उत्तर प्रदेश सरकार ने वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के लिए अध्यादेश जारी कर ट्रस्ट बनाया. अब इस ट्रस्ट का विरोध तेज होने लगा है. सेवायतों ने चेतावनी दी है कि वो वो बांके बिहारी मंदिर के विग्रह को कहीं और लेकर चले जाएंगे. अभी वृंदावन के मंदिर में जो बांके बिहारी जी का विग्रह है वो साल 1864 में स्थापित किया गया था. सबसे पहले बांके बिहारी जी निधि वन में थे.
मान्याओं के अनुसार, निधि वन से औरंगजेब के हमलों से बांके बिहारी जी को बचाने के लिए उनको राजस्थान के करौली और फिर भरतपुर ले जाया गया. बताया जाता है कि साल 1864 से पहले बांके बिहारी जी अगल-अलग समय में सात जगह पर विराजे थे. वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट सेवायत की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि सर्वोच्च अदालत की छुट्टियां खत्म हो जाने के बाद सरकार की ओर से जारी किए गए अध्यादेश को चुनौती दी जाएगी.