मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से हैरान कर देने वाला घटना सामने आई है. यहां उपसरपंच को आदिवासी युवती से विवाह करना बहुत महंगा पड़ गया. दरअसल, ये पूरी घटना छिंदवाड़ा जिले हर्रई ब्लॉक के सालढाना गांव की है. सालढाना गांव के उपसरपंच उरदलाल यादव के एक आदिवासी युवती से विवाह के बाद गांव भर में हलचल मच गई.
समाज के ठेकेदारों को उपसरपंच उरदलाल यादव का आदिवासी युवती से विवाह कर लेना बेहद नागावार गुजरा. बस फिर क्या था दस गांवों के सरपंचों की पंचायत बैठी और उपसरपंच ये लिए ये आदेश जारी किया गया कि वो 1.30 लाख जुर्माना भर दे या फिर समाज से बहिष्कार झेले. दरअसल, ये सारी घटना पिछले साल सितंबर में घटी.
प्यार बन गया गुनाह
सालढाना, चुड़ी बाजवा, काराघाट, करेली, मुरकाखेड़ा, चौरासी और आंचलकुंड सहित 10 गांवों के सरपंच आए. एक संयुक्त पंचायत बैठी, जिसमें फैसला सुनाया गया. उपसरपंच का गुनाह है कि उसने आदिवासी युवती से विवाह किया है. सरपंचों की ओर से कहा गया है कि अगर उरदलाल यादव ने जुर्माना नहीं भरा तो उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाएगा.
एक साल बीत गया, लेकिन…
विवाह को अब साल भर बीत गया है, लेकिन पंचायत का ‘इंसाफ’ अभी हुआ नही हैं. उपसरपंच उरदलाल यादव ने जुर्माना नहीं भरा है. अब इसी मामले में खुद को पीड़ित बताकर पेश कर रहे बिरजू जनसुनवाई में पहुंच गए. उन्होंने प्रसाशन से जुर्माना वसूलने की मांग कर दी. वहीं इस पूरे मामले के सामने आने के बाद छिंडवाड़ा प्रशासन सक्रिय हो गया है.
प्रशासन से जुर्माना वसुसने की मांग
जनसुनवाई में जो अधिकारी पहुंचे थे उन्होंने मामले को बहुत गंभीरता से लिया है. जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं. इस मामले में अगर पंचायत का फैसला असंवैधानिक और कानून के खिलाफ पाया गया तो संबंधित सरपंचों पर कार्रवाई होनी तय है. इस मामले में सालढ़ाना पंचायत के सरपंच पति सुरेंद्र ने कहा कि दस गांव की पंचायत ने सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया था, लेकिन जुर्माना अब तक नहीं भरा गया है.
वहीं उदरलाल का कहना है कि उन्होंने आदिवासी महिला से विवाह किया था, लेकिन उसमें उन दोनों की मर्जी शामिल थी. साथ ही उदरलाल ने ये भी कहा कि वो जुर्माना भरन की स्थिति में नहीं है.