शाजापुर, 08 मई 2021/ कलेक्टर श्री दिनेश जैन की अध्यक्षता में आज जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक संपन्न हुई। जिला स्वास्थ समिति में जिले के 07 निजी चिकित्सालयों एवं 05 शासकीय चिकित्सालयों को कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए आगामी 3 माह के लिए आयुष्मान योजना से जोड़ने के सूचीबद्ध करने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्रीमती मिशा सिंह, सीएमएचओ डॉ. आर. निदारिया, डीएचओ डॉ. प्रकाश पंडित, कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ् यांत्रिकी श्री विजय सिंह चौहान, जिला शिक्षा अधिकारी श्री यू.यू. भिड़े, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. दीपक पिप्पल सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में शाजापुर के निजी चिकित्सालय व्यास नर्सिंग होम, वरदान फ्रेक्चर एण्ड जनरल हॉस्पिटल, मेट्रो चिकित्सालय, सिटी हॉस्पिटल एवं गोहिल संपूर्ण हॉस्पिटल तथा शुजालपुर के जश हॉस्पिटल एवं आरोग्य हॉस्पिटल को कोविड-19 के उपचार के लिए आगामी 03 तीन माह तक की अवधि हेतु आयुष्मान योजना से जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इसी तरह जिले के सिविल हास्पिटल शुजालपुर (मंडी) एवं अकोदिया तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मो. बड़ोदिया, पोलायकला व कालापीपल को भी आयुष्मान योजना से जोड़ने का निर्णय लिया गया। जिले के जिला चिकित्सालय एवं शुजालपुर का सिविल अस्पताल निजी चिकित्सालयों को वर्तमान में आयुष्मान योजना के तहत केवल कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए ही जोड़ा गया है। इन चिकित्सालयों में अन्य बीमारियों के ईलाज के लिए आयुष्मान योजना लागू नहीं होगी।
कलेक्टर ने कहा कि इन निजी चिकित्सालयों में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए आयुष्मान कार्ड धारक का नि:शुल्क उपचार होगा। उन्हें उपचार की राशि चिकित्सालयों का नहीं देना पड़ेगी। आयुष्मान योजना के तहत पैकेजेस में लगभग 40 प्रतिशत राशि बढ़ा दी गई है। कलेक्टर ने कहा कि गरीब व्यक्तियों को कोविड-19 के उपचार में दिक्कत नहीं आयेगी। परिवार के पास यदि एक आयुष्मान कार्ड है तो पूरे परिवार का उपचार नि:शुल्क किया जायेगा। कलेक्टर ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए भी फीवर क्लिनिक में ही हेल्प डेस्क लगाकर व्यवस्था की जा रही है। यदि कोई व्यक्ति फीवर क्लिनिक में उपचार के लिए आता है और उसके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है तो उसका कार्ड वहीं बना दिया जायेगा। इन निजी चिकित्सालयों में कोविड-19 से संक्रमित आयुष्मान कार्डधारी मरीजों के उपचार में मरीजों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आए, इसके लिए नोडल अधिकारी भी बनाए गए हैं। इसके अलावा जिला मुख्यालय पर एक शिकायत केन्द्र भी बनाया जायेगा।