भारतीय जनता पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इस सवाल का जवाब मिलने में और देरी हो सकती है. दरअसल, दो राज्यों के कारण बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव अटका है. सूत्रों के मुताबिक, संभावना है कि यह अगले महीने तक के लिए भी टल जाए. अध्यक्ष का चुनाव इस साल जनवरी में होना था, लेकिन आधा अप्रैल बीतने के बाद भी में चुनाव नहीं हो पाया है.
अध्यक्ष का चुनाव गुजरात और उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव न होने के कारण अटका हुआ है. केंद्र सरकार और पार्टी संगठन में बड़े बदलाव होंगे. नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद ये संभव है. पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक संस्था पार्लियामेंट्री बोर्ड में कद्दावर नेताओं को जगह दी जा सकती है.
नहीं बन पा रही आम राय
नए अध्यक्ष के चयन को लेकर अभी आम राय नहीं बन पा रही है. बीजेपी संगठन को मजबूत करने और उसे संभाल सकने वाले नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना चाह रही है. अध्यक्ष के चयन में राजनीतिक/जातिगत/ क्षेत्रिय संदेश देने के बजाए संगठन को मजबूत करने वाले नेता को प्राथमिकता देने की बात है.
नया अध्यक्ष बनने के बाद पचास प्रतिशत राष्ट्रीय महासचिवों की छुट्टी होगी. युवा नेताओं को बतौर महासचिव नए अध्यक्ष की टीम में जगह दी जाएगी. मौजूदा तीन महासचिवों को नई टीम में रिपीट किया जा सकता है. केंद्र सरकार से भी कुछ नेताओं को संगठन में लाया जा सकता है.
बीजेपी ने संगठन चुनावों में जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व दिया है. जिला अध्यक्षों के चुनाव में साठ वर्ष की उम्र सीमा रखी गई, हालांकि कुछ अपवाद भी हैं. इसी तरह संगठन में कम से कम दस वर्ष से सक्रिय कार्यकर्ताओं को ही चुना गया. हालांकि केरल में राजीव चंद्रशेखर इसका अपवाद हैं.
AIADMK को मिलेगी सरकार में जगह!
उधर, मोदी मंत्रिपरिषद में बिहार चुनाव से पहले फेरबदल हो सकता है. मंत्रिपरिषद में सहयोगी दलों को भी जगह मिल सकती है. इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा का चुनाव होना है. मंत्रिपरिषद में एआईएडीएमके को भी जगह मिल सकती है, जो हाल ही में NDA का हिस्सा बनी है.