VIDEO-9 सूत्रीय मांगो को लेकर सोसायटी फ़ॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स म प्र की जिला इकाई शाजपुर का एलान 12 जुलाई को जिले के सभी निजी विद्यालय रहेंगे बंद, खबर में देखें क्या बोले जिला अध्यक्ष
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10 हजार परिवार झेलेंगे बेरोजगारी का दंश
शाजापुर-शहजाद खान
आज शाजापुर में निजी स्कूल संचालको की बैठक हुई इसमे संघ के अध्यक्ष में कहा कि
हम सोसायटी ऑफ़ प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स मध्य प्रदेश, एसोसिएशन ऑफ़ अन – एडिड प्राइवेट स्कूल्ज मध्य प्रदेश, अशासकीय शिक्षण संस्था संगठन, बैरागढ़ भोपाल, जबलपुर अन – एडिड स्कूल्ज एसोसिएशन, इंडिपेंडेंट स्कूल्ज एलाइंस इंदौर, ग्वालियर प्राइवेट स्कूल्ज एसोसिएशन समिती, सहोदया ग्रुप ऑफ़ सीबीएसई स्कूल्ज, भोपाल, ग्वालियर सहोदया काम्प्लेक्स, ग्वालियर, सभी संस्थायें मिलाकर राज्य में सीबीएसई, आईसीएसई और एमपी बोर्ड से संबद्ध लगभग 20,000 से ज्यादा गैर अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
विगत 18 माह से पूरा विश्व कोरोना की महामारी से जुझ रहा है, महामारी की द्वितीय लहर ने हमें इसकी भयावहता से परिचित करवाया है और एक्सपर्ट्स की माने तो महामारी की तीसरी लहर आने की भी पूरी संभावना नही है। इस महामारी से सभी व्यावसयिक क्षेत्र प्रभावित हुए हैं, किन्तु स्कुली शिक्षा सबसे अधिक प्रभावित हुई है । कक्षा नौवीं से बारहवीं के विद्यार्थियों को छोड़ कर जिन्होंने 2 – 3 माह स्कूल अटेंड किया है, अन्य सभी विद्यार्थी विगत 16 माह से स्कूल आकर शिक्षा ग्रहण करने से वंचित है । इस से उनके शिक्षण की ही नहीं वरन मानसिक एवं शारीरिक विकास की भी हानि हो रही है।
लॉकडाऊन के समय प्राइवेट स्कूल्ज द्वारा ऑनलाइन शिक्षण को जिस प्रकार सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया है वह बच्चों के लिए लाभकारी सिद्ध हुई है किन्तु केवल ऑनलाइन शिक्षण बच्चों के लिए काफी नहीं है ।
आज कोरोना महामारी द्वितीय लहर गुजरने के पश्चात एक ओर जहां सरकार ने हर क्षेत्र में ढील देते हुए व्यापार एवं सेवाओं को बहाल किया है वही दूसरी ओर शिक्षण संस्थाएं आज भी बंद ही हैं। बच्चे अकेले अथवा अपने पालकों के साथ बाजार, मॉल, शादी, पिकनिक, मेले, भ्रमण इत्यादि में जा रहे है केवल स्कूल जाने पर ही रोक लगी है।
इसी तारतम्य में के प्रदेश यशस्वी मुख्यमंत्री महोदय द्वारा कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के चलते विद्यालयों को बंद रखने की घोषणा की गई, साथ में यह भी कहा गया की कोई निजी विद्यालय इस सत्र में भी फीस नहीं बढ़ाएंगे, और विद्यार्थियों से केवल शिक्षण शुल्क (ट्यूशन फीस) ही लेंगे।
मुख्यमंत्री महोदय द्वारा की गई घोषणा ने पूरे प्रदेश के शिक्षकों, विद्यार्थियों, पालकों एवं शिक्षाविदों को हिला कर रख दिया है। सरकार के पक्षपातपूर्ण (सौतेले) रवैये से सभी व्यथित है । अतः आज प्रदेश की सभी प्रमुख प्राइवेट संस्थाओं की एसोसिएशन प्रेस के माध्यम से सरकार के समक्ष 8 सूत्रीय मांगे रख रही ताकि प्रदेश में प्राइवेट शिक्षण संस्थान जीवित रह सके:-
सरकार से हमारी 9 माँगें :-
1. कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के चलते स्कूल बंद रखे जाने का बगैर सोचे समझे लिये गया निर्णय तत्काल वापस ले।
2. चूँकि शिक्षा हमेशा से सरकार हेतु प्राथमिक विषय रहा है अतः
I. प्रदेश के सभी निजी विद्यालयों हेतु आर्थिक पैकेज घोषित किया जाये, जिसके अन्तर्गत उनके द्वारा लिए गए ऋण पर लगने वाले ब्याज की प्रतिपूर्ति हो सके और वे दिवालिया होने से बच सकें।
II. सभी शिक्षण संस्थानों के बिजली बिल उपयोग के अनुसार लेते हुए पुराने बिल समायोजित किये जायें।
III. भू व्यपवर्तन कर, संपत्ति कर, स्कूल के वाहनो का रोड टैक्स एवं परमिट शुक्ल वर्ष 20-21 एवं 21 -22 हेतु शून्य किया जावे।
IV. RTE के अंतर्गत प्रवेशित विद्यार्थोंयों की शिक्षण सत्र 20 – 21 तक की बकाया शुल्क की प्रतिपूर्ति शीघ्र की जावे।
3. केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में जारी दिशानिर्देशों / SOP के अनुसार कक्षा नौंवी से बारहवीं के स्कूल तुरंत खोले जाए। कक्षा 9 वीं से 12वी की कक्षाओं के सफलतापूर्वक संचालन के बाद अन्य कक्षाएं भी खोली जाए।
4. माननीय उच्च एवं उच्चतम न्यायलय के निर्णयानुसार केवल शिक्षण शुल्क (ट्यूशन फीस) ही लेने का आदेश सत्र 20 -21 हेतु था, अतः सत्र 21 -22 में विद्यालयों को शिक्षण शुल्क के साथ साथ अन्य शुल्क जैसे वार्षिक शुल्क, विकास शुल्क, इत्यादि लेने की अनुमति दी जावे।
5. शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत जैसे स्कूल बच्चों की नियमित शिक्षा देने हेतु बाध्य है उसी प्रकार माता-पिता को भी अपने बच्चे की निर्बाध शिक्षण हेतु स्कूल की फीस भुगतान हेतु आदेश जारी होना चाहिए। साथ ही यदि वे जानबूझकर स्कूल फीस के भुगतान में देरी / आनाकानी करते है तो उन्हें विलम्ब शुल्क देने हेतु बाध्य किया जाना चाहिए।
6. मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा मार्च में नोटिस जारी किया गया था कि कोई भी स्कूल बिना टीसी के किसी अन्य विद्यालय में अध्ययनरत बच्चे को प्रवेश नहीं देगा परंतु कई निजी एवं सरकारी विद्यालय बिना टीसी के बच्चों को प्रवेश दे रहे हैं ऐसे स्कूलों पर शिक्षा विभाग को कार्यवाही करनी चाहिए l
7. राज्य सरकार एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार जो पालक अपने बच्चों का शिक्षण शुक्ल अभी भी जमा नही कर रहे है उन्हें अगली कक्षा में किसी भी सूरत में प्रमोट नहीं किया जाना चाहिए।
8. सरकार प्राइवेट स्कूल संचालकों के साथ मिलकर मंथन करे साथ ही निजी स्कूलों के बारे में निर्णय लेते समय निजी स्कूल एसोसिएशन को निर्णय लेने की प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए। ताकि प्रदेश में विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की अकादमिक क्षति ना हो ।
9. माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्धता प्राप्त स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण 5 वर्ष के लिए कर दी जाए जैसा कि शिक्षा मंत्री ने स्वयं इस बात की घोषणा की थी
विदित हो कि शासन एवं कोर्ट के ट्यूशन फीस का भुगतान करने के आदेश के बावजूद मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में 50 प्रतिशत विधार्थियों ने शिक्षण शुल्क का भुगतान नहीं किया है। इस कारण प्रदेश के हज़ारों शिक्षण संस्थान भयंकर आर्थिक संकट का सामना कर रहे है और उनकी व्यस्थाएं चरमरा चुकी है। यदि सरकार अब नहीं चेती तो प्रदेश के 15 लाख परिवार भी इन संस्थाओं से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं उनके समक्ष जीवनयापन का संकट उत्पन्न हो जावेगा।
अतः हमारा सरकार से अनुरोध है की शीघ्र निर्णय ले, यदि सरकार हमारी मांगों पर यथोचित निर्णय नहीं लेती है तो 12 जुलाई 2021 से प्रदेश के सभी निजी विद्यालय अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिए जायेंगे। जिसमे ऑनलाइन क्लास भी बन्द रखी जावेगी। साथ ही विरोधस्वरुप सभी प्रिंसिपल/ संचालक/ कोऑर्डिनेटर संकुल द्वारा बनाये गए व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ देंगे और कोई भी शासकीय कार्य एवं शासन के आदेश का पालन नहीं करेंगे।