बोइंग ने दिए न भूल पाने वाले जख्म, गुजरात में ‘उड़ता ताबूत’ बना ‘ड्रीमलाइनर’

अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने सबको झकझोर दिया है. 242 लोगों से भरा विमान, रनवे से उड़ान भरने के बाद आग के गुबार में तब्दील हो गया. हादसे में विमान में सवार सिर्फ 1 इंसान की जान बची. गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया. एअर इंडिया की उड़ान संख्या AI-171 अहमदाबाद से लंदन जा रही थी. प्लेन जिस बिल्डिंग से टकराया, वहां अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के डॉक्टर्स रहते थे. हादसे में कम से कम 3 डॉक्टर्स की भी मौत हुई है. गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि विमान में सवा लाख लीटर ईधन भरा हुआ था. उससे आग का ऐसा गुबार उठा कि किसी को बचने और बचाने का कोई मौका नहीं मिला.

इस हादसे पर और बात करने से पहले बोइंग के विमानों की जिक्र जरूरी है.2018 से 2024 के बीच दुनिया भर में बोइंग के कई विमान हादसों का शिकार हुए हैं, जिसके बाद बोइंग कंपनी सवालों के घेरे में रही है. कुछ दिन पहले बोइंग के पूर्व इंजीनियर और बाद में व्हिसलब्लोअर बन गए सैम सालेहपोर ने दुनिया भर के सभी 787 ड्रीमलाइनर जेट विमानों को उड़ान से रोकने की अपील की थी. सैम सालेहपोर ने दावा किया था कि बोइंग 787 और 777 में गंभीर तकनीकी खामियां हैं. अब बात करते हैं अहमदाबाद विमान हादसे की.

दोपहर 1 बजकर 10 मिनट

सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट अहमदाबाद से एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI-171 में बोर्डिंग पूरी हुई. अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट रनवे पर टेकऑफ के लिए तैयार हो गई. ATC ने ALL OK का सिग्नल दिया. 1 बजकर 38 मिनट पर फ्लाइट एयरपोर्ट के रनवे नंबर 23 पर पहुंची और अगले ही मिनट फ्लाइट ने रनवे छोड़ दिया.

अब तक सब कुछ सामान्य था. टेक ऑफ के 1 मिनट के अंदर प्लेन हवा में 625 फीट की ऊंचाई पर पहुंच गया. मगर, अगले ही मिनट गंभीर गड़बड़ी का पहला सिग्नल मिला. 1 बजकर 40 मिनट पर पायलट ने ATC को MAYDAY की कॉल दी. एयर ट्रैफिक कंट्रोल तुरंत एक्टिव हो गया. प्लेन के पायलेट से संपर्क करने और मदद पहुंचाने के लिए कई कॉल किए लेकिन विमान की तरफ से उत्तर नहीं मिला. उसके 4 मिनट के अंदर वो हो गया, जिसकी किसी ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी.

दोपहर 1 बजकर 45 मिनट

एयरपोर्ट से थोड़ी ही दूर अहमदाबाद के मेघानी IGP परिसर में डॉक्टरों के हॉस्टल की इमारत में एक तेज धमाका हुआ. आग की लपटें और काले धुएं का गुबार उठा और एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI-171 में सब खत्म हो गया. सवाल है कि इन 6 मिनट यानी 360 सेकंड के दौरान ऐसा क्या हुआ, जिसने हवा में उड़ान भरती फ्लाइट को आग के गुबार में बदल दिया.

एयर इंडिया का ये विमान सीधे बीजे हॉस्टल की बिल्डिंग के ऊपर गिरा. हादसे की वजह से हॉस्टल के अंदर भारी नुकसान हुआ. हादसे के कुछ देर बाद वहां रेस्क्यू टीम पहुंची. आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू हुई. विमान हादसे की वजह से कई गाड़ियों में आग लग गई. जिस पर काफी मशक्कत के बाद काबू किया जा सका. ये हॉस्टल अहमदाबाद एयरपोर्ट से करीब 15 किलोमीटर दूर BJ मेडिकल कॉलेज का हिस्सा है.

इमारत में 50 से 60 डॉक्टर थे

हॉस्टल के ऊपरी फ्लोर पर डाइनिंग एरिया था, जिस वक्त प्लेन इस इमारत से टकराया, तब टॉप फ्लोर पर बनी इस कैंटीन में कई मेडिकल छात्र मौजूद थे और खाना खा रहे थे. हादसे के समय इमारत में 50 से 60 डॉक्टर मौजूद थे. विमान टकराने के बाद उठे आग के गुबार की चपेट में आकर हॉस्टल के अंदर मौजूद कई मेडिकल छात्रों की जान चली गई.

अहमदाबाद विमान हादसे पर Federation of All India Medical Association के मुताबिक विमान हादसे में 50 से 60 MBBS छात्र घायल हैं. इनमें से कई छात्रों की हालत गंभीर बनी हुई है. हादसे के बाद से 4 से 5 MBBS छात्र लापता हैं. FAIMA ने तत्काल रक्तदान की अपील की.

सवाल यही है कि आखिर ये विमान हादसा क्यों और कैसे हुआ? अहमदबाद में जिस विमान में ये दर्दनाक हादसा हुआ, वो एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन है. ये एक आधुनिक एयरक्राफ्ट है. ये विमान 12 साल पुराना था और सितंबर 2012 में एयर इंडिया के बेड़े में शामिल हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक 15 साल में पहली बार बोइंग-787 ड्रीम लाइनर इस तरह क्रैश हुआ है. विमान कैसे क्रैश हुआ इस पर एविएशन एक्सपर्ट फिलहाल कई तरह के अंदाज लगा रहे हैं.

विमान में क्या हुआ होगा?

पहला अंदाजा ये है कि विमान में तकनीकी खराबी आई होगी. विमान का तेजी से नीचे गिरना और टेक ऑफ के बाद सिग्नल खो देना इसकी वजह मानी जा रही है. विमान में मैकेनिकल और सिस्टम फेल्योर एकसाथ होने की आशंका है. हालांकि अभी इसके सबूत नहीं मिले हैं. दूसरा अंदाजा है मानवीय भूल. हालांकि दोनों पायलटों को उड़ान का लंबा अनुभव था, लेकिन विमान की कम ऊंचाई और अचानक आई गड़बड़ी के कारण पायलट विमान पर नियंत्रण नहीं कर पाए होंगे.

एयरपोर्ट और ATC की गड़बड़ी

उड़ान के कुछ देर बाद विमान से ATC का संपर्क कट गया. ATC और पायलट के बीच मिसक्म्युनिकेशन के सबूत नहीं हैं. हालांकि ATC-पायलट की बातचीत की जांच की जाएगी. एयरपोर्ट की ऑपरेशन में भी कमी के कोई सबूत नहीं हैं. ड्रीमलाइनर विमान ‘डेथलाइनर’ कैसे बन गया इसे लेकर अब तमाम सवाल उठ रहे हैं. विमान से अगर कोई चिड़िया टकराई तो ज्यादा से ज्यादा एक इंजन फेल होना चाहिए था लेकिन सवाल ये है कि दोनों इंजन फेल कैसे हो गए?

विमान को देखकर ऐसा लग रहा है कि उसके अंदर ताकत नहीं लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि क्रैश के वक्त प्लेन का लैंडिंग गियर भी डाउन थे. जबकि उन्हें अप यानी ऊपर की तरफ होना चाहिए था. अब विमान हादसे की जांच की जाएगी. AAIB यानी एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो और DGCA यानी डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एयविएशन ने घटनास्थल के लिए टीम रवाना कर दी है.

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