60 मिनट तक सुपर ओवर… फिर भी IPL में नहीं निकला मैच का नतीजा तो होगा ऐसा

इंडियन प्रीमियर लीग में क्रिकेट फैंस को एक से बढ़कर एक रोमांचक मुकाबले देखने को मिलते हैं. लीग के 18वें सीजन की शुरुआत 22 मार्च से होने जा रही है, जहां फैंस को कई कांटेदार मैच देखने को मिलेंगे. आईपीएल में अभी तक कई बार सुपर ओवर भी खेले जा चुके हैं. सुपर ओवर का इस्तेमाल तब होता है जब दोनों टीमों का स्कोर बराबर हो जाता है. ऐसे में मैच का नतीजा निकालने के लिए सुपर ओवर के तहत एक-एक ओवर खेला जाता है. लेकिन आईपीएल में सुपर ओवर के लिए भी कई खास नहीं है.

IPL में सुपर ओवर के लिए 60 मिनट वाला नियम

साल 2019 तक मुकाबला टाई होने पर एक ही सुपर ओवर होता था. अगर सुपर ओवर भी टाई हो जाता था तो पूरे मैच में ज्यादा चौके-छक्के लगाने वाली टीमों को जीत दी जाती थी. लेकिन अब सुपर ओवर तब तक कराया जाता है जब तक मैच का नतीजा नहीं निकल जाता. हालांकि बार-बार होने वाले सुपर ओवर मुकाबलों के लिए बीसीसीआई ने समय सीमा तय कर रखी है. अगर 20-20 ओवर का मैच बराबरी पर खत्म होता है तो आईपीएल में सुपर ओवर के लिए कुल 1 घंटे का समय दिया जाता है.

यानी मेन मैच पूरा होने के एक घंटे बाद तक विजेता का फैसला करने के लिए सुपर ओवर खेले जा सकते है. लेकिन बार-बार सुपर ओवर भी टाई होते है तो एक घंटे के बाद अंपायर मैच को रोक सकते हैं. नियम के मुताबिक, अगर मैच रेफरी को लगता है कि 1 घंटे की अवधि का उल्लंघन होने वाला है, तो वह कप्तानों को सूचित करेगा कि कौन सा आखिरी सुपर ओवर होगा. अगर आखिरी सुपर ओवर में भी नतीजा नहीं निकलता है तो मैच बराबर पर ही खत्म कर दिया जाएगा और पॉइंट्स दोनों टीमों में बांटे जाएंगे.

ऐसे खेला जाता है सुपर ओवर

सुपर ओवर में दोनों टीमों को एक ओवर खेलने को मिलता है. जो टीम मैच में दूसरी पारी में बल्लेबाजी करती है, उस टीम को सुपर ओवर में पहले बल्लेबाजी करनी होती है. इस दौरान एक टीम की ओर से ज्यादा से ज्यादा तीन खिलाड़ी बल्लेबाजी कर सकते हैं. लेकिन 2 विकेट गिरते ही पारी समाप्त हो जाती है. अगर सुपर ओवर टाई हो जाता है तो दूसरे सुपर ओवर में वो टीम पहले बल्लेबाजी करती है जो पहले सुपर ओवर में बाद में बल्लेबाजी करती है. वहीं, एक बल्लेबाज कितने भी सुपर ओवर में बल्लेबाजी कर सकता है, बस उसने चोट लगे बिना मैदान ना छोड़ा होगा.

इन बातों का भी रखा जाता है ध्यान

सुपर ओवर में गेंदबाजी करने वाली टीम चुनती है कि वह किस छोर से गेंदबाजी करेगी और पिच मुकाबले वाली ही रहती है. हालांकि ग्राउंड अथॉरिटी और आईपीएल मैच रेफरी पिच बदलने का फैसला भी ले सकते हैं. इसके अलावा अंपायर उसी छोर पर खड़े होंगे जिस छोर पर उन्होंने मैच समाप्त किया था.वहीं, गेंदबाजी कप्तान को बॉल बॉक्स में से बॉल चुनने का भी मौका मिलता है और सभी सुपर ओवर में उसी बॉल का इस्तेमाल किया जाता है. दूसरी ओर दो सुपर ओवर के बीच सिर्फ 5 मिनट का भी फासला होता है. इन सब के अलावा अगर सुपर ओवर या उसके बाद के सुपर ओवर किसी भी कारण से समाप्त होने से पहले ही रद्द कर दिए जाते हैं, तो मैच को बराबरी पर खत्म कर दिया जाता है.

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