50 मौतें-1500 घायल, 30 हजार बेघर… जब भूकंप से थर्रा गया था जबलपुर; रूह कंपा देती हैं 28 साल पुरानी यादें
मध्य प्रदेश में जबलपुर के लोग 22 मई को कैसे भूल सकते हैं. यह वही तारीख है जब साल 1997 में आए भूकंप ने भयानक तबाही मचाई थी. इस विनाशकारी घटना में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 1,500 से अधिक लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे. इसी प्रकार करीब 30 हजार से अधिक लोग बेघर हो गए. इस घटना में 600 करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी और निजी संपत्तियों का नुकसान हुआ था. इस घटना की आज 28वीं बरसी है. लोगों के दिलो दिमाग पर इस घटना की ऐसी छाप पड़ी है कि लोग आज भी इसे सुनकर या यादकर सिहर उठते हैं.
स्थानीय लोगों के मुताबिक घड़ी में सुबह के 4 बजकर 21 मिनट 31 सेकेंड बज रहे थे. उस समय ज्यादातर लोग गहरी नींद के आगोश में थे. वहीं कुछेक लोग दिनचर्या के मुताबिक जगकर अपने कामधाम कर रहे थे. ठीक उसी समय ऐसा भूकंप आया कि धरती हिलने के बजाय लोगों को झकझोरने लगी. इस भूकंप का केंद्र जबलपुर के पास बरेला के कोशमघाट क्षेत्र था. उस समय रिक्टर स्केल पर 5.8 तीव्रता दर्ज हुई थी. इस हादसे की तीव्रता का अंदाजा केवल इतने से ही लगाया जा सकता है कि 200 से अधिक छोटे बड़े मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए. वहीं 400 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त होकर खंडहर में तब्दील हो गए.