात को परिजनों ने किया हंगामा
– परिजनों का आरोप रुपए देने की बात पर अस्पताल की कर्मचारी ने सीजर कराने के लिए भरी थी हामी, सीजर होने के बाद रुपए देने की बात कही तो डॉक्टर ने नहीं किया ऑपरेशन
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शाजापुर.
जिला अस्पताल में बीते दिनों डिलिवरी के लिए लाए एक महिला के परिजनों ने गत रात को हंगामा किया। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल की कर्मचारी ने डॉक्टर को रुपए देने पर सीजर करवाकर डिलिवरी कराने की बात कही थी। इसके चलते प्रसूता को करीब 18 घंटे तक भूखे पेट रखा। जब परिजनों ने कहा कि डिलिवरी के बाद रुपए दे देंगे तो डॉक्टर ने सीजर नहीं किया और यह बता दिया कि अभी डिलिवरी में एक सप्ताह का समय लगेगा। ऐसे में प्रसूता के परिजन अस्पताल में परेशान हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार जिल के शुजालपुर के समीप स्थित ग्राम लाडखेड़ा निवासी जगदीश ने अपनी पत्नी लक्ष्मी को बीते शनिवार को शुजालपुर के अस्पताल में भर्ती कराया था। महिला की हालत को देखते हुए अस्पताल में डॉक्टर ने उसे शाजापुर जिला अस्पताल ले जाने को कहा। सोमवार को जगदीश अपनी गर्भवति पत्नी को लेकर जिला अस्पताल आ गया। यहां पर डॉक्टर ने कहा कि अभी महिला के पेट में सूजन है सूजन उतरने के बाद सीजर कर दिया जाएगा। बाद में जगदीश ने जब डॉक्टर से चेकअप कराया तो डॉक्टर ने उसे बाहर ले जाने का कहा। जगदीश ने बताया कि वो शुजालपुर के अस्पताल में वार्ड बॉय का काम करता है। इसके चलते उसकी परिचित एक महिला तुलसीबाई जिला अस्पताल में काम करती है। जगदीश ने उस महिला को अपनी परेशानी बताई और अपनी पत्नी को बाहर नहीं ले जाने की बात कही। इस पर महिला ने जगदीश को कुछ करने की बात कह दी। जगदीश ने बताया कि महिला ने उससे कहा कि उसकी डॉक्टर स्मिता मैडम से बात हो गई है जो सीजर कर देगी, लेकिन इसके लिए 8 हजार रुपए जमा करवाना पड़ेंगे।
रुपए के इंतजार में नहीं किया सीजर
जगदीश ने बताया कि मंगलवार रात को महिला कर्मचारी ने बताया कि मैडम से बात हो गई है वो सुबह 6 बजे ही सीजर कर देगी। तुम पैसे जमा करवा दो और तुम्हारी पत्नी को अब उसे भूखे पेट रखना। जगदीश ने बताया कि उसने महिला कर्मचारी से कहा कि वो सीजर करवाए वो गांव से रुपए लेकर आ रहा है। इसके बाद वो रुपए का इंतजाम करने के लिए बस से अपने गांव गया। वहां से पैसे लेकर लौट रहे जगदीश से महिला कर्मचारी ने फोन करके पूछा कि कहां तक आ गए हो। तो जगदीश ने बताया कि वो रास्ते में है मैडम से कह दो ऑपरेशन कर दें जब तक वो रुपए लेकर यहां पहुंच जाएगा।
18 घंटे बाद भी नहीं हुआ ऑपरेशन तो गुस्साएं परिजन
जिला अस्पताल में सुबह 6 बजे से प्रसूता को भूखा रखने के बाद भी डिलिवरी नहीं कराई गई। रात 12 बजे तक भी जब किसी ने नहीं सुना तो परिजनों ने हंगामा कर दिया। प्रसूता की जेठानी अनिता निवासी शाजापुर जो नगर पालिका शाजापुर में कर्मचारी है उसने बताया कि उसके सामने अस्पताल की कर्मचारी तुलसीबाई ने उसके देवर से डिलिवरी के लिए 8 हजार रुपए मैडम को देने के लिए मांगे। इसके चलते उसने तुलसीबाई से कहा कि सरकारी अस्पताल में सीजर के लिए पैसे क्यों दें तो वो यहां से चली गई। रात को उनकी सुनने वाला कोई भी नहीं था। इसके चलते उन्होंने नगर पालिका सीएमओ से बात करके सहायता के लिए कहा। सीएमओ से बात करने के बाद अस्पताल में डॉक्टर आई और उसने सीधे प्रसूता से जाकर बात की और परिजनों से बगैर बात किए वापस लौट गई। अनिताबाई ने कहा कि डॉक्टर से जब मरीज के बारे में पूछा तो उन्होंने कुछ भी नहीं बताया। बाद में नर्स ने कहा कि अभी डिलिवरी में एक सप्ताह का समय लग सकता है। इसलिए सीजर नहीं होगा। ऐसे में परिजनों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि गर्भवति को 18 घंटे तक भूखा रखा है। ऐसे में यदि उसकी जान चली जाती तो कौन जिम्मेदार होता। इस मामले में सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई गई।
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अब उपचार के बीच ही कह रहे अस्पताल से घर जाओ
चर्चा के दौरान जगदीश ने बताया कि उसकी पत्नी को इंफेक्शन होने के कारण उसका जिला अस्पताल में ही उपचार चल रहा है। यहां पर एक डॉक्टर ने कहा कि अभी 4-5 महिला को यहीं पर भर्ती रखना होगा। तब तक इंफेक्शन खत्म हो जाएगा। वहीं दूसरी डॉक्टर ने आकर कह दिया कि इन्हें डिस्चार्ज करो और ले जाओ। परिजनों का कहना है कि जब तक उपचार पूरा नहीं होता तब तक वो मरीज को लेकर यहां से नहीं जाएंगे।
इनका कहना है
मामले की जानकारी मुझे मिली थी। ऐसे में मैंने आरएमओ को भेजकर पूरी जांच कराई। अभी उक्त महिला का प्री-टाइम चल रहा है ऐसे में समय से पहले डिलिवरी करने से मामला सिरियस हो जाता। इसलिए समय पूरा होने के बाद ही डिलिवरी कराई जा सकती है। रुपए की मांग करने जैसी कोई बात नहीं हैं।
– डॉ. राजू निदारिया, सीएमएचओ-शाजापुर