उत्तर प्रदेश के बरेली की रहने वाली इल्मा की इच्छा उसके इंतकाल के बाद भी पूरी नहीं हुई. उसे न तो मस्जिद में जगह मिली, न दरगाह में और आखिर में जब उसका जनाजा कब्रिस्तान पहुंचा तो लोगों ने वहां भी उसका विरोध कर डाला. हालांकि, आखिर में पुलिस के दखल के बाद कब्रिस्तान में उसके जनाजे को जगह मिल ही गई.
दरअसल, इल्मा ने दो साल पहले चाहबाई निवासी राहुल से मुस्लिम रीति-रिवाज से निकाह किया था. निकाह के बाद इल्मा की इच्छा थी कि जब उसका इंतकाल हो, तो उसे इस्लामी तरीके से दफनाया जाए और जनाजे की नमाज पढ़ी जाए. उसकी यह आखिरी ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी.