शाजापुर। इस वर्ष भी दस दिवसीय मोहर्रम पर्व शांति और सौहार्द के साथ संपन्न हुआ। प्रतिवर्ष मोहर्रम पर्व पर शहर में दुलदुल और ताजियों का जुलूस निकाला जाता रहा है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष शहर मोहर्रम कमेटी के सदर बाबू खान खरखरे की अपील पर शासन-प्रशासन का सहयोग करते हुए मुस्लिम समाज के लोगों ने किसी भी तरह के जुलूस-जलसे का आयोजन नही किया। उल्लेखनीय है कि श्री खरखरे ने अपनी अंतिम सांस के पूर्व समाज के लोगों से अपील की थी कि वे मोहर्रम पर्व का त्यौहार शासन द्वारा तय गाईड लाइन के अनुसार मनाएं और कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस साल किसी भी तरह के जुलूस नही निकालें। श्री खरखरे की इस अपील पर समाज के लोगों ने सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा को जनहित के चलते इस वर्ष छोड़ दिया और मोहर्रम के दस दिनों तक किसी भी तरह के सार्वजनिक अखाड़े, जुलूस और लंगरों का आयोजन नही किया गया। मोहर्रम कमेटी के अशफाक पटेल, रफीक पेंटर, सलीम ठेकेदार, शेख शमीम शम्मू, अजीज मंसूरी, नानी गफ्फार, मिर्जा सोहराब बेग, अकरम पार्षद, शकील वारसी, बाबू भाई ऐरिकेशन, सफदर अली, अजगर अली, पप्पू सदर, हनीफ राही, डॉ मौजूद, आरिफ मिर्जा, शेख जम्मू, आबिद खान, अनवर खान, अकरम खान, जाकिर खान, आजाद खान, अकील नूरमंडी ने प्रशासन का सहयोग करने पर समाज के लोगों का आभार व्यक्त किया है।
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